प्रारंभिक परीक्षा – विदेशी मुद्रा भंडार मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
23 फरवरी,2024 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.98 अरब डॉलर बढ़कर 619.1 अरब डॉलर हो गया।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 मार्च,2024 को यह जानकारी दी कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 23 फरवरी,2024 को समाप्त सप्ताह में 2.97 अरब डॉलर बढ़कर 619 अरब डॉलर हो गया।
- रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 23 फरवरी,2024 को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 2.40 अरब डॉलर बढ़कर 548.19 अरब डॉलर हो गयी।
- रिजर्व बैंक के अनुसार इस दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 47.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 47.85 अरब डॉलर हो गया।
- इसमें विशेष आहरण अधिकार (SDR) 8.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.19 अरब डॉलर हो गया।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास भारत की आरक्षित जमा 90 लाख डॉलर बढ़कर 4.84 अरब डॉलर हो गया।
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर,2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा था।
विदेशी मुद्रा भंडार
- विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार कहा जाता है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा, विदेशी बैंकों की जमाओं,विदेशी ट्रेज़री बिल, अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों, स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार को शामिल किया जाता है।
- विदेशी मुद्रा भंडार को भुगतान संतुलन में ‘आरक्षित परिसंपत्तियाँ’भी कहा जाता है तथा ये पूँजी खाते का हिस्सा होते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना:
- विदेशी परिसंपत्तियाँ (विदेशी कंपनियों के शेयर, डिबेंचर, बॉन्ड इत्यादि)
- स्वर्ण भंडार
- IMF के पास रिज़र्व ट्रेंच (Reserve Trench)
- विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights-SDR)
विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन में RBI की भूमिका:
- भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार के संरक्षक एवं प्रबंधक के रूप में कार्य करता है और भारत सरकार की सहमति से निर्मित समग्र नीतिगत ढाँचे के अंतर्गत कार्य करता है।
- RBI विशिष्ट उद्देश्यों के लिये विदेशी मुद्रा का आवंटन करता है।
- RBI रुपये के क्रमबद्ध संचालन के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करता है।
- जब रुपया कमज़ोर होता है तब यह डॉलर को बेंच देता है और रुपया मज़बूत होने पर पुनः डॉलर खरीद लेता है।
- RBI जब बाज़ार से डॉलर खरीदता है तो उसी अनुपात में रुपए का निर्गमन करता है ताकि बाज़ार में तरलता बनी रहे।
- भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934, RBI को विभिन्न विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार की उपलब्धता को सुनिश्चित करने का अधिकार प्रदान करता है।
- लगभग 64 प्रतिशत विदेशी मुद्रा भंडार अन्य देशों की प्रतिभूतियों जैसे- ट्रेज़री बिल इत्यादि में रखा जाता है, जिसमें मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिभूतियाँ शामिल हैं।
- लगभग 28 प्रतिशत विदेशी मुद्रा अन्य केंद्रीय बैंकों में संगृहीत की जाती है और तकरीबन 8 प्रतिशत विदेशी मुद्रा अन्य देशों के वाणिज्यिक बैंकों में भी जमा किया जाता है।
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का महत्त्व:
- विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से सरकार एवं रिजर्व बैंक को भारत के आंतरिक और वाह्य वित्तीय मुद्दों का प्रबंधन करने में सहायता मिलती है।
- विदेशी मुद्रा बाज़ार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि आवश्यक है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से भारत लगभग 17 माह तक आयात बिल को कवर करने में सक्षम होगा।
- विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से भारतीय रूपए को डॉलर के सापेक्ष मज़बूती प्राप्त होती है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि निवेशकों में आत्मविश्वास और ऊर्जा का संचार करता है।
- विदेशी मुद्रा भंडार वाह्य ऋण दायित्वों को पूरा करने में सरकार की सहायता कर सकता है।
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आपदाओं की स्थिति में बेहतर ढंग से निपटने में विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभावी भूमिका होती है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- 23 फरवरी,2024 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.98 अरब डॉलर बढ़कर 619.1 अरब डॉलर हो गया।
- भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार के संरक्षक एवं प्रबंधक के रूप में कार्य करता है और भारत सरकार की सहमति से निर्मित नीतिगत ढाँचे के अंतर्गत कार्य करता है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को भारत के आंतरिक और वाह्य वित्तीय मुद्दों का प्रबंधन करने में सहायता प्राप्त होती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : भारत के विदेशी मुद्रा भंडार से क्या तात्पर्य है ? विदेशी मुद्रा भंडार के महत्त्व का उल्लेख कीजिए।
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स्रोत:द इकोनॉमिक टाइम्स