हुस्कुर मद्दुरम्मा देवी जात्रा (Huskur Madduramma Devi Jatra) महोत्सव के दौरान 150 फीट से अधिक ऊँचा रथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

मद्दुरम्मा मंदिर
- अवस्थिति : कर्नाटक के बैंगलोर शहर में हुस्कुर (अनेकल तालुक) में स्थित
- निर्माण काल : चोल शासन काल में 11वीं सदी
- प्रबंधन : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा
- आराध्य देवी : देवी मद्दुरम्मा
- इनको मां शक्ति का एक प्रभावी रूप माना जाता हैं और ऐसी मान्यता है कि वे चेचक एवं हैजा जैसी संक्रामक बीमारियों का उपचार करती हैं।
- अनुश्रुति के अनुसार 20वीं सदी की शुरुआत में फैली एक महामारी मंदिर में देवी की पूजा करने के बाद शीघ्र ही समाप्त हो गई थी।
हुस्कुर मद्दुरम्मा देवी जात्रा महोत्सव के बारे में
- परिचय : मद्दुरम्मा देवी मंदिर मेला देशभर में ‘हुस्कुर मद्दुरम्मा देवी जात्रा महोत्सव’ के नाम से प्रसिद्ध है।
- पाँच दिवसीय इस महोत्सव को स्थानीय रूप से ‘कुर्जू’ के नाम से भी जाना जाता है।
- आयोजन : इस महोत्सव का आयोजन प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह (मार्च-अप्रैल) के अंतिम गुरुवार से रविवार तक किया जाता है। यहाँ भक्तगण ऊंची कुर्जूस (मूर्तियों को रखने के लिए ऊंचे मंच पर सजा हुआ फ्रेम) अर्थात रथ को देखने आते हैं।
- विशेषता : यह महोत्सव शिवालय जैसे रथों के लिए प्रसिद्ध है जिन्हें आसपास के क्षेत्रों (गाँवों) से मंदिर तक खींचा जाता है।
- प्रतिस्पर्धा : इस महोत्सव में अलग-अलग गांवों से रथ बनाने वाले ग्रामीण इस ‘रथ यात्रा’ को एक प्रतियोगिता के रूप में देखते हैं।