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कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आई.एम.एफ़. का अध्ययन

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3:  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।) 

संदर्भ 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से वैश्विक अर्थव्यवस्था  में वर्ष 2025 से 2030 के बीच लगभग 0.5% वार्षिक वृद्धि की संभावना है, जो इसके कारण होने वाले कार्बन उत्सर्जन की लागत से अधिक है। ​

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

AI की पर्यावरणीय लागत 

  • उच्च ऊर्जा खपत 
    • AI मॉडल (जैसे ChatGPT, GPT-4, BERT) को प्रशिक्षित करने के लिए विशाल डाटासेट और गहन कंप्यूटेशनल संसाधनों की आवश्यकता होती है।
    • एक अनुमान के अनुसार, एक बड़े भाषा मॉडल को ट्रेन करने में एक कार द्वारा अपने पूरे जीवनकाल में  उपभोग की गई ऊर्जा (~ 626,000 पाउंड CO₂ तक) के बराबर ऊर्जा खर्च होती है।
    • उदाहरण: GPT-3 को ट्रेन करने में लगभग 1.287 गीगावाट-घंटे (GWh) ऊर्जा का उपभोग हुआ जो 100 घरों की सालभर की बिजली खपत के बराबर है।
    • AI  डाटा केंद्रों की बढ़ती ऊर्जा मांग के कारण वर्ष 2030 तक वैश्विक बिजली खपत 1,500 टेरावाट-घंटा तक पहुँच सकती है, जो वर्तमान में भारत की कुल खपत के बराबर है। 
  • कार्बन उत्सर्जन 
    • डाटा सेंटर में उपयोग होने वाली बिजली प्राय: जीवाश्म ईंधनों पर आधारित होती है, जिससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है।
    • इससे वर्ष 2025 से 2030 के बीच 1.2% अतिरिक्त ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का अनुमान है। ​
    • यदि AI आधारित सेवाएँ हर सेकंड बढ़ती रहें, तो यह एक नया कार्बन हॉटस्पॉट बन सकता है।
  • जल उपयोग 
    • AI मॉडल को ठंडा रखने के लिए  डाटा सेंटर्स में बड़े पैमाने पर पानी का उपयोग होता है।
    • Microsoft की एक रिपोर्ट के अनुसार, GPT मॉडल की ट्रेनिंग में लाखों लीटर पानी खर्च हुआ।
  • इलेक्ट्रॉनिक कचरा 
    • AI से जुड़ी हार्डवेयर मांग (GPU, TPUs) अधिक होती है, जिससे बार-बार हार्डवेयर अपग्रेड होता है।
    • इससे इलेक्ट्रॉनिक कचरे में वृद्धि होती है, जो अक्सर विषाक्त होता है।
  • अल्पविकसित देशों में संसाधन दोहन
    • AI चिप्स में प्रयुक्त धातुओं (जैसे कोबाल्ट, लिथियम) का विकासशील एवं अल्पविकसित देशों से निष्कर्षण किया जाता है।
    • इससे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को क्षति होने के साथ ही मानवाधिकार का भी हनन होता है।
    • AI के लाभ समान रूप से वितरित नहीं होंगे, जिससे कुछ क्षेत्रों और श्रमिक वर्गों को अधिक प्रभावित होने की संभावना है। ​

IMF की सिफारिशें

  • ग्रीन AI को अपनाना : ऊर्जा-कुशल मॉडल डिजाइन करने के साथ ही  छोटे, कम ऊर्जा खपत वाले AI मॉडल को प्राथमिकता दी जाए।
  • नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग: डाटा सेंटर्स को सौर, पवन जैसे स्रोतों से ऊर्जा देना।
  • क्लाउड कम्प्यूटिंग में सुधार: अधिक कुशल एल्गोरिद्म और हार्डवेयर अपनाना।
  • विनियमन और पारदर्शिता: कंपनियों को AI मॉडल की ट्रेनिंग से जुड़ी पर्यावरणीय जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए।

क्या है AI

कृत्रिम बुद्धिमत्ता वह तकनीक है, जिसके माध्यम से मशीनों को इंसानों जैसी सोचने, समझने, सीखने और निर्णय लेने की क्षमता दी जाती है।

AI की  विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगिता 

शिक्षा क्षेत्र (Education)

