(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, सरकारी परियोजनाओं से संबंधित प्रश्न)
(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 - बुनियादी ढ़ांचा, निवेश मॉडल, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी से संबंधित प्रश्न)
संदर्भ
हाल ही में, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने तीन परिवर्तनकारी शहरी मिशनों (Smart Cities Minssion-SCM, Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation - AMRUT, Pradhan Mantri Awas Yojana (Urban) – PMAY-U) के 6 साल पुरे होने के उपलक्ष्य में एक आनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया।
स्मार्ट सिटी की सामान्य अवधारणा
- विश्व स्तर पर, स्मार्ट शहरों की कोई एक समान परिभाषा नहीं है। स्मार्ट शहरों की कुछ सामान्य विशेषताएँ होती है, जिनमें शामिल हैं -
- शहर तकनीकी दृष्टि से समृद्ध होते हैं।
- शहर के प्रत्येक सार्वजनिक स्थानों पर सेंसर लगे होते हैं।
- उच्च स्तर की कनेक्टिविटी मौजूद होती है।
- समस्त सुख सविधाओं से सम्पन्न घर होते हैं।
- विभिन्न एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर और सर्वव्यापी डेटा संग्रह तथा नागरिकों के लिए उपयोगी जानकारी का निरंतर प्रवाह होता है।
- यह सभी तर्क सरकारों को संसाधनों को बेहतर ढंग से आवंटित करने और दक्षता बढाने तथा जीवन स्तर में सुधार करने के लिये समय पर निर्णय लेने में मदद कर सकता है।
भारतीय शहरों की सीमाएँ
- बुनियादी ढाँचे की कमी।
- अपर्याप्त जल आपूर्ति।
- अपशिष्ट प्रबंधन।
- सीवरेज और परिवहन व्यवस्था।
- प्रदूषण का उच्च स्तर।
- जलवायु परिवर्तन के साथ बाढ़ और सूखे की बारम्बारता।
वर्तमान स्वास्थ्य परिस्थिति और स्मार्ट सिटी पुरस्कार, 2020
- कोविड महामारी ने शहरी जीवन को बाधित कर दिया और लोगों को लंबे समय तक घर के अंदर ही रहना पड़ा।
- इस महामारी ने आर्थिक प्रक्रियाओं को बाधित किया और जीवंत शहरी जीवन को पंगु बना दिया।
- महामारी के प्रकोप में हज़ारों लोगों को दुर्लभ स्वास्थ्य सुविधाओं में आपातकालीन चिकित्सा देखभाल की तलाश करनी पड़ी, जबकि इस दौरान आकर्षक स्मार्ट विकास कार्य बंद रहे।
- अप्रत्याशित रूप से, जब हाल ही में ‘आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय’ ने ‘स्मार्ट सिटी पुरस्कार, 2020’ की घोषणा की और योजना के एक घटक, एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्रों (ICCCs) का ध्यान स्वास्थ्य पर केंद्रित किया।
- इन केंद्रों का प्रयोग कोविड महामारी के दौरान ‘वॉर रूम’ के रूप में किया गया और मिशन के तहत विकसित अन्य स्मार्ट बुनियादी ढाँचे के साथ, सूचना प्रसार एवं संचार में सुधार के माध्यम से महामारी से लड़ने में शहरों की प्रभावी सहायता मदद का प्रभावी प्रबंधन किया।
- यह दक्षता की एक उल्लेखनीय छवि है, लेकिन यह कई राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी में महामारी की दूसरी लहर के दौरान जीवित वास्तविकता के साथ असंगत प्रतीत हुई, क्योंकि लोग सूचना और चिकित्सा देखभाल तक पहुँच के लिये संघर्ष कर रहे थे।
- फिर भी, गंभीर रूप से पीड़ित राज्यों में से एक, उत्तर प्रदेश, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के कार्यान्वयन मेट्रिक्स के शीर्ष पर पहुँच गया।
- इस राज्य ने केंद्र समर्थित योजनाओं के साथ-साथ ‘राज्य स्तरीय स्मार्ट सिटीज’ के समूह को मान्यता प्रदान की।
- इंदौर और सूरत ने संयुक्त रूप से शीर्ष शहरी स्तर के पुरस्कार जीते, जबकि मध्य प्रदेश और तमिलनाडु ने भी राज्य स्तर के पुरस्कार जीते।
ढाँचागत अभिसरण
- इन वर्षों में, स्मार्ट सिटी मिशन परियोजनाएँ अन्य बुनियादी ढाँचा कार्यक्रमों जैसे कि कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिये अटल मिशन (अमृत), पीएमएवाई (शहरी), आवास के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ परिवर्तित हो गई हैं।
- कुछ को गतिशीलता और परिवहन, ऊर्जा और कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से भी समर्थन मिलता है।
- तीसरी पंचवर्षीय योजना अवधि (1961-66) के बाद से निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा प्राथमिक शहरी बुनियादी ढाँचे पर ध्यान केंद्रित करना राष्ट्रीय नीति का हिस्सा था, हालाँकि, चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) में मुंबई और कलकत्ता से दूर छोटे शहरों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
- दशकों के धीमे प्रयोगों के बाद, कोविड-19 के बाद का युग इस सवाल को मुखर करेगा कि शहरों को कैसे विकसित होना चाहिये।
- भारत की स्मार्ट सिटी योजनाएँ वास्तव में एक संरचनात्मक बदलाव की आकांक्षा नहीं कर सकती हैं, जिसमें लोगों की आवाजाही को वाहनों के आधार पर प्राथमिकता मिलती है।
आगे की राह
- महामारी के बाद शहर सुंदर, स्वस्थ और स्मार्ट हो सकते हैं यदि, सड़क पर उपलब्ध स्थान को साइकिल यात्रा के लिये भी उपलब्ध कराया जाता है, जो सुरक्षित यात्रा का उदाहरण है और जब यात्री बड़ी संख्या में बस और रेल से लौटते हैं तो इसे विस्तारित सार्वजनिक परिवहन का पूरक माना जाता है।
- यह स्मार्ट सिटी मिशन के लक्ष्यों के अनुरूप है, लेकिन राज्य सरकारों को इसके प्रति संकल्प कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
- साइकिलें आदर्श शहरी यात्रा का प्रतिनिधित्व करती हैं। सरकार को उन्हें हाशिये से नीति के केंद्र में लाना चाहिये।
- यह उन दोनों शहरों के लिये मान्य है जिन्हें सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है और साथ ही, उन्हें ग्रीनफील्ड साइट के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- नागरिकों के लिये, वास्तविक समय नियंत्रण कक्ष तभी सार्थक हो सकते हैं जब उनके पास सूचना का एक अच्छा सार्वजनिक डैशबोर्ड हो।
- कोविड-19 समय में, इसका अर्थ है स्वास्थ्य अलर्ट, टीकाकरण, अस्पताल के बिस्तर और सामयिक सलाह तक पहुँच और प्रदूषण, वर्षा, भीड़भाड़ आदि पर डेटा के साथ पूर्ण पहुँच को सुनिश्चित करना।
- स्मार्ट शहरों की योजना का लोकतंत्रीकरण करने के लिये यह सुनिश्चित करना होगा कि समाज के हर वर्ग की इस प्रक्रिया में सहमति हो, न कि केवल डिजिटल पहुँच वाले लोगों की।
निष्कर्ष
महामारी, स्मार्ट शहरों के प्रतिमान की समीक्षा करने और सैकड़ों अन्य शहरों के मार्ग को आगे बढ़ाने के लिये उल्लेखनीय अवसर प्रदान कर सकती है ।