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भारत और हरित हाइड्रोजन

(प्रारंभिक परीक्षा :सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1:राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, पर्यावरणीयपारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन सम्बंधी सामान्य मुद्दे)
(मुख्य परीक्षा:सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 :बुनियादी ढाँचा; ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ

  • भारत जल्द ही 'राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन’ (National Hydrogen Energy Mission -NHEM) के लाँचकरने के पश्चात् 15 देशों के हाइड्रोजन क्लब में शामिल हो जाएगा।
  • वर्ष 2023 तक 1.45 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन का वैश्विक लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भारत लगभग 5.5 मिलियन टन हाइड्रोजन का उपभोग करता है, जिसका उत्पादन मुख्य रूप से आयातित जीवाश्म ईंधन से होता है।
  • काउंसिल ऑनएनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर (CEEW) के एक विश्लेषण के अनुसार, वर्ष 2030 तक अमोनिया, स्टील, मिथेनॉल, परिवहन और ऊर्जा भंडारण जैसे क्षेत्रों में भारत में हरित हाइड्रोजन की माँग 1 मिलियन टन तक हो सकती है।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन(National Hydrogen Energy Mission -NHEM)

  • केंद्रीय बजट 2021-22 में ‘राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन’ की घोषणा की गई है, जो देश में ऊर्जा क्षेत्र प्रबंधन, कार्बन उत्सर्जन को कम करने, जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के साथ-साथ आर्थिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है। विदित है कि वर्तमान में देश में अधिकांश ऊर्जा उत्पादन तापीय ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से होता है।
  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, इस्पात और सीमेंट जैसे भारी उद्योगों को डी-कार्बनाइज़ करने के लिये आवश्यक है। हाइड्रोजन उत्पादन के सबसे प्रमुख प्रकारों में प्राकृतिक गैस शोधन और विद्युत-अपघटन (Electrolysis- किसी रासायनिक यौगिक में विद्युत-धारा प्रवाहित कर उसके रासायनिक बंधों को तोड़ने की प्रक्रिया) के साथ सौर चालित एवं अन्य जैविक प्रक्रियाएँ शामिल हैं।
  • भारत की हरित ऊर्जा आधारित हाइड्रोजन संयंत्र लगाने की यह पहल जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में सहायक होगी। ये संयंत्र ‘ग्रिड स्केलस्टोरेज’ समाधान करने के साथ अमोनिया उत्पादन के लिये फीडस्टॉक का भी काम करेंगे। मिशन का उद्देश्य हाइड्रोजन ऊर्जा का उपयोग कर हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।
  • हाइड्रोजन, स्वच्छ एवं प्रदूषण-रहित ईंधन का विकल्प है, इसके उपोत्पाद के रूप में केवल जल ही प्राप्त होता है। इसकी उच्च प्रज्ज्वलन क्षमता के कारण इसका उपयोग रॉकेट ईंधन के रूप में किया जाता है। हाइड्रोजन का उत्पादन तथा भंडारण अत्यधिक खर्चीला तथा कठिन है। तीव्र ज्वलनशील गैस होने के कारण इसे विस्फोटक की श्रेणी में रखा जा सकता है, परंतु नियंत्रित परिवेश में इसकी तीव्र ज्वलनशील क्षमता का उपयोग हरित ऊर्जा के रूप में किया जा सकता है।

हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen)

  • हाइड्रोज़न का उत्पादन कई विधियों से किया जा सकता है। इनमें सबसे स्थापित और प्रमाणित तरीकों में से एक है- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग कर किसी इलेक्ट्रोलाइज़र के माध्यम से जल को हाइड्रोज़न और ऑक्सीजन में विभाजित करना।इस प्रकार उत्पादित हाइड्रोज़न को हरित हाइड्रोज़न कहते हैं, जबकि अन्य विधियों में कार्बन का उत्सर्जन होता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा की लागतों में गिरावट के साथ ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने की जरूरतों के मद्देनजर राजनीतिक और व्यापारिक परिप्रेक्ष्य में हाइड्रोज़नका महत्त्व बढ़ता जा रहा है।हालाँकि, भारत में व्यावसायिक पैमाने पर इसके संचालन में कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं।

संभावित प्रयास

  • विकेंद्रीकृत हाइड्रोजन उत्पादन के लिए चौबीस घंटे नवीकरणीय ऊर्जा तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है।
  • मौजूदा प्रक्रियाओं में विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के मिश्रण के लिए कदम उठाने चाहिए।
  • पारंपरिक रूप से उत्पादित हाइड्रोजन के साथ हरित हाइड्रोजन को बढ़ाकर हाइड्रोजन आपूर्ति की विश्वसनीयता में सुधार करने से ईंधन के अर्थशास्त्र में काफी सुधार होगा।
  • नीति नियंताओं को प्रारंभिक चरण के संचालन में निवेश की सुविधा प्रदान करनी चाहिये और भारत में इससे संबंधित प्रौद्योगिकी को आगे बढाने के लिए आवश्यक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना चाहिए।
  • भारत में राष्ट्रीय सौर मिशन के अनुभव के आधार पर घरेलू विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
  • भारत को हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी के लिए आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति को सुरक्षित करने की आवश्यकता है।
  • डी.आर.डी.ओ., बी.ए.आर.सी. तथा सी.एस.आई.आर. प्रयोगशालाओं जैसे प्रमुख संस्थान इलेक्ट्रोलाइजर और ईंधन सेल प्रौद्योगिकी विकसित कर रहे हैं।

निष्कर्ष

  • लम्बे समय तक हाइड्रोज़न के फायदे प्रेरणादायक हैं और ऊर्जा संक्रमण के लिये एक उत्साहजनक तस्वीर पेश करते हैं। पिछले तीन वर्षों में उत्पादों के व्यवसायीकरण ने इस क्षेत्र की वृद्धि को गतिप्रदान की है।
  • सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला के साथ हाइड्रोज़न संबंधित प्रौद्योगिकियों की लागत और प्रदर्शन में सुधार से हरित हाइड्रोज़न क्रांति में मदद मिलेगी।
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