  • व्यक्तिगत शिक्षा (Personalized Learning): AI आधारित प्लेटफॉर्म जैसे BYJU'S, Coursera छात्रों के सीखने के स्तर के अनुसार कंटेंट प्रदान करते हैं।
  • स्वचालित मूल्यांकन (Automated Evaluation): एग्जाम स्कोरिंग, असाइनमेंट मूल्यांकन में AI का प्रयोग।
  • आभासी शिक्षक और ट्यूटर (Virtual Tutors): चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट (जैसे SIRI, ChatGPT) विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर देते हैं।
  • समावेशी शिक्षा (Inclusive Education): दिव्यांग छात्रों के लिए भाषा अनुवाद, वॉयस रिकग्निशन, और पाठ-से-भाषण तकनीक।

स्वास्थ्य क्षेत्र (Healthcare)

  • रोग पहचान और निदान (Disease Detection and Diagnosis): AI आधारित टूल्स (जैसे IBM Watson Health) कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग की पहचान करते हैं।
  • चिकित्सा अनुसंधान (Medical Research):  नई दवाओं, वैक्सीन और उपचार विधियों के खोज में डाटा विश्लेषण।
  • रिमोट सर्जरी और टेलीमेडिसिन (Remote Surgery & Telemedicine): AI संचालित रोबोट के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में सर्जरी संभव।
  • व्यक्तिगत उपचार (Personalized Treatment Plans): मरीज के स्वास्थ्य डाटा के आधार पर विशिष्ट उपचार योजनाएँ बनाना।

रक्षा क्षेत्र (Defence)

  • स्वचालित हथियार प्रणाली (Autonomous Weapons Systems): ड्रोन, मिसाइल सिस्टम में AI आधारित निर्णय क्षमता।
  • साइबर सुरक्षा (Cybersecurity): AI आधारित सिस्टम साइबर हमलों का पूर्वानुमान और रोकथाम करते हैं।
  • सैन्य रणनीति और प्रशिक्षण (Military Strategy and Training): वर्चुअल युद्धाभ्यास और सिमुलेशन के माध्यम से सैनिकों का प्रशिक्षण।
  • निगरानी और खुफिया जानकारी (Surveillance and Intelligence): उपग्रह डाटा विश्लेषण, सीमाओं पर सुरक्षा निगरानी।

अंतरिक्ष क्षेत्र (Space Exploration)

  • स्वचालित अंतरिक्ष यान (Autonomous Spacecrafts): NASA के रोवर (जैसे Perseverance) मंगल ग्रह पर AI के द्वारा स्वायत्त निर्णय लेते हैं।
  • डाटा विश्लेषण और ग्रहों का अध्ययन (Data Analysis and Planetary Studies): विशाल खगोल डाटा  से नए ग्रहों और आकाशीय पिंडों की खोज।
  • अंतरिक्ष मिशन प्रबंधन (Mission Management): मिशन योजना, रोबोटिक्स और कृत्रिम निर्णय प्रणाली में AI की भूमिका। इसरो (ISRO) भी मिशन गगनयान और भविष्य के मिशनों में AI तकनीक को शामिल कर रहा है।

सांस्कृतिक क्षेत्र (Cultural Sector)

  • भाषा संरक्षण (Language Preservation): विलुप्त भाषाओं को डिजिटल रूप से संरक्षित करने के लिए AI आधारित अनुवादक। जैसे- भारत सरकार का भाषिणी AI टूल 
  • कला और साहित्य सृजन (Art and Literature Creation): AI द्वारा चित्रकला, संगीत, कविता और उपन्यास लेखन (जैसे AI द्वारा निर्मित घिबली कला)।
  • संग्रहालयों और विरासत स्थलों का डिजिटलीकरण (Digitization of Museums and Heritage Sites): वर्चुअल म्यूजियम टूर और 3D मॉडलिंग।
  • फिल्म और मनोरंजन उद्योग (Film and Entertainment Industry): AI आधारित CGI (Computer Generated Imagery), स्क्रिप्ट लेखन, और साउंड एडिटिंग।

