New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

एथेनॉल उत्पादन में वृद्धि के निहितार्थ

(प्रारम्भिक परीक्षा: सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा प्रश्नपत्र-3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुप्रयोग, बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण)

पृष्ठभूमि

हाल ही में, राष्ट्रीय जैवईंधन समन्वय समिति (National Bio-fuel Coordination Committee-NBCC) द्वारा ‘भारतीय खाद्य निगम’ (FCI) के पास उपलब्ध अतिरिक्त चावल से एथेनॉल बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि चावल से बने इस इस एथेनॉल का प्रयोग एल्कोहल आधारित हैंड-सैनिटाइज़र बनाने में किया जाएगा। इसके अलावा, इसे पेट्रोल में मिश्रित करने में भी प्रयोग किया जाएगा।
  • यद्यपि चीनी मिलों द्वारा हैंड-सैनिटाइज़र की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिये लगभग 100,000 लीटर प्रतिदिन तक सैनिटाइज़र विनिर्माण क्षमता को बढ़ाया गया है।

पृष्ठभूमि

  • भारत लम्बे समय से गैर-नवीकरणीय ऊर्जा हेतु दूसरे देशों पर निर्भर रहा है। इसी संदर्भ में भारत में एथेनॉल का प्रयोग पेट्रोलियम उत्पादों के साथ सम्मिश्र करने में हो रहा है।
  • इसी कड़ी में भारत सरकार द्वारा एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (EBP) की शुरुआत वर्ष 2003 में की गई थी। साथ ही, पर्यावरण सम्बंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल में एथेनॉल सम्मिश्रण का कार्यक्रम शुरू किया गया था।
  • इस कार्यक्रम से, किसानों के पारिश्रमिक तथा आजीविका में वृद्धि होने के साथ-साथ कच्चे तेल के आयात में सब्सिडी प्रदान करने व विदेशी मुद्रा की बचत में भी सहायता मिली।
  • इसके अलावा, वर्ष 2018 में जैवईंधन पर राष्ट्रीय नीति भी घोषित की गई, जिसमें कहा गया कि फसल वर्ष के दौरान कृषि मंत्रालय द्वारा अनुमानित मात्रा से अधिक खाद्यान्न आपूर्ति की स्थिति में अतिरिक्त या अधिशेष खाद्यान्न से एथेनॉल बनाने की अनुमति होगी। यह अनुमति एन.बी.सी.सी. की अनुशंसा पर आधारित होगी।

एथेनॉल और शीरा (Ethanol and Molasses)

  • एथेनॉल को ‘एथिल एल्कोहल’ भी कहते हैं। यह एक प्रकार का तरल है जिसका प्रयोग विभिन्न कार्यों में होता है। 95% शुद्धता की स्थिति में इसे रेक्टिफाइड स्पिरिट या ‘शोधित स्पिरिट’ कहते हैं। इसका प्रयोग मादक पेय (Alcoholic beverages) में नशीले घटकों (Intoxicating ingredient) के रूप में होता है।
  • लगभग 99 फीसदी शुद्धता की स्थिति में एथेनॉल का प्रयोग पेट्रोल के साथ मिलाने के लिये भी होता है।
  • ध्यातव्य है कि दोनों प्रकार के एथेनॉल शीरा से बने होते हैं। शीरा, चीनी निर्माण से प्राप्त एक उप-उत्पाद है। गन्ने में कुल किण्वनीय शर्करा (TFS) सामान्यतः 14% होती है। टी.एफ.एस. घटक में सुक्रोज के साथ-साथ शर्करा ग्लूकोज़ और फ्रक्टोज़ होता है।
  • अधिकतर टी.एफ.एस. घटक क्रिस्टलीकरण द्वारा शर्करा या चीनी में बदल जाते हैं तथा बचे हुए हिस्से को ‘शीरा’ कहते हैं। शीरा निर्माण प्रक्रिया में तीन चरण होते हैं, जिसे 'ए', 'बी' और 'सी' कहते हैं। तीसरे चरण में यह सबसे अधिक अक्रिस्टलीकृत होता है।
  • 'सी' प्रकार के शीरे में लगभग 40% तक टी.एफ.एस. होता है। इस शीरे को डिस्टलरी (Distillery) में भेजने के बाद उससे एथेनॉल प्राप्त किया जाता है।
  • प्रत्येक 100 किलो टी.एफ.एस. से 60 लीटर एथेनॉल प्राप्त किया जाता है। इस प्रकार, सामान्यत: 1 टन गन्ने से 115 किलो शर्करा तथा 45 किलो शीरा या 18 किलो टी.एफ.एस. प्राप्त होता है, जिससे लगभग 11 लीटर एथेनॉल बनाया जा सकता है।
  • मिलों द्वारा गन्ने से केवल एथेनॉल का उत्पादन भी किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में गन्ने से सम्पूर्ण 14% टी.एफ.एस. का किण्वन किया जाता है।

एथेनॉल उत्पादन के लाभ

  • मिलों के पास वर्तमान में चीनी के उच्चतम और पर्याप्त भंडार हैं। साथ ही, चीनी के अधिक उत्पादन और मूल्यों में गिरावट के कारण किसानों के बकाया भुगतान में देरी हो रही है। ऐसी स्थिति में, चीनी के स्थान पर एथेनॉल का उत्पादन किसान और मिल मालिक दोनों के लिये लाभकारी है।
  • कुछ समय पूर्व ही सरकार ने चीनी मिलों से पेट्रोल में मिलाने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कम्पनियों द्वारा खरीदे जाने वाली इथेनॉल की कीमत में वृद्धि को मंज़ूरी प्रदान की है।
  • इसके अलावा, आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने भी स्टॉक में पड़ी चीनी से भी एथेनॉल बनाने को स्वीकृति प्रदान की है। इससे किसानों के भुगतान में तेज़ी और चीनी के अधिक उत्पादन को कम किया जा सकता है।
  • सरकार द्वारा पेट्रोल के साथ 10% एथेनॉल के मिश्रण की अनिवार्यता से भी एथेनॉल उत्पादन में वृद्धि देखी जा सकती है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X