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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 : प्रौद्योगिकी विकास)

संदर्भ  

हाल ही में, मारुति सुजुकी, टोयोटा और होंडा जैसी वाहन निर्माता कंपनियों ने भारत में हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च किये हैं।  

क्या है हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन 

  • हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (HEV) में एक ‘आंतरिक दहन इंजन’ (Internal Combustion Engine : ICE) और एक या एक से अधिक ‘इलेक्ट्रिक मोटर’ का उपयोग किया जाता है। 
  • उल्लेखनीय है कि आई.सी.ई. पेट्रोल या डीजल पर आधारित होता है।
  • एच.ई.वी. को केवल इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा शक्ति प्राप्त होती है, जो आई.सी.ई. या दोनों द्वारा बैटरी में संग्रहीत ऊर्जा का उपयोग करता है 
  • एच.ई.वी. का पावरट्रेन (Powertrain) किसी नियमित आई.सी.ई. संचालित कार की तुलना में अधिक जटिल होता है, क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिक वाहन घटक और एक पारंपरिक आई.सी.ई. होता है।  
  • पावरट्रेन किसी कार के संचलन के लिये आवश्यक प्रत्येक घटकों का संयोजन है। यह इंजन की शक्ति को गति में परिवर्तित करके कार को गतिशील रखता है। इसमें इंजन, ट्रांसमिशन, ड्राइवशाफ्ट, एक्सल और डिफरेंशियल शामिल हैं।
  • हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन में निम्न वोल्टेज वाली सहायक बैटरी, ट्रैक्शन बैटरी पैक (TBP), विद्युत जनरेटर, ए.सी./डी.सी. कन्वर्टर, विद्युत् इलेक्ट्रॉनिक्स नियंत्रक, थर्मल प्रणाली, आई.सी.ई., ईंधन टैंक, फ्यूल फिलर, ट्रांसमिशन और एक निकास प्रणाली होता है। 
  • टी.बी.पी. का प्रयोग विद्युत मोटर के लिये विद्युत संग्रह करने के उद्देश्य से किया जाता है, जबकि थर्मल प्रणाली का प्रयोग तापमान स्थिरता के लिये किया जाता है।

एच.ई.वी. पॉवरट्रेन की कार्यप्रणाली 

  • कारों को शक्ति देने के लिये एच.ई.वी. पॉवरट्रेन को समानांतर या श्रृंखला-समानांतर (शक्ति विभाजन/पावर स्प्लिट) विधियों में डिज़ाइन किया जाता है। 
  • एक श्रृंखला एच.ई.वी. पहियों को चलाने के लिये केवल विद्युत मोटर का उपयोग करती है, जबकि आई.सी.ई. जनरेटर को बिजली प्रदान करता है, जो बैटरी को रिचार्ज करता है। 
  • ड्राइविंग की स्थिति के आधार पर एक समानांतर एच.ई.वी. वाहन को गतिशील रखने के लिये सर्वोत्तम शक्ति का उपयोग करता है। यह वाहन को गतिमान रखने के लिये इलेक्ट्रिक मोटर और आई.सी.ई. के बीच बारी-बारी से कार्य करेगा। 
  • एक श्रृंखला-समानांतर एच.ई.वी. में दोनों मॉडलों का संयोजन होता है और शक्ति विभाजित की अनुमति होती है, जिसमें वाहन को चलाने के लिये शक्ति केवल आई.सी.ई. से या बैटरी से इलेक्ट्रिक मोटर तक पहुंचाई जाती है। 
  • तीनों डिज़ाइनों में बैटरी को पुनर्योजी ब्रेकिंग तकनीक के माध्यम से चार्ज किया जाता है। 

पुनर्योजी ब्रेकिंग प्रणाली/तकनीक 

लाभ 

  • पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम (Regenerative Braking System: RBS) का उपयोग ऑटोमोटिव अनुप्रयोगों में किया जाता है। इसके कई लाभ हैं।
  • स्टॉप-एंड-गो ट्रैफिक में बेहतर ब्रेकिंग दक्षता से ईंधन की अधिक बचत होती है और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलती है। यह ऊर्जा अनुकूलन में भी मदद करता है, जिससे ऊर्जा अपव्यय न्यूनतम होता है। 

ऊर्जा पुनर्प्राप्ति

  • गतिज प्रणाली (Kinetic System) ब्रेक लगाने के दौरान नष्ट हुई ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकती है और इस ऊर्जा का उपयोग वाहन की उच्च-वोल्टेज बैटरी को रिचार्ज करने के लिये किया जा सकता है। 
  • विद्युत प्रणाली (Electric System) अचानक ब्रेक लगाने के दौरान मोटर के माध्यम से बिजली उत्पन्न करता है। अंत में, एक हाइड्रोलिक सिस्टम वाहन की गतिज ऊर्जा को संग्रहीत कर उच्च ऊर्जा को पुनः प्राप्त करता है, जो भारी वाहनों के लिये आदर्श है। 
  • एच.ई.वी. और ई.वी. की दक्षता ब्रेकिंग के दौरान अधिकतम ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने की उनकी क्षमता से निर्धारित होगी, अधिक ऊर्जा को पुन: प्राप्त करने के साथ-साथ ईंधन की खपत भी कम होगी। 
  • पुनः प्राप्त करने योग्य ऊर्जा की मात्रा वाहन की गति और रुकने के पैटर्न जैसे कारकों पर निर्भर करती है। 

हाइब्रिड तकनीक 

  लाभ 

  • हाइब्रिड तकनीक वाले वाहन बेहतर ईंधन दक्षता, न्यूनतम उत्सर्जन और अधिक शक्ति (बिजली) प्रदान करते हैं । 
  • आई.सी.ई. वाहनों की तुलना में हाइब्रिड वाहनों की डिजाइन, इंजन का छोटा आकार एवं कार का वजन आदि इन वाहनों की माँग में वृद्धि करता है। 

  चुनौतियाँ 

  • भारत में एच.ई.वी. के लिये प्रमुख चुनौती वाहनों की अत्यधिक लागत है। 
  • बैटरी, एच.ई.वी. का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिससे वाहन की लागत बढ़ जाती है। 
  • पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम एच.ई.वी. की उच्च लागत में और वृद्धि कर देता है। 

निष्कर्ष  

वर्तमान में हाइब्रिड और बैटरी विद्युत वाहनों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। साथ ही, जीवाश्म ईंधन की कीमतों में वृद्धि और स्वच्छ गतिशीलता समाधानों को अपनाने के लिये प्रतिबद्धता एवं उत्सर्जन नियंत्रण के लिये सख्त सरकारी मानदंड विद्युत वाहन बाजार के विकास को गति प्रदान करते हैं। 

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