AI उपयोग की चुनौतियाँ एवं जोखिम

  • नैतिक दुविधाएँ (Ethical Dilemmas) : AI आधारित निर्णयों में मानवीय संवेदनाओं का अभाव होता है। जैसे: चिकित्सा, न्याय या युद्ध में AI निर्णय नैतिक रूप से विवादित हो सकते हैं।
  • नौकरी का विस्थापन (Job Displacement) : AI और ऑटोमेशन से विशेषकर निम्न-कुशल और मध्यम-कुशल नौकरियाँ प्रभावित होती हैं। इससे लंबे समय में बेरोजगारी व सामाजिक असमानता बढ़ सकती है।
  • डाटा गोपनीयता एवं सुरक्षा (Data Privacy & Security) : AI सिस्टम का प्रशिक्षण डाटा पर आधारित होता है, जिससे व्यक्तिगत डाटा के दुरुपयोग और साइबर खतरों की संभावना बढ़ जाती है।
  • पूर्वग्रह और पक्षपात (Bias and Discrimination) : यदि AI को प्रशिक्षित करने वाला डाटा पक्षपाती हो, तो निर्णय भी पक्षपाती होंगे। उदाहरण के लिए भर्ती प्रक्रिया, कर्ज स्वीकृति, पुलिसिंग आदि में AI भेदभाव कर सकता है।
  • विनियमन में की कमी (Lack of Regulation) : वर्तमान में AI के विकास एवं उपयोग पर वैश्विक स्तर पर एकरूप और सख्त नियमन नहीं है। इससे गलत उपयोग, जैसे डीपफेक, सर्विलांस और दुष्प्रचार की घटनाएँ बढ़ती हैं।
  • मानव नियंत्रण का अभाव (Loss of Human Control) : अत्यधिक स्वायत्त AI सिस्टम में मानव नियंत्रण सीमित हो सकता है, जिससे “black box” जैसी स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।  जहाँ यह स्पष्ट नहीं होता कि AI ने निर्णय कैसे लिया।
  • सुरक्षा खतरे (Security Threats)AI का उपयोग हथियारों, ड्रोन, हैकिंग, और साइबर युद्ध में किया जा सकता है, जिससे वैश्विक सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
  • नकली जानकारी और सोशल मीडिया हेरफेर AI द्वारा डीपफेक और झूठे समाचार फैलाकर लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रियाओं को प्रभावित किया जा सकता है।

AI के क्षेत्र में भारत की स्थिति

  • AI उद्योग का आकार: वर्ष 2025 तक भारत का AI उद्योग $28.8 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है, जिसमें 45% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) देखी जा रही है।
  • आर्थिक योगदान: AI, भारत की $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में $450-500 बिलियन का योगदान कर सकता है, जो GDP का लगभग 10% होगा।
  • AI कौशल में वृद्धि: भारत में AI कौशल वाले पेशेवरों की संख्या वर्ष 2026 तक 1 मिलियन तक पहुँचने का अनुमान है।​

भारत में AI विकासके प्रयास 

सरकारी पहल और बजट समर्थन

  • भारत AI मिशन: सरकार ने 10,300 करोड़ की योजना के तहत AI के सात प्रमुख स्तंभों पर काम शुरू किया है, जिसमें डाटा प्लेटफॉर्म, कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, कौशल विकास और नैतिक AI शामिल हैं।
  • केंद्रीय बजट 2025: सरकार ने AI शिक्षा, अनुसंधान और स्टार्टअप्स के लिए विशेष प्रावधान किए हैं, जिससे AI क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन मिला है ।​

उद्योग निवेश और सहयोग

  • Microsoft कंपनी ने भारत में Azure क्लाउड और AI क्षमताओं को बढ़ाने के लिए $3 बिलियन का निवेश करने के साथ ही वर्ष 2030 तक 10 मिलियन भारतीयों को AI में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है।
  • San Francisco स्थित डाटा एनालिटिक्स कंपनी ‘डाटाब्रिक्स ने भारत में $250 मिलियन का निवेश करने की घोषणा की है, जिसमें बेंगलुरु में एक नया R&D केंद्र और 500,000 भागीदारों एवं ग्राहकों को प्रशिक्षित करने के लिए Data + AI Academy की स्थापना शामिल है ।​

AI कौशल एवं शिक्षा

  • AI कौशल हब: भारत में AI-कुशल कार्यबल में वर्ष 2016 से 2023 तक 14 गुना वृद्धि हुई है, जिससे यह दुनिया के शीर्ष पाँच सबसे तेजी से बढ़ते AI कौशल केंद्रों में से एक बन गया है।
  • शैक्षिक संस्थान: सरकार ने Tier 2 और Tier 3 शहरों में AI डाटा लैब्स, 5G लैब्स और सेमीकंडक्टर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए हैं, जिससे ग्रामीण तथा अर्ध-शहरी क्षेत्रों में तकनीकी पहुँच बढ़ी है।​

