प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
संदर्भ-
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, यूट्यूब, टेलीग्राम और एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया को भारतीय इंटरनेट पर बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM) को त्वरित रूप से फ़िल्टर करने के लिए कहा गया है।
मुख्य बिंदु-
- सरकार ने कहा कि इन प्लेटफार्मों को नोटिस में कहा गया है कि यदि उन्होंने कार्रवाई नहीं की तो वे ‘मध्यस्थ दायित्व सुरक्षा’(intermediary liability protection) खो देंगे, जिसका अर्थ है कि कंपनियां स्वयं CSAM पोस्ट करने वाले उपयोगकर्ताओं के साथ कानूनी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगी।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा भेजे गए नोटिस में प्लेटफार्मों पर किसी भी बाल यौन शोषण सामग्री को तुरंत और स्थायी रूप से हटाने को कहा गया है।
- नोटिस में सरकार ने कंपनियों से भविष्य में बाल यौन शोषण सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सामग्री मॉडरेशन एल्गोरिदम और रिपोर्टिंग तंत्र जैसे उपाय अपनाने के लिए भी कहा।
- सरकार ने जुलाई,2023 में नेटफ्लिक्स और डिज़नी जैसे ऑनलाइन स्ट्रीमर्स से कहा था कि किसी भी सामग्री को ऑनलाइन दिखाए जाने से पहले उनकी अश्लीलता और हिंसा की समीक्षा की जानी चाहिए।
विधायी प्रावधान-
- सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दायित्व दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में वे आधार शामिल हैं, जिन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं द्वारा पोस्ट की गई सामग्री के लिए 'सुरक्षित आश्रय’ (safe harbour) खो सकते हैं।
- ये प्रावधान नियम 3(1)(b) और नियम 4(4) में उल्लिखित हैं।
- नियम 3(1)(b) के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को उपयोगकर्ताओं को "पीडोफिलिक" या "बच्चों के लिए हानिकारक" सामग्री पोस्ट करने से रोकने के लिए उचित प्रयास करने चाहिए।
- नियम 4(4) के अनुसार,बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को आवश्यकता है कि, "स्वचालित उपकरणों सहित प्रौद्योगिकी-आधारित उपायों का प्रयोग करने का प्रयास करें, ताकि बाल यौन शोषण को प्रदर्शित करने वाली जानकारी को सक्रिय रूप से पहचाना जा सके।"
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सरकार ने कहा कि, "सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66E, 67, 67A और 67B अश्लील या अश्लील सामग्री के ऑनलाइन प्रसारण पर कड़े दंड और जुर्माना लगाती हैं।"
यूट्यूब की प्रतिक्रिया-
- YouTube के प्रवक्ता ने कहा, “बाल यौन शोषण सामग्री पर हमारी ‘शून्य-सहिष्णुता की नीति’(zero-tolerance policy) है। नाबालिगों को खतरे में डालने वाली किसी भी प्रकार की सामग्री हमें स्वीकार्य नहीं है।
- हमने ऑनलाइन बाल यौन शोषण, शोषण से लड़ने और इसे जल्द से जल्द दूर करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रौद्योगिकी और टीम में भारी निवेश किया है।
- 2023 की दूसरी तिमाही में हमारी बाल सुरक्षा नीतियों के उल्लंघन के लिए हमने 94,000 से अधिक चैनल और 25 लाख से अधिक वीडियो हटा दिए।
- हम नाबालिगों और परिवारों को यथासंभव सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करने के लिए YouTube के अंदर और बाहर के विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रखेंगे।
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YouTube CSAM को सक्रिय रूप से हटाने के लिए ‘बाल यौन शोषण इमेजरी’ (CSAI) मैच नामक एक स्वचालित टूल का उपयोग करता है और कंपनी ने अपने वेबसाइट पर लिखा है कि वह इस तकनीक को अन्य कंपनियों को निःशुल्क लाइसेंस के साथ देती है।
एक्स की प्रतिक्रिया-
- एक्स का इस बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं है कि वह CSAM को सक्रिय रूप से हटाने के लिए कौन से टूल का उपयोग करता है।
- स्टैनफोर्ड इंटरनेट ऑब्ज़र्वेटरी ने जून,2023 में एक रिपोर्ट में कहा कि उसने X पर सार्वजनिक सामग्री को स्कैन करने के लिए CSAI मैच के समान Microsoft द्वारा विकसित एक टूल PhotoDNA का उपयोग किया और दर्जनों CSAM इमेज पाए गए, जो सुरक्षा उपायों को दरकिनार कर रहे थे और इन्हें हटाना चाहिए था।
टेलीग्राम की प्रतिक्रिया-
- टेलीग्राम पर मैसेजिंग ऐप व्यक्तिगत चैट के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड है, लेकिन 'चैनल' के लिए ऐसा नहीं है, जो एक उपयोगकर्ता को बड़े दर्शकों के लिए दस्तावेज़, चित्र और वीडियो प्रसारित करने की अनुमति देता है।
- ऐप चलाने वाली कंपनी ने पिछले दिनों दिल्ली उच्च न्यायालय के ‘विलोपन अनुरोधों’(deletion requests) का अनुपालन किया है।
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यह स्पष्ट नहीं है कि टेलीग्राम किसी सक्रिय CSAM पहचान तकनीक का उपयोग करता है या नहीं।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- PhotoDNA का उपयोग निम्नलिखित में से किस कार्य के लिए किया जाता है?
- वीडियो एनीमेशन के लिए
- अपराधियों को पकड़ने के लिए
- सोशल मीडिया से अवांछित कंटेंट को हटाने के लिए
- व्यक्ति द्वारा फोटो के माध्यम से स्वयं का DNA देखने के लिए
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर किसी भी बाल यौन शोषण सामग्री को रोकने के लिए भारत में क्या क़ानूनी प्रावधान किए गए हैं। स्पष्ट करें। |