New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

रेल दुर्घटना में कवच सुरक्षा प्रणाली की सार्थकता

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में कंचनजंगा एक्सप्रेस में टक्कर रोधी प्रणाली 'कवच' नहीं होने के कारण यह एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और 46 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे।

कवच सुरक्षा प्रणाली के बारे में 

  • 'कवच' एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है जो ट्रेन के चालक द्वारा ब्रेक लगाने में विफल होने पर स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति को नियंत्रित करती है। 
  • इसे भारतीय उद्योग के साथ साझेदारी में अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
  • भारतीय रेलवे ने इस प्रणाली पर  वर्ष 2012 में काम करना शुरू किया था। 
  • शुरुआत में इस प्रोजेक्ट का नाम Train Collision Avoidance System (TCAS) था, लेकिन बाद में इसे कवच नाम दे दिया गया।

KAWACH

कवच सुरक्षा प्रणाली की विशेषताएँ

  • खतरे में सिग्नल पासिंग (SPAD) को रोकता है।
  • ड्राइवर मशीन इंटरफेस (DMI), लोको पायलट ऑपरेशन सह इंडिकेशन पैनल (LPOCIP) में सिग्नल प्रदर्शन।
  • हाई स्पीड से ट्रेन चलाने से रोकने के लिए स्वचालित ब्रेक।
  • लेवल क्रॉसिंग गेट के पास पहुंचते समय स्वचालित रूप से सीटी बजाना
  • दो ट्रेनों को आपस में टकराने से बचाना।
  • आपातकालीन स्थितियों के दौरान SoS संदेश जारी करना।
  • नेटवर्क मॉनिटर सिस्टम के माध्यम से ट्रेनों की आवाजाही की केंद्रीकृत लाइव मॉनिटरिंग

रेल दुर्घटना रोकने में कवच की सार्थकता 

  • भारतीय रेलवे के अनुसार, कवच के पास सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल 4 (SIL-4) प्रमाणन है, जो इसे 10,000 वर्षों में एक बार होने वाली कम त्रुटि संभावना देता है।
  • यह चालक द्वारा सिग्नल की अनदेखी करने या गति सीमा से अधिक गति करने पर ट्रेन को सचेत करके या रोककर दुर्घटनाओं को रोकने में सक्षम है। 
  • कवच घने कोहरे जैसे प्रतिकूल मौसम में ट्रेन संचालन का समर्थन करता है और उसी ट्रैक पर पास में किसी अन्य ट्रेन का पता लगने पर ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक सकता है। 
  • इस प्रणाली में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (RFID) भी होता है, जो रेलवे ट्रैक, रेलवे सिग्नल और प्रत्येक स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है।
  • वर्तमान में, भारतीय रेलवे के मात्र 1-2 % क्षेत्र में ही यह प्रणाली लागू की गई है।
  • रेल मंत्रालय के अनुसार, कवच को अब तक 1500 किलोमीटर के मार्ग पर स्थापित किया जा चुका है। इस  वर्ष इसे और 3000 किलोमीटर मार्गों पर स्थापित किया जाएगा।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR