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ICA वैश्विक सहकारी सम्मेलन

प्रारंभिक परीक्षा

(समसामयिक घटनाक्रम)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय, विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका)

संदर्भ 

प्रधानमंत्री मोदी ने 25 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) वैश्विक सहकारी सम्मेलन- 2024’ का उद्घाटन किया। साथ ही, इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया गया।

ICA वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 के बारे में

  • क्या है : यह सम्मेलन वैश्विक सहकारी आंदोलन के लिए अग्रणी निकाय है।
  • सम्मेलन का विषय : ‘सहकारिता सभी के लिए समृद्धि का निर्माण करती है’
    • भारत सरकार के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • आयोजनकर्ता : भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) द्वारा ICA, भारत सरकार तथा भारतीय सहकारी संस्थाओं ‘अमूल’ एवं ‘कृभको’ के सहयोग से
  • समयावधि : 25 से 30 नवंबर, 2024 तक
  • विशेष : ICA के 130 वर्षों के इतिहास में पहली बार ICA वैश्विक सहकारी सम्मेलन और ICA महासभा का आयोजन भारत में किया जा रहा है।
  • भागीदार : भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग टोबगे और फिजी के उप-प्रधानमंत्री मनोआ कामिकामिका और 100 से अधिक देशों के लगभग 3,000 प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के बारे में

  • प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया।
  • थीम : ‘सहकारिता एक बेहतर दुनिया का निर्माण करती है’ 
    • यह थीम सामाजिक समावेशन, आर्थिक सशक्तीकरण और सतत विकास को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित करती है। 
  • उद्देश्य : दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान करने में सहकारी उद्यमों की शक्ति को प्रदर्शित करना
  • स्मारक डाक टिकट : प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया है, जो सहकारिता आंदोलन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
  • इस टिकट पर कमल का फूल है जो शांति, शक्ति, लचीलापन एवं विकास का प्रतीक है। यह संधारणीयता व सामुदायिक विकास के सहकारी मूल्यों को दर्शाता है।
  • कमल की पांच पंखुड़ियां प्रकृति के पांच तत्वों (पंचतत्व) का प्रतिनिधित्व करती हैं जो पर्यावरण, सामाजिक एवं आर्थिक संधारणीयता के प्रति सहकारी समितियों की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
  • डिजाइन में कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन, उपभोक्ता सहकारी समितियां और आवास जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के बारे में

  • दुनिया भर में लगभग 3 मिलियन सहकारी समितियों के साथ ICA सहकारी आंदोलन के लिए शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करता है। यह सहयोग, ज्ञान के आदान-प्रदान एवं समन्वित कार्रवाई के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है।
  • वर्ष 1895 में प्रथम सहकारी कांग्रेस के दौरान लंदन में स्थापित यह सबसे पुराने और सबसे बड़े गैर-सरकारी संगठनों में से एक है।
  • ICA वैश्विक स्तर पर 1 बिलियन सहकारी सदस्यों का प्रतिनिधित्व करता है। ICA के 105 देशों में 306 से अधिक सदस्य संगठन हैं।
  • इसके सदस्यों में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सहकारी संगठन शामिल हैं जो कृषि, बैंकिंग, उपभोक्ता वस्तुएं, मत्स्य पालन, स्वास्थ्य, आवास, बीमा उद्योग एवं सेवाओं जैसे आर्थिक क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भारत में सहकारी क्षेत्र

  • भारत का राष्ट्रीय सहकारी आंदोलन दुनिया के सबसे बड़े व सबसे विविध आंदोलनों में से एक है जिसमें लाखों लोगों के साथ-साथ कृषि, बैंकिंग, आवास एवं ग्रामीण विकास जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं।
  • 14 नवंबर, 1960 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नई दिल्ली में ICA क्षेत्रीय कार्यालय एवं शिक्षा केंद्र (ICA ROEC) का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया था।
  • भारत, अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन एशिया-प्रशांत (ICA-AP) के विकास एवं सफलता में एक केंद्रीय भूमिका में रहा है।
  • सहकारी क्षेत्र के विकास के लिए वर्ष 2021 में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई।
    • इस मंत्रालय का लक्ष्य सहकारी-संचालित आर्थिक मॉडल को बढ़ावा देना है जो हर गांव तक पहुंचे और सभी क्षेत्रों में सामाजिक एवं आर्थिक सहयोग को मजबूत करे।

भारत में सहकारी समितियों के प्रकार

  • उपभोक्ता सहकारी समितियाँ : ये बिचौलियों को हटाकर उचित मूल्य पर उपभोक्ता वस्तुएँ उपलब्ध कराती हैं, जैसे- केंद्रीय भंडार एवं अपना बाज़ार
  • उत्पादक सहकारी समितियाँ : ये छोटे उत्पादकों को कच्चा माल एवं उपकरण उपलब्ध कराकर सहायता करती हैं, जैसे : APPCO और हरियाणा हैंडलूम।
  • सहकारी विपणन समितियाँ : ये छोटे उत्पादकों को उनके उत्पादों को सामूहिक रूप से विपणन करने में सहायता करती हैं, जैसे- गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ, अमूल।
  • सहकारी ऋण समितियां : ये जमा स्वीकार करके और उचित ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करके सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
  • सहकारी कृषि समितियां : ये छोटे किसानों को सामूहिक कृषि पद्धतियों से लाभान्वित होने में सक्षम बनाती हैं।
  • आवास सहकारी समितियां : ये समितियां अपने सदस्यों के लिए भूमि खरीदकर और उसका विकास करके किफायती आवास विकल्प उपलब्ध कराती हैं।

निष्कर्ष

भारत द्वारा ICA वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 की मेजबानी करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सहकारी आंदोलन द्वारा निरंतर समावेशी विकास को बढ़ावा देने और अधिक समतापूर्ण समाज के निर्माण में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में पता चलता है।

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