प्रारम्भिक परीक्षा – 'तेज' चक्रवात मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1और 3 |
संदर्भ
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी दोनों जगह चक्रवाती तूफान आने की संभावना है।
प्रमुख बिंदु
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार,दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर निम्न दाब का क्षेत्र विकसित हो रहा है जिससे चक्रवाती तूफान बनने की संभावना है।
- हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण के लिए अपनाए गए फॉर्मूले के अनुसार, इस चक्रवाती तूफान को 'तेज' चक्रवात नाम दिया गया है।
- इस चक्रवात से पहले जून, 2023 में अरब सागर में आये बिपरजॉय चक्रवाती तूफान से गुजरात समेत कई तटीय राज्यों को जन-धन की क्षति का सामना करना पड़ा।
- IMD के अनुसार, 21 अक्टूबर 2023 को यह चक्रवाती तूफान भारत के तटीय राज्यों में आ सकता है।
बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दाब का क्षेत्र
- IMD के अनुसार,बंगाल की खाड़ी में भी निम्न दाब का क्षेत्र बनने के कारण लगभग 22 अक्टूबर 2023 को चक्रवाती तूफ़ान आने की संभावना व्यक्त की गई है।
- इस तूफ़ान का प्रभाव पश्चिम बंगाल, ओडिशा तथा बांग्लादेश पर भी पड़ सकता है।
अक्टूबर से दिसंबर माह में चक्रवात आने के कारण
- अक्टूबर से दिसंबर माह के मध्य समुद्र का तापमान अधिक होने के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती परिसंचरण के अनुकूल दशाएं उत्पन्न हो जाती हैं।
- वर्ष 2022 में मानसून के पश्चात् अरब सागर में कोई चक्रवाती तूफान नहीं आया था, जबकि बंगाल की खाड़ी में 2 चक्रवाती तूफान सितारंग और मैंडूस/मैंडौस आये थे।
- अरब सागर में बार-बार चक्रवात आने का कारण जलवायु परिवर्तन एवं अल नीनो का प्रभाव बताया गया है।
भारत में इस चक्रवात का प्रभाव
- इस चक्रवात/ तूफान का प्रभाव अरब सागर में स्थित तटीय देश सोमालिया , अदन की खाड़ी, यमन, ओमान, भारत एवं पाकिस्तान पर पड़ेगा।
- भारतीय राज्यों में अरब सागर से सटे तटीय राज्य गुजरात, महाराष्ट्र,कर्नाटक एवं केरल आदि राज्यों पर पड़ेगा।
- इस चक्रवात के प्रभाव से भारत के पश्चिमी तटीय राज्यों; जैसे –गुजरात में काफी जन-धन की क्षति होने की आशंका है।
- एक अनुमान के अनुसार, इस चक्रवात से भारत के तटीय राज्यों में भूस्खलन, जल भराव एवं बाढ़ आने की भी आशंका है।
चक्रवातों के नामकारण की प्रक्रिया
- हिन्द महासागर में चक्रवाती तूफानों का नाम रखने के लिए एक फॉर्मूला निर्धारित किया गया है।
- इस क्षेत्र के चक्रवातों के नाम 13 देशों द्वारा बारी-बारी से रखे जाते हैं।
- इनमें भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, पाकिस्तान, थाइलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, ओमान, यमन और UAE हैं।
- इन देशों के द्वारा 25 सालों तक के लिए चक्रवातों के नाम की सूची तैयार की जाती है।
- भारत की तरफ से प्रस्तावित चक्रवातों/ तूफानों के नाम गति, तेज, मुरासु, आग, नीर, प्रभंजन, घुरनी, अंबुद, जलधि और वेग हैं।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:-निम्नलिखित में से “तेज” चक्रवात/तूफ़ान का संबंध किससे है?
(a) बंगाल की खाड़ी
(b) अरब सागर
(c) आर्कटिक सागर
(d) भूमध्यसागर
उत्तर: (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : चक्रवात क्या है ? अरब सागर में चक्रवातों के आने के कारणों की समीक्षा करें?
|