संदर्भ
हाल ही में, सूचकांक निगरानी सेल ने केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें
- इस रिपोर्ट में मानहानि को ग़ैर-आपराधिक घोषित किये जाने की बात की गई है। विदित है कि भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जहाँ मानहानि को आपराधिक कृत्य माना जाता है।
- मीडिया या पब्लिकेशन के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने से पूर्व प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया की सहमति को अनिवार्य बनाए जाने की भी सिफारिश की गई है।
सूचकांक निगरानी सेल (Index Monitoring Cell)
- इसकी स्थापना सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020 में की गई।
- इसका गठन ‘विश्व प्रेस सूचकांक’ में भारत की रैंक सुधारने और मीडिया की स्वतंत्रता को मापने के लिये निष्पक्ष मापदंड विकसित करने के उद्देश्य से किया गया है। उल्लेखनीय है कि ‘विश्व प्रेस सूचकांक, 2020’ में भारत को 180 देशों में 142वाँ स्थान प्राप्त हुआ था।
- साथ ही, यह प्रेस स्वतंत्रता में राज्यों की रैंकिंग निर्धारण के लिये एक तंत्र को विकसित करेगा।
संरचना
- आई.एम.सी. एक 15 सदस्यीय समिति है, जिसके अध्यक्ष कुलदीप सिंह धतवालिया (प्रेस सूचना ब्यूरो के प्रधान महानिदेशक) हैं।
- इसमें भारतीय समाचार पत्र, आउटरीच एवं संचार ब्यूरो तथा प्रेस सुविधा इकाई के रजिस्ट्रार अधिकारियों के अतिरिक्त भारतीय प्रेस परिषद् तथा नीति आयोग के सचिव भी शामिल हैं।