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रुपया-रूबल भुगतान में वृद्धि

  • ‘सर्बैंक’ (Sberbank) के अनुसार, भारत व रूस के मध्य पिछले वर्ष की अपेक्षा राष्ट्रीय मुद्राओं (रुपया-रूबल) में भुगतान दुगुना हो गया है।
  • ‘सर्बैंक’ रूस का सबसे बड़ा राज्य-नियंत्रित बैंक है जो भारत से रूस को होने वाले निर्यात का अधिकांश भुगतान संभालता है।

प्रमुख बिंदु 

  • अमेरिका एवं यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों की राष्ट्रीय मुद्राओं अर्थात रुपया-रूबल में भुगतान में वृद्धि हुई है।
  • रूस पर स्विफ्ट (SWIFT) भुगतान प्रतिबंध के कारण मास्टरकार्ड एवं वीज़ा कार्ड काम नहीं करते हैं।

भुगतान में वृद्धि का प्रभाव

  • रूस से पश्चिमी कंपनियों के बाहर निकलने से पैदा हुए ‘रिक्त स्थान’ का लाभ उठाने और अपनी पैठ बनाने में भारतीय रुपए की अनुपस्थिति से चीनी व्यवसाय व युआन को सहायता मिलेगी।
    • रुपया-रूबल में भुगतान में वृद्धि से भारतीय ब्रांड एवं वस्तुएँ रूस में आसानी से व्यापार कर सकती हैं।
  • यह वृद्धि भारत एवं रूस के मध्य वर्ष 2030 तक निर्धारित 100 बिलियन डॉलर के व्यापार लक्ष्य में भी सहायक होगा।
  • रुपया-रूबल भुगतान में वृद्धि से रूस में भारतीय पर्यटकों व छात्रों को कैश ले जाने की समस्या से निजात मिलेगा।

इसे भी जानिए!

  • प्रधानमंत्री की हालिया रूस यात्रा के दौरान जारी ‘2030 तक की अवधि के लिए रूस-भारत आर्थिक सहयोग के रणनीतिक क्षेत्रों के विकास पर संयुक्त वक्तव्य’ का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश एवं धन प्रेषण को आसान व सुविधाजनक बनाने के लिए नौ विशिष्ट क्षेत्रों से निपटना है। 
  • इस वक्तव्य में जल्द-से-जल्द रूस, बेलारूस, आर्मेनिया, कजाकिस्तान व किर्गिस्तान की सदस्यता वाले समूह यूरेशियन आर्थिक संघ (EAEU) के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का भी उल्लेख किया गया है।

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