प्रारंभिक परीक्षा – हंटिंगटन रोग (Huntington disease) मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
संदर्भ:
हंगरी में सेज्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मक्खियों (ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर) का अध्ययन करके हंटिंगटन रोग को समझने में सफलता प्राप्त की।
प्रमुख बिंदु
- हंटिंगटन रोग एक वंशानुगत विकार है जिसके कारण मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में तंत्रिका कोशिकाएं (न्यूरॉन्स) धीरे-धीरे टूटने लगती हैं और अंततः मर जाती हैं।
- इसका किसी व्यक्ति की कार्यात्मक क्षमताओं पर व्यापक प्रभाव पड़ता है और आमतौर पर इसके परिणामस्वरूप चलने-फिरने, सोचने और मानसिक विकार होते हैं।
- इस विकार का नाम जॉर्ज हंटिंगटन के नाम पर रखा गया है जिन्होंने पहली बार 1800 के दशक के अंत में इसका वर्णन किया था।
हंटिंगटन रोग के प्रकार:
- वयस्कों में यह सबसे आम रूप से होता है एवं इसके लक्षण आमतौर पर 30 साल की उम्र के बाद शुरू होते हैं।
- किशोरो को हंटिंगटन रोग शुरुआत में ही बच्चों को प्रभावित करता है। हंटिंगटन बच्चों में इसके लक्षण कुछ अलग होते हैं।
हंटिंगटन रोग के कारण:
- हंटिंगटन की बीमारी एक मस्तिष्क विकार है जो एकल दोषपूर्ण जीन के कारण होता है
- किसी पीड़ित माता-पिता से उनके बच्चों को मिलता है।
- यह दोषपूर्ण हंटिंगटिन प्रोटीन से मस्तिष्क में परिवर्तन होता है जो असामान्य अनैच्छिक गतिविधियों, सोच, तर्क कौशल में गिरावट,चिड़चिड़ापन, अवसाद और अन्य परिवर्तनों का कारण बनता है।
लक्षण
- व्यक्तित्व एवं व्यवहार में परिवर्तन
- समन्वय की समस्याएँ
- बोलने में कठिनाई
- सीखने में कठिनाई
- पैर में अकड़न
- धीमी गति
निदान
- वैज्ञानिकों ने 1993 में उस दोषपूर्ण जीन की पहचान की जो हंटिंगटन रोग का कारण बनता है।
- हंटिंगटन प्रोटीन के लिए दोषपूर्ण जीन संदिग्ध हंटिंगटन रोग वाले लोगों में लक्षणों का कारण है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ।
- हंटिंगटन रोग एक वंशानुगत विकार है जिसके कारण मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में तंत्रिका कोशिकाएं (न्यूरॉन्स) धीरे-धीरे टूटने लगती हैं।
- इससे किसी व्यक्ति की कार्यात्मक क्षमताओं पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।
- इस विकार का नाम जॉर्ज हंटिंगटन के नाम पर रखा गया है ।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
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स्रोत: the hindu