स्वदेशी AI मॉडल और बुनियादी ढाँचा

  • राष्ट्रीय AI रणनीति: भारत सरकार ChatGPT जैसे स्वदेशी AI मॉडल विकसित करने की दिशा में काम कर रही है, जिसके लिए 18,693 GPUs की क्षमता वाला एक कंप्यूटिंग केंद्र स्थापित किया गया है ।
  • डाटा और नैतिकता: सरकार ने ‘AI for All’ पहल के तहत डाटा प्लेटफॉर्म और नैतिक AI विकास पर जोर दिया है, जिससे समाज के सभी वर्गों को AI के लाभ मिल सकें।

वैश्विक सहयोग और नेतृत्व

  • वैश्विक भागीदारी: भारत ने वर्ष 2024 में Global Partnership on Artificial Intelligence (GPAI) की अध्यक्षता की और Responsible AI for Social Empowerment (RAISE) जैसे पहलों के माध्यम से जिम्मेदार AI विकास को बढ़ावा दिया है।
  • भारत-फ्रांस AI घोषणा: भारत और फ्रांस ने संयुक्त रूप से सुरक्षित एवं विश्वसनीय AI प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए एक घोषणा की है, जो वर्ष 2030 के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होगी।​

AI के विनियमन के प्रयास

राष्ट्रीय स्तर पर

  • नीति आयोग (NITI Aayog) :
    • नीति आयोग (NITI Aayog) ने वर्ष 2020 में ‘Responsible AI for All’ शीर्षक के तहत  AI का नैतिक और न्यायसंगत उपयोग सुनिश्चित करने के लिए गाइडलाइंस जारी की।
    • थीम: समावेशी विकास (Inclusive Growth), पारदर्शिता, गोपनीयता संरक्षण, और जवाबदेही।
  • भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के प्रयास
    • MeitY (Ministry of Electronics and Information Technology): AI for All" दृष्टिकोण के अंतर्गत AI को सुरक्षित, भरोसेमंद और नैतिक बनाने पर कार्य।
    • AI पोर्टल: भारत सरकार ने AI पोर्टल (indiaai.gov.in) लॉन्च किया है, जो AI से संबंधित शोध और नीतियों का संग्रह है।
  • डाटा संरक्षण कानून (Digital Personal Data Protection Act, 2023) : यह डाटा गोपनीयता से जुड़े मुद्दों को नियंत्रित करने के लिए पहली समर्पित विधि है जिसका AI आधारित डाटा प्रोसेसिंग पर भी प्रभाव पड़ेगा।
  • निजी क्षेत्र और स्टार्टअप पहल : TATA, Reliance, Infosys, Wipro जैसे बड़े समूह AI नैतिकता और सुरक्षा के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास

  • UNESCO – AI Ethics Recommendation (2021) : यह विश्व का पहला वैश्विक मानक जो AI के नैतिक विकास और उपयोग के लिए दिशा-निर्देश देता है।
    • मुख्य सिद्धांत: मानव अधिकारों की रक्षा, पारदर्शिता, और जवाबदेही।
  • यूरोपीय संघ (EU) का  AI Act  : पहला व्यापक कानून प्रस्ताव जो AI के जोखिम-आधारित विनियमन को लागू करता है। 
    • उच्च जोखिम वाले AI सिस्टम पर सख्त नियंत्रण।
    • पारदर्शिता और मानव नियंत्रण सुनिश्चित करना।
  • OECD का AI सिद्धांत (2019) : इसके तहत 42 देशों ने मिलकर AI विकास के लिए 5 प्रमुख सिद्धांत तय किए:
    • मानव-केंद्रित AI
    • निष्पक्षता
    • सुरक्षा
    • पारदर्शिता
    • जवाबदेही
  • G7 और G20 घोषणाएँ
    • AI Guiding Principles पर सहमति।
    • AI नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसके जोखिमों को कम करने पर बल।
  • संयुक्त राष्ट्र (UN) प्रयास
    • AI के हथियारीकरण को रोकने, शांति और सुरक्षा बनाए रखने हेतु चर्चा।
    • "AI for Good" वैश्विक शिखर सम्मेलन।
  • अमेरिका की पहल
    • AI Bill of Rights (2022 Draft) : इसमें AI सिस्टमों द्वारा लोगों की निजता, सुरक्षा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए रूपरेखा का उल्लेख किया गया है।

निष्कर्ष 

IMF के अनुसार यदि AI का उपयोग जिम्मेदारी से और सतत विकास के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए किया जाए, तो यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्त्वपूर्ण अवसर हो सकता है।

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