(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : द्विपक्षीय संबंध और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)
संदर्भ
अप्रैल 2022 में ऑस्ट्रेलिया और भारत के मध्य हस्ताक्षरित आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (AI-ECTA) को हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंज़ूरी प्रदान कर दी गई है, जिसके पश्चात् यह मुक्त व्यापार समझौता 29 दिसंबर, 2022 से लागू हो जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- यह समझौता एक दशक पश्चात् किसी विकसित देश के साथ होने वाला भारत का पहला व्यापार समझौता है। इससे पूर्व यह समझौता जापान के साथ संपन्न हुआ था।
- विदित है कि इस समझौते को लागू करने से पूर्व ऑस्ट्रेलिया में संसद के अनुसमर्थन के साथ ही भारत में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी भी प्राप्त की गई है।
समझौते के महत्त्वपूर्ण बिंदु
- इस समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया ने भारत के लगभग 96.4% निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिये शून्य शुल्क पहुँच की पेशकश की है। इसमें कई ऐसे उत्पाद भी शामिल हैं जिन पर ऑस्ट्रेलिया में वर्तमान में 4 से 5% सीमा शुल्क लगता है।
- इसके तहत भारत ने भी ऑस्ट्रेलिया के 85% निर्यात पर शुल्क समाप्त करने की घोषणा की है और 5% वस्तुओं पर लागू उच्च शुल्क को चरणबद्ध तरीके से कम करने का निश्चय किया है।
- इस समझौते के लागू होने के बाद कपड़ा एवं परिधान, चमड़ा एवं फुटवियर, फर्नीचर, रत्न एवं आभूषण, खाद्य एवं कृषि उत्पाद और मशीनरी जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों सहित भारत के 6,000 से अधिक व्यापक क्षेत्रों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुँच (Duty-Free Access) प्रदान की जाएगी।
- इस समझौते में भारत द्वारा प्रदान की गई टैरिफ प्रतिबद्धताओं से ऑस्ट्रेलिया के निर्यातकों को महत्त्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals), दवा, सौंदर्य प्रसाधन, सी-फ़ूड, बागवानी और शराब सहित कई उत्पादों तक आसान पहुँच प्राप्त हो सकेगी।
- इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई सेवा आपूर्तिकर्ताओं को 85 से अधिक भारतीय सेवा क्षेत्रों और उप-क्षेत्रों में पूर्ण या आंशिक पहुँच प्रदान की जाएगी।
मुक्त व्यापार समझौता
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जब किसी देश से दूसरे देश में वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात किया जाता है तब दूसरे देश की सरकार उन वस्तुओं एवं सेवाओं पर कुछ शुल्क लगाती है जिसे आयात शुल्क या इम्पोर्ट ड्यूटी कहा जाता है। इन्हीं शुल्कों को पूर्णतया समाप्त करने के लिये किये जाने वाले समझौते को मुक्त व्यापार समझौता कहा जाता है।
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समझौते के प्रभाव या लाभ
- यह समझौता दोनों देशों के मध्य बढ़ते आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंधों में स्थिरता और मजबूती प्रदान करने में सहायक होगा।
- यह समझौता दोनों देशों के मध्य व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिये एक संस्थागत तंत्र उपलब्ध कराएगा।
- इसके लागू होने से ऑस्ट्रेलियाