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भारत एवं नेटवर्क रेडिनेस इंडेक्स 2024

प्रारंभिक परीक्षा

(समसामयिक घटनाक्रम)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3; बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि)

संदर्भ 

भारत ने वैश्विक डिजिटल परिदृश्य में महत्वपूर्ण प्रगति की है। नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स (NRI) 2024 में भारत अब 49वें स्थान पर है जबकि भारत वर्ष 2023 की रिपोर्ट में 60वें स्थान पर था। यह उल्लेखनीय सुधार डिजिटल परिवर्तन में अग्रणी के रूप में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है जो काफी हद तक मजबूत सरकारी पहलों द्वारा संचालित है। 

नेटवर्क रेडिनेस इंडेक्स-2024 के बारे में 

  • क्या है : यह सूचकांक 4 प्रमुख स्तंभों- ‘प्रौद्योगिकी, लोग, शासन एवं प्रभाव’ के आधार पर 133 देशों की अर्थव्यवस्थाओं की नेटवर्क तत्परता का मूल्यांकन करता है।
    • नेटवर्क तत्परता एक बहुआयामी अवधारणा है जो यह दर्शाती है कि प्रत्येक देश भविष्य में होने वाले डिजिटल परिवर्तनों के लाभों को प्राप्त करने के लिए कितना तैयार है।
  • जारीकर्ता : पोर्टलैन्स इंस्टीट्यूट, सैद बिजनेस स्कूल और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से जारी।
  • रैंकिंग में शीर्ष 5 देश : अमेरिका (1) > सिंगापुर > फ़िनलैंड > स्वीडन > दक्षिण कोरिया (5)
  • रैंकिंग में अंतिम 5 देश : यमन (133) > बुरुंडी > कांगो गणराज्य > चाड > सियारा लियोन (129)

भारत का प्रभावशाली प्रदर्शन 

वर्ष 2024 में भारत के प्रदर्शन में सुधार सरकारी नीतियों एवं अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी, नवाचार व डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई रणनीतिक पहलों का प्रत्यक्ष परिणाम है।

NRI सूचकांक में भारत के प्रदर्शन की मुख्य विशेषताएँ 

  • NRI 2024 में भारत की बेहतर स्थिति कई प्रमुख क्षेत्रों में देश की प्रगति का संकेत है। भारत कई संकेतकों में अग्रणी स्थान पर है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
    • प्रथम रैंक : ए.आई. (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) वैज्ञानिक प्रकाशन, ए.आई. प्रतिभा संकेंद्रण और आई.सी.टी. (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) सेवा निर्यात
    • दूसरा स्थान : एफ.टी.टी.एच. (फाइबर टू द होम)/इंटरनेट मेंबरशिप का निर्माण, देश के भीतर मोबाइल ब्रॉडबैंड इंटरनेट ट्रैफ़िक, अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट बैंडविड्थ
    • तीसरा रैंक : घरेलू बाजार पैमाना
    • चौथा स्थान : दूरसंचार सेवाओं में वार्षिक निवेश
  • भारत निम्न-मध्यम आय वाले देशों में भी दूसरे स्थान पर है, जो अपने आय समूह के भीतर डिजिटल उन्नति में अपने नेतृत्व को दर्शाता है। ये उपलब्धियाँ तकनीकी नवाचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं दूरसंचार क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभुत्व को दर्शाती हैं।

