चर्चा में क्यों?
भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से पूर्वव्यापी प्रभाव से संसद सदस्यों (एमपी) के वेतन, भत्ते और पेंशन में वृद्धि को अधिसूचित किया है।

संशोधन और वेतन वृद्धि:
- मासिक वेतन 1,00,000 रुपये से बढ़ाकर 1,24,000 रुपये कर दिया गया है, जो 24% वृद्धि को दर्शाता है।
- दैनिक भत्ते को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है, जो 25% वृद्धि है।
- सांसदों की पेंशन 25,000 रुपये से बढ़ाकर 31,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है, जो 24% की वृद्धि है।
सांसदों के वेतन और भत्ते से संबंधित कानूनः
- सांसदों के वेतन और भत्तों को संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 द्वारा विनियमित किया जाता है।
- यह अधिनियम वित्त अधिनियम, 2018 द्वारा संशोधित किया गया था
- इसमें प्रावधान किया गया था कि सांसदों के वेतन और दैनिक भत्ते में हर पाँच साल में वृद्धि की जाएगी।
- सांसदों के वेतन और भत्ते आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 48 के अनुसार लागत मुद्रास्फीति सूचकांक से जुड़े हुए हैं।
- लागत मुद्रास्फीति सूचकांक भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाता है, जो तत्काल पूर्ववर्ती वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (शहरी) में औसत वृद्धि का 75% होता है।
सांसदों को मिलने वाले अतिरिक्त भत्तेः
- निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: 70,000 रुपये प्रति माह
- कार्यालय खर्च: 60,000 रुपये प्रति माह
- दैनिक भत्ता: संसद में भाग लेने के लिए प्रतिदिन 2,500 रुपये
- अतिरिक्त सुविधाएँ:
- मुफ्त यात्रा सुविधा
- सरकारी आवास सुविधा
प्रश्न: सांसदों के दैनिक भत्ते में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है?
(a) 10%
(b)15%
(c) 20%
(d) 25%
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