संदर्भ
वर्तमान में देश के विभिन्न भाग, विशेषकर उत्तर भारत, चरम हीटवेव की स्थितियों का सामना कर रहे हैं।
क्या है हीटवेव
- हीटवेव किसी क्षेत्र में असामान्य रूप से बहुत ज्यादा तापमान को संदर्भित करता है।
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार जब किसी क्षेत्र का तापमान सामान्य से 5℃ से अधिक हो जाता है तो इसे हीटवेव की श्रेणी में शामिल किया जाता है।
- इस तरह के तापमान को मौसम संबंधी उप-मंडल के न्यूनतम दो स्टेशनों पर कम-से-कम दो लगातार दिनों तक दर्ज किया जाना चाहिए।
- आई.एम.डी. के अनुसार भारत में मई महीने में हीटवेव अपने चरम स्थिति पर होती है। भारत में मैदानी, पहाड़ी और तटीय में भिन्न-भिन्न तापमान स्थितियों को हीटवेव की श्रेणी में शामिल रखा जाता है :
- मैदानी क्षेत्र
- आई.एम.डी. के अनुसार मैदानी इलाकों में कम से कम 40 ℃ या उससे अधिक होने पर हीटवेव की उपस्थिति माना जाता है।
- प्रत्येक क्षेत्र का सामान्य तापमान अलग-अलग होता है ऐसे में तापमान के 5℃ बढ़ने पर ही हीटवेव की स्थिति घोषित करने की बाध्यता नहीं होती हैं।
- तापमान 40℃ से ऊपर जाते ही क्षेत्र विशेष हीटवेव की कैटेगरी में आ जाता है।
- पहाड़ी क्षेत्र
- पहाड़ी इलाकों में कम से कम 30℃ या उससे अधिक तापमान को हीटवेव की स्थिति माना जाता है।
- तटीय क्षेत्र
- तटीय क्षेत्रों में जब अधिकतम तापमान 37°C से अधिक होता है तब उस क्षेत्र में हीटवेव की स्थिति माना जाता है।
हीटवेव की स्थिति बनने के कारण
- आई.एम.डी. के अनुसार ऊपरी वायुमंडल में उच्च दाब वाला क्षेत्र मजबूत होने पर कई दिनों तक एक ही क्षेत्र में उच्च वायु दाब बना रहता है जिससे हीटवेव की स्थिति उत्पन्न होती है।
- जलवायु शोधकर्ताओं के अनुसार वायुमंडल में उच्च दाब होने पर गर्म हवा नीचे की ओर जाती है।
- यह उच्च वायु दाब प्रणाली एक आवरण की तरह काम करती है जो गर्म हवा को ऊपर उठने से रोकती है, जिससे तापमान और बढ़ जाता है।
- वायु नीचे की ओर ही संकुचित होकर गर्म होती है, जिससे अत्यधिक गर्मी की स्थिति उत्पन्न होती है।
- जमीन से 3-5 किमी. ऊपर वायुमंडल में वायु दाब अधिक होने पर सूरज की किरणें सीधे पृथ्वी तक पहुँचती हैं।
- वायुमंडलीय उच्च वायुदाब के कारण उस क्षेत्र में बादल भी नहीं बनते इससे तापमान में वृद्धि के कारण हीटवेव की स्थिति बन जाती है।
- लंबे समय तक अल-नीनो की उपस्थिति
- जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग
क्या है नौतपा
- लोकसांस्कृतिक एवं पारंपरिक रूप से नौतपा वे नौ दिन होते हैं जब भारत में गर्मी अपने चरम पर होती है। इसे 'नवताप' के नाम से भी जाना जाता है।
- ये दिन वर्ष के सबसे गर्म दिन होते हैं।
- इस वर्ष 25 मई से 2 जून तक की अवधि को नौतपा के रूप में चिन्हित किया जाता है।
- नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे मध्य भारत पर पड़ती है, इसके परिणामस्वरूप अधिक प्रत्यक्ष और तीव्र सौर विकिरण होने के कारण भीषण गर्मी पड़ती है।
- इस दौरान कुछ क्षेत्रों, विशेष रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश और गुजरात में तापमान 50°C के करीब पहुंचने की संभावना होती है।
- ऐसा कहा जाता है कि नौतपा न होने की स्थिति में चूहों, फसल को क्षति पहुँचाने वाले कीटों, टिड्डियों, जीवाणुओं, जहरीले जानवरों तथा आँधियों की संख्या बढ़ जाएगी।
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भारत में हीटवेव का वर्गीकरण
- जब तापमान सामान्य से 4.5°C से 6.4 °C तक बढ़ जाता है, तो इसे हीटवेव के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- 6.4°C से अधिक की वृद्धि को गंभीर हीटवेव माना जाता है।
- अति गंभीर हीटवेव के दौरान दिन के साथ-साथ रात के सामान्य तापमान में भी वृद्धि हो जाती है।
रंग कोड
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संकेत
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चेतावनी
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प्रभाव
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सुझाव
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हरा
(कोई कार्यवाई नहीं)
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सामान्य दिन
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अधिकतम तापमान सामान्य तापमान के समान
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- सामान्य तापमान
- किसी भी कार्यवाई की आवश्यकता नहीं
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पीला
(अपडेट रहें)
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हीटवेव की उपस्थिति
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विशिष्ट स्थानों पर दो दिनों तक हीटवेव की स्थिति बनी रहेगी
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- मध्यम तापमान
- आम लोगों के लिए गर्मी सहनीय है, लेकिन कमज़ोर लोगों जैसे कि शिशु, बुज़ुर्ग, पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए मध्यम स्वास्थ्य चिंता का विषय है।
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गर्मी से बचें, हल्के, हल्के रंग के, ढीले, सूती कपड़े पहनें, अपने सिर को ढकें
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नारंगी
(तैयार रहें)
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गंभीर हीटवेव की उपस्थिति
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2 दिनों तक गंभीर हीटवेव की स्थिति; या
4 दिनों या उससे अधिक समय तक कम तीव्र हीटवेव की स्थिति
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- उच्च तापमान
- जो लोग लंबे समय तक धूप में रहते हैं या भारी काम करते हैं, उनमें गर्मी से होने वाली बीमारियों के लक्षण दिखने की संभावना बढ़ जाती है।
- कमज़ोर लोगों जैसे कि शिशु, बुज़ुर्ग, पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ बहुत ज़्यादा हैं।
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गर्मी एवं निर्जलीकरण से बचें, पर्याप्त पानी पिएं, खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस, घर में बने पेय पदार्थों का सेवन करें।
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लाल
(कार्यवाही करें)
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अतिगंभीर हीटवेव की उपस्थिति
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2 दिनों से अधिक समय तक गंभीर हीटवेव की स्थिति; या
गंभीर हीटवेव के दिनों की कुल संख्या 6 दिनों से अधिक
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सभी आयु वर्गों में गर्मी से होने वाली बीमारी और हीट स्ट्रोक विकसित होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
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कमजोर लोगों के लिए अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता होती है।
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