(मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3: - विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।)
संदर्भ
हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार प्रत्येक सप्ताह प्रकृति में लगभग दो घंटे बिताना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिये बेहद लाभकारी हो सकता है। इसे ब्लू थेरेपी नाम दिया गया है।
ब्लू थेरेपी के शारीरिक लाभ
- चिकित्सा विज्ञान में नीला रंग शांत और सुखदायक का प्रतीक होता है। यहीं कारण है कि प्रकृति में विद्यमान नीला रंग स्वास्थ्य लाभ में सहायक होता है।
- सूक्ष्म शैवाल की उपस्थिति के कारण समुद्री वायु प्राय: शुद्ध होती है। साथ ही, बहते जल की आवाज अर्थात् प्राकृतिक ध्वनि तनाव को कम करती है।
- इसके अलावा, शहरी परिवेश में घूमने या आराम करने के विपरीत तालाब के किनारे चलने से शारीरिक मनोदशा में सुधार होता है।
ब्लू थेरेपी तक पहुँच
- ब्लू हेल्थ प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे शोधकर्ताओं के अनुसार जो लोग किसी प्रमुख जलनिकाय (एक किलोमीटर के भीतर) के पास रहते हैं, प्राय: उनका शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
- न्यू साइंटिस्ट प्रकाशन के अनुसार वनों और पार्कों जैसे हरे-भरे स्थानों की तुलना में जल निकायों का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आगे की राह
- वर्तमान में इन क्षेत्रों में अधिक संपन्न लोगों का निवास है। विशेषज्ञ वंचित समुदायों को उच्च गुणवत्ता वाले नीले स्थानों तक पहुँच प्रदान करके स्वास्थ्य और पर्यावरणीय असमानताओं को कम करना चाहते हैं।
- वहीं दूसरी तरफ जिस व्यक्ति के पास समुद्र के किनारे जाने का समय या साधन नहीं होता है, उनके द्वारा समुद्री पर्यावरण से संबंधित फिल्म या वृत्तचित्र देखने से एक तरह का प्लेसीबो प्रभाव उत्पन्न हो सकता है।