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भारत में नवाचार की बढ़ती सम्भावनाएँ

(प्रारंभिक परीक्षा : आर्थिक और सामाजिक विकास– सतत विकास गरीबी समावेशन जनसांख्यिकी सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ, देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास)

चर्चा में क्यों?

पिछले कुछ महीनों में सरकार द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने हेतु कई योजनाएँ तथा पहलें शुरू की गई हैं, जिनके महत्त्व तथा चुनौतियों के सम्बंध में चर्चा आवश्यक है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • भारत इंटरनेट उपयोग के मामले में सबसे तीव्र वृद्धि करने वाला देश है। वर्तमान में यहाँ 700 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं तथा वर्ष 2025 तक इनके 974 मिलियन होने की सम्भावना है।
  • जैम ट्रिनिटी (जन-धन आधार और मोबाइल) के अंतर्गत 404 मिलियन जन-धन खातों के साथ ही 1.2 बिलियन आधार कार्ड तथा 1.2 बिलियन मोबाइल सब्सक्राइबर हैं।
  • भारत की जी.डी.पी. में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की सहायता से वर्ष 2035 तक 957 बिलियन डॉलर की वृद्धि होने की सम्भावना है।
  • नवाचार नए उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से समाज के रहन-सहन को सुगम बनाते हैं तथा उन्हें नई दिशा प्रदान करते हैं।

भारत के प्रयास

  • भारत द्वारा 2 अक्तूबर को वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक समिट या वैभव समिट का आयोजन किया गया था। इसमें 55 देशों के 3,000 से अधिक भारतीय मूल के विदेशी शिक्षाविदों तथा वैज्ञानिकों के साथ ही 10,000 भारतीयों ने भी भाग लिया। इसका उद्देश्य विज्ञान, अनुसंधान और शोध को बढ़ावा देना है।
  • 5 से 9 अक्तूबर तक सामाजिक सशक्तिकरण के लिये ज़िम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता या ‘रिस्पांसिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर सोशल एम्पावरमेंट', 2020 (RAISE, 2020) शिखर सम्मलेन का आयोजन किया गया।
  • RAISE, 2020 सामाजिक सशक्तिकरण के लिये जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता विषय पर आधारित एक वैश्विक सम्मलेन है। इस सम्मलेन में सामाजिक परिवर्तन, स्वास्थ्य, समावेशी कृषि, शिक्षा तथा स्मार्ट मोबिलिटी के क्षेत्रों में सशक्तिकरण पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
  • भारत में नवाचार को प्रोत्साहित तथा पुरस्कृत करने हेतु कई पहलें शुरू की गई हैं। जैसे- हाल ही में, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत mapmyindia तथा setu (स्टार्टअप) को पुरस्कृत किया गया है।
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अनुसंधान और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने हेतु स्टार्स (स्कीम फॉर ट्रांसफॉर्मल एंड एडवांस्ड रिसर्च इन साइंसेज - STARS) योजना शुरू की गई है।
  • केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किरण योजना (Knowledge Involvement in Research Advancement through Nurturing- KIRAN) की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लैंगिक समानता से सम्बंधित चुनौतियों का समाधान करना है।
  • अभिप्रेरित अनुसंधान हेतु विज्ञान की खोज में नवोन्मेष (Innovation in science pursuit for Inspired Research– INSPIRE)। इस योजना के तहत मेधावी और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अध्ययन तथा अनुसंधान व विकास हेतु छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
  • युवा आबादी को राष्ट्र निर्माण के कार्यों से जोड़ने हेतु स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की शुरुआत वर्ष 2017 में की गई थी। इसके अंतर्गत नवाचारी तकनीकी प्रतिभा को पुरस्कृत किया जाता है।
  • हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) द्वारा विनियामक सैंडबॉक्स की रूपरेखा पेश की गई है। इसके अंतर्गत पूंजी बाज़ार, बैंकिंग, बीमा, पेंशन और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में कार्यरत इकाइयों को नवीन फिनटेक समाधानों के प्रयोग पर कुछ सुविधाएँ तथा छूट प्रदान की जाएँगी।

महत्त्व

  • तकनीकी नवाचार नए उत्पाद और सेवाओं के निर्माण हेतु अवसर उपलब्ध करवाता है।
  • नवाचार के बिना कोई भी कम्पनी या संगठन बाज़ार में ज्यादा दिनों तक प्रतिस्पर्धी नहीं बना रह सकता है।
  • समाज की उन्नति के लिये नवाचार महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि ये जटिल सामाजिक समस्याओं का समाधान करते हैं तथा समाज की कार्य क्षमता में वृद्धि करते हैं।
  • वर्तमान चुनौतियाँ
  • अत्यधिक सरकारी विनियमन
  • पर्याप्त बजट का अभाव
  • वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकी दृष्टिकोण की कमी
  • जनरेशन गैप
  • भारतीय संस्थाओं की विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी साझीदारों से समन्वय में कमी
  • तकनीकी तथा प्रबंधन विश्विद्यालयों का उद्योग क्षेत्र के साथ प्रत्यक्ष समन्वय न होना।
  • शुरुआत में लोग नई तकनीक को अपनाने तथा उसके उसके दीर्घकालिक प्रभाव को समझ नहीं पाते हैं, जिससे कई नवाचार शुरुआती अवस्था में ही समाप्त हो जाते हैं।

सुझाव

  • नवाचारी परियोजनाओं के सुगम संचालन हेतु जोखिमपूर्ण पूँजी (रिस्क कैपिटल) जुटाने हेतु सरकार द्वारा उद्योग तथा नवाचार करने वाले व्यक्ति या संस्थाओं के मध्य एक सम्पर्क सेतु का निर्माण किया जाना चाहिये।
  • शिक्षित समुदाय तथा उद्योगों के मध्य सम्बंधों तथा समन्वय को मज़बूत किया जाना चाहिये।
  • निजी तथा सरकारी संस्थाओं में कर्मचारियों के नए विचारों को प्राप्त करने हेतु एक नियमित व्यवस्था होनी चाहिये।
  • भारत में नवाचारी संस्कृति तथा नवोन्मेषी विकास को प्रोत्साहित करने हेतु एक सकारात्मक वातावरण के निर्माण की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

वैश्वीकरण की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए भारत ने कई घरेलू तथा विश्व स्तरीय प्रयास किये हैं, जो भविष्य में हमारी तकनीकी क्षमता की वृद्धि का आधार बनेंगे। संस्थाओं या समाज को अपना आधुनिक आस्तित्व बनाए रखने हेतु नवाचार महत्त्वपूर्ण आधार है।

प्री फैक्ट्स :

  • नवाचार और उद्यमशीलता की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने हेतु नीति आयोग द्वारा अटल इनोवेशन मिशन (AIM) की स्थापना की गई थी।
  • AIM के तहत प्रौद्योगिकी की व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा प्रयोग हेतु देशभर में अटल टिंकरिंग लेबोरेटरीज (ATL) की स्थापना की गई है।
  • जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद् (BIRAC) द्वारा बायोटेक्नोलॉजी इग्निशन ग्रांट (बी.आई.जी.) की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य युवा स्टार्टअप को अनुदान प्रदान करना है। यह भारत में सबसे बड़ा प्रारम्भिक बायोटेक फंडिंग प्रोग्राम है।
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