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मानव गतिविधियों का ग्लेशियरों पर प्रभाव

चर्चा में क्यों

एक नवीन रिपोर्ट के अनुसार, अंटार्कटिका में ब्लैक कार्बन की सांद्रता अनुसंधान स्टेशनों और महाद्वीप के अन्य हिस्सों की तुलना में लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के आसपास काफी अधिक है।

प्रमुख बिंदु

  • ब्लैक कार्बन-प्रभावित क्षेत्रों में अंटार्कटिक प्रायद्वीप और संबंधित द्वीपसमूह पर प्रत्येक वर्ष गर्मियों में 23 मिलीमीटर जल घनत्व के बराबर हिम आवरण संकुचित होता जा रहा है।
  • राष्ट्रीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के प्रबंधन परिषद् और अंटार्कटिक संधि सचिवालय के अंटार्कटिक स्टेशन के आँकड़ों के अनुसार वर्तमान में अंटार्कटिक संधि क्षेत्र के भीतर 76 अनुसंधान स्टेशन सक्रिय हैं, जो गर्मियों में करीब 5,500 लोगों के लिये आवास की सुविधा प्रदान करते हैं।
  • अंटार्कटिका में स्थानीय मानवीय गतिविधियों, जैसे- हवाई जहाजों, डीजल बिजली संयंत्रों, जनरेटर, हेलीकॉप्टर्स और ट्रकों के  कारण इस क्षेत्र में ब्लैक कार्बन पदचिह्न में वृद्धि दर्ज़ की गई है।
  • जीवाश्म ईंधन, लकड़ी व अन्य ईंधन के अपूर्ण दहन से उत्सर्जित पार्टिकुलेट मैटर को ‘ब्लैक कार्बन’ कहते हैं। यह उत्सर्जन के कुछ दिन से लेकर कई सप्ताह तक वायुमंडल में स्थिर रहने वाला अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक है। यह वायुमंडलीय ताप में वृद्धि करता है।
  • हिम आवरण वाले क्षेत्रों में ब्लैक कार्बन की उपस्थिति उस क्षेत्र के एल्बिडो को कम करती है, फलत: सूर्यातप के अधिक अवशोषण से बर्फ के पिघलने की दर में वृद्धि होती है।
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