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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

निर्वाचन प्रणाली में फॉर्म 17सी का महत्त्व

प्रत्येक मतदान केंद्र से संबंधित कुल मतदान प्रतिशत (Voting Percentage) का अंतिम डाटा सभी मतदान एजेंटों के साथ फॉर्म 17सी द्वारा साझा किया जाता है। लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत संबंधी कुछ मुद्दे सामने आए हैं।   

 फॉर्म 17सी के बारे में 

  • चुनाव संचालन नियम, 1961 के अनुसार दो फॉर्म में निर्वाचकों (Electors) एवं मतदाताओं (Voters) की संख्या का डाटा होता है : 
    • फॉर्म 17ए 
    • फॉर्म 17सी
  • फॉर्म 17ए मतदाताओं का एक रजिस्टर है, जिसमें मतदान अधिकारी बूथ में आने वाले प्रत्येक मतदाता का हस्ताक्षर सहित विवरण दर्ज करते हैं। 
  • मतदान समाप्ति पर सभी उम्मीदवारों को उनके पोलिंग एजेंटों के माध्यम से फॉर्म 17सी उपलब्ध कराया जाता है। इसमें निम्नलिखित जानकारियों को शामिल किया जाता है : 
    • मतदान केंद्र में उपयोग की जाने वाली ई.वी.एम. की पहचान संख्या
    • किसी निर्वाचन क्षेत्र में कुल निर्वाचक व मतदाताओं की संख्या
    • रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद अपना वोट दर्ज न करने का निर्णय लेने वाले मतदाताओं की संख्या 
    • मतदान करने की अनुमति न पाने वाले मतदाताओं की संख्या 
    • परीक्षण वोटों की कुल संख्या
    • प्रति ई.वी.एम. दर्ज किए गए वोटों की कुल संख्या
  • यह जानकारी वोटर टर्नआउट ऐप पर उपलब्ध नहीं होती है।

महत्त्व 

  • फॉर्म 17सी के भाग-II में मतगणना के परिणाम दर्ज होते हैं, जिन्हें मतगणना के दिन दर्ज किया जाता है।
  • इसके डाटा का उपयोग उम्मीदवारों द्वारा मतगणना के दिन परिणामों को सत्यापित करने के लिए भी किया जाता है। 
  • इसमें दर्ज मतदाताओं एवं वोट डालने वालों की संख्या का मिलान ई.वी.एम. की गणना से किया जा सकता है।
  • फॉर्म 17सी में उल्लेखित डाटा को अंतिम माना जाता है। इसी के आधार पर किसी चुनाव परिणाम को चुनौती दी जा सकती है।
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