केरल में मानसून पूर्व हो रही बारिश के बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के दो जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। केरल में समय से पूर्व ही 30 मई 2024 तक मानसून पहुँचने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
IMD द्वारा जारी अलर्ट
लोगों को मौसम की घटनाओं और उनकी गंभीरता के बारे में सूचित रखने के लिए IMD चार रंग-कोडित चेतावनी (हरा, पीला, नारंगी और लाल) जारी करता है।
ये चेतावनी खराब मौसम की स्थिति जैसे बारिश, बर्फबारी, आंधी, तूफान, ओलावृष्टि, धूल भरी आंधी, गर्म हवाएं और ठंडी हवाएं चलने की स्थिति में जारी की जाती है।
यह चेतावनी किसी घटना के घटित होने की संभावना और प्रभाव-आधारित मूल्यांकन से संबंधित होती है, जो अधिकतम पाँच दिनों के लिए वैध होती है।
वर्षा के लिए जारी चेतावनी
ग्रीन अलर्ट (Green Alert)
ग्रीन अलर्ट यह दर्शाता है कि यद्यपि मौसम संबंधी घटना संभव है, किन्तु किसी विशेष सलाह की आवश्यकता नहीं है।
इस अलर्ट में 5 सेमी तक की वर्षा होने की सम्भावना रहती है।
इस अलर्ट बाढ़ का खतरा बहुत कम रहता है।
येलो अलर्ट (Yellow Alert)
मौसम विभाग की ओर से खराब मौसम के बारे में बताने के लिए येलो अलर्ट जारी किया जाता है।
येलो अलर्ट का मतलब होता है कि मौजूदा स्थिति में खतरा नहीं है, लेकिन कभी भी मौसम की खतरनाक स्थिति आ सकती है, इसके लिए तैयार रहें।
येलो अलर्ट जारी करने का उद्देश्य वास्तव में लोगों को सतर्क करना होता है।
इस प्रकार की चेतवानी में 7.5 से 11 मिमी. की भारी बारिश होती है जो कि अगले 1 या 2 घंटे तक जारी रहने की संभावना होती है जिसके कारण बाढ़ आने की संभावना रहती है।
ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert)
ऑरेंज अलर्ट का अर्थ होता है कि मौसम खराब हो चुका है।
मौसम विभाग के अनुसार, ऐसे में बाहर जाने से बचना चाहिए और अगर जाना जरूरी हो तो अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
इस प्रकार के अलर्ट जारी किए जाने पर चक्रवात में हवा की स्पीड लगभग 65 से 75 किमी. प्रति घंटा होती है और 11 से.मी. से 20 से.मी. तक की बारिश होने की संभावना रहती है।
इस अलर्ट में प्रभावित क्षेत्र में खतरनाक बाढ़ आने की भी आशंका होती है।
रेड अलर्ट (Red Alert)
यह अलर्ट मौसम की खतरनाक स्थिति का संकेत होता है। मौसम विभाग द्वारा बहुत ज्यादा खराब मौसम होने की आशंका पर ही रेड अलर्ट जारी किया जाता है।
रेड अलर्ट लोगों को सचेत करने के लिए जारी किया जाता है कि अब आपको अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए नियमों का पालन करना चाहिए।
'रेड अलर्ट' के तहत 24 घंटे में 20 सेमी से अधिक की भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान रहता है।
प्रभावित क्षेत्र में भयंकर बाढ़ आने की आशंका पर भी यह अलर्ट जारी किया जाता है।