प्रारम्भिक परीक्षा – चक्रवात, ग्रीनहाउस गैस मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
संदर्भ
- अर्थ साइंस पत्रिका के अनुसार, हाल के दशकों में अरब सागर के ऊपर समुद्र की सतह का तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस से 1.4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तरी हिंद महासागर में बंगाल की खाड़ी की तुलना में अरब सागर हमेशा अपेक्षाकृत ठंडा था, जब तक कि लगभग चार दशक पहले इसके तापमान में बड़े बदलाव शुरू नहीं हुए।
- एक शोध पत्र में कहा गया है कि चक्रवाती तूफान (Cyclonic storm) की तीव्रता, आवृत्ति और अवधि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है
- अर्थ साइंस में बताया गया है कि अरब सागर में हालिया युग (2001-2019) के दौरान चक्रवाती तूफान की आवृत्ति में 52% की वृद्धि हुई है, जबकि बंगाल की खाड़ी में 8% की कमी हुई है।
- इसके अलावा, पिछले दो दशकों के दौरान अरब सागर में चक्रवातों की कुल अवधि में 80% की वृद्धि हुई है।
- अरब सागर के तापमान में बदलाव के कारण इस पर अधिक गंभीर चक्रवात बन रहे हैं, जिसका मतलब यह भी है कि भारत का पश्चिमी तट अब अधिक असुरक्षित है।
अरब सागर में चक्रवातों की तीव्रता का कारण
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के कारण होने वाली ग्लोबल वार्मिंग से समुद्री सतहों के गर्म होने से चक्रवातों की आवृति में वृद्धि देखी जा रही है।
ग्रीनहाउस गैस
- वायुमंडल में मौजूद मुख्य ग्रीनहाउस गैसो जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), जल वाष्प (H₂O), मीथेन (CH₄)), ओजोन (O₃), नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) आदि द्वारा सबसे ज्यादा गर्मी उत्पन्न होती है।
- पृथ्वी के वायुमंडल का औसत तापमान लगभग 15⁰ सेल्सियस है (59 ⁰ फारेनहाइट) है, वही ग्रीनहाउस प्रभाव के बिना यह 18 डिग्री फारेनहाइट कम होता।
ग्रीनहाउस गैस उत्पन्न होने का कारण
- जीवाश्म ईंधन के दहन, कृषि, वनोन्मूल और अन्य मानवीय गतिविधियों जैसे कार्यो द्वारा ग्रीनहाउस गैसें उत्पन्न होते हैं,यह पिछले कुछ दशक में ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ती समस्या का मुख्य कारण है।
ग्रीनहाउस गैस का प्रभाव
- इसके प्रभाव से ही बर्फ की चादरें और ग्लेशियर पिघलते जा रहे है, जिसके कारणवश महासागर के जल स्तर में वृद्धि हो रही है।जिसके कारण तटीय क्षेत्र डूबने की संभावना है।
- गर्म जलवायु के वजह से वर्षा और वाष्पीकरण की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है।
- ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम की स्थिति भी बदल गयी है, जिससे कुछ स्थान गर्म और कुछ स्थान नम होते जा रहे है।
- इन कारणों से सूखा, बाढ़ और तूफान जैसी कई प्राकृतिक आपदाएं उत्पन्न हो रही हैं।
- जलवायु परिवर्तन प्रकृति और मानव जीवन को प्रभावित कर रहा है।
- यदि ग्रीन हाउस गैसो का उत्सर्जन इसी प्रकार से बढ़ता रहा तो भविष्य में इसके परिणाम और ज्यादा भयावह होंगे।
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- हिंद महासागर के तापमान में वृद्धि के कारण चक्रवातों की तीव्रता में वृद्धि हो रही है। उदहारण: बिपरजॉय चक्रवात इत्यादि।
- अरब सागर के चक्रवातों की आवृत्ति का एक 30-वर्षीय जलवायुवीय चक्र भी जिम्मेदार है।
चक्रवात बनने के लिए आवश्यक तापमान
- आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “बंगाल की खाड़ी के हिस्से और अरब सागर दोनों ग्रीष्मकालीन मौसम के दौरान लगभग 31 डिग्री सेल्सियस पर अत्यधिक गर्म होते हैं।
- चक्रवात बनने के लिए केवल 26°C तापमान की आवश्यकता होती है, इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि अरब सागर में समुद्र की गर्मी और हवा की दिशा चक्रवात बनने में मदद कर रही है।”
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
- अरब सागर में समुद्र की गर्मी और हवा की दिशा चक्रवात बनने में मदद कर रही है।
- चक्रवात बनने के लिए समुद्री सतह का लगभग 26°C तापमान होना आवश्यकता है ।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न 1 और ना ही 2
उत्तर - (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - जलवायु परिवर्तन ने अरब सागर को गंभीर चक्रवातों के लिए अनुकूल बना दिया है? व्याख्या कीजिए।
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