डिजिटल परिवर्तन को गति देने वाली प्रमुख सरकारी पहल

  • डिजिटल इंडिया कार्यक्रम : 1 जुलाई, 2015 को शुरू किया गया डिजिटल इंडिया भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जिसे भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 
  • ब्रॉडबैंड एक्सेस का विस्तार : डिजिटल इंडिया ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देकर, विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाओं तक पहुँच में उल्लेखनीय सुधार किया है। इसने इंटरनेट ग्राहकों की संख्या में भारी वृद्धि की है, जो पिछले दशक में 25.1 करोड़ से बढ़कर 94.4 करोड़ हो गई है।
  • डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम : इस कार्यक्रम ने डिजिटल साक्षरता में सुधार लाने पर भी ध्यान केंद्रित किया है, जिसके तहत ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में लाखों लोगों को डिजिटल उपकरणों व सेवाओं का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
  • सरकारी सेवाएँ ऑनलाइन : इसने कई सरकारी सेवाओं को डिजिटल बना दिया है, उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध कराया है, जिससे पहुंच व पारदर्शिता बढ़ी है।
  • भारतनेट पहल : भारतनेट परियोजना भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे की आधारशिला है। 
    • इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों (ग्राम परिषदों) को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ना है, जिससे देश के सबसे दूरदराज के इलाकों में भी ब्रॉडबैंड की पहुँच हो सके। 
    • भारतनेट ने ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को सक्षम किया है तथा शहरी एवं ग्रामीण भारत के बीच डिजिटल विभाजन को पाटा है।
    • ब्रॉडबैंड की उपलब्धता ने ग्रामीण आबादी तक ई-गवर्नेंस सेवाओं, जैसे- ऑनलाइन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा एवं कृषि सेवाओं की पहुंच बढ़ा दी है।
  • 5G एवं भविष्य की दूरसंचार प्रौद्योगिकियाँ : भारत द्वारा वर्ष 2022 में 5G सेवाओं की शुरुआत करना देश के दूरसंचार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अगली पीढ़ी के मोबाइल ब्रॉडबैंड में इस उल्लेखनीय सुधार के साथ भारत ने मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड में अपनी वैश्विक रैंकिंग 118वें से 15वें स्थान पर सुधारी है।
    • बुनियादी ढांचे का उन्नयन: भारत सरकार देश भर में 5G बुनियादी ढांचे का विस्तार करने के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों के साथ काम कर रही है, जिससे तेज़ डाटा स्पीड और बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके।
    • इंटेलिजेंट विलेज इनिशिएटिव : 5G इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण 5G इंटेलिजेंट विलेज इनिशिएटिव है।
      • इसका उद्देश्य कनेक्टिविटी गैप को पाटना और 5G तकनीक की परिवर्तनकारी शक्ति का लाभ उठाकर ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना है। 
      • यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के लिए ‘कनेक्टिविटी गैप से स्मार्ट समाधान तक: ग्रामीण नवाचार के लिए 5G नेटवर्क डिजाइन करना’ थीम के तहत प्रस्ताव आमंत्रित करती है।
  • भारत 6G विजन: सरकार द्वारा पेश किए गए भारत 6G विजन का उद्देश्य भारत को 6G तकनीक में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाना है। 
    • इस विजन में स्वदेशी तकनीक का विकास, अनुसंधान केंद्र स्थापित करना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) एवं ब्लॉकचेन जैसी भविष्य की तकनीकों में नवाचार को गति देना शामिल है।
  • राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 : यह नीति भारत में जीवंत डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अन्य महत्वपूर्ण पहल है। 
    • इस नीति का उद्देश्य कनेक्टिविटी में सुधार, रोजगार के अवसर सृजित करना और दूरसंचार क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना है।
  • सभी के लिए ब्रॉडबैंड : यह नीति सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने पर जोर देती है जिससे पूरे भारत में सूचना व सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित हो सके।
  • पीएम गति शक्ति : वर्ष 2021 में शुरू की गई पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का उद्देश्य पूरे देश में निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए एकीकृत बुनियादी ढाँचा तैयार करना है।
  • परिवहन एवं डिजिटल अवसंरचना : इस योजना का ध्यान देश के परिवहन, रसद एवं दूरसंचार नेटवर्क को बेहतर बनाने पर केंद्रित है तथा यह सुनिश्चित करता है कि डिजिटल व भौतिक अवसंरचना एक-दूसरे के पूरक हों।
  • राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति : नीति आयोग द्वारा शुरू की गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए राष्ट्रीय रणनीति का उद्देश्य भारत को एआई अनुसंधान एवं विकास में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करना है। 
    • एसेंचर ने अपनी हालिया एआई शोध रिपोर्ट्स में चुनिंदा जी-20 देशों के लिए ए.आई. के आर्थिक प्रभाव के मूल्यांकन के लिए एक रूपरेखा प्रदान की है और अनुमान लगाया है कि ए.आई. वर्ष 2035 तक भारत की वार्षिक विकास दर को 1.3% तक बढ़ा देगा।
  • एआई अनुसंधान एवं विकास: भारत कई शोध संस्थानों और निजी उद्योग के हितधारकों के साथ साझेदारी के माध्यम से ए.आई. नवाचार को बढ़ावा दे रहा है। 
  • इसके परिणामस्वरूप NRI 2024 रिपोर्ट में ए.आई. वैज्ञानिक प्रकाशन एवं ए.आई. प्रतिभा संकेंद्रण में भारत को शीर्ष रैंकिंग प्राप्त हुई है।
  • सामाजिक कल्याण के लिए ए.आई. : यह रणनीति स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा एवं कृषि जैसी सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए ए.आई. का उपयोग करने पर भी ध्यान केंद्रित करती है जिससे समावेशी विकास को बढ़ावा मिलता है।
  • सभी के लिए डिजिटल साक्षरता : प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान जैसे कार्यक्रमों ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता को काफी बढ़ावा दिया है, जिससे लोगों को ऑनलाइन सेवाओं तक पहुँचने और डिजिटल अर्थव्यवस्था में भाग लेने में मदद मिली है।

निष्कर्ष

नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स, 2024 में भारत का प्रभावशाली प्रदर्शन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी नवाचार एवं शासन में की गई महत्वपूर्ण प्रगति का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब है। सरकार की व्यापक पहलों के साथ-साथ इसके दूरगामी 6G विजन ने भारत को डिजिटल क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत को अपनी नेटवर्क तत्परता को अधिक बेहतर बनाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों, विनियामक सुधारों एवं कौशल विकास में निरंतर निवेश की आवश्यकता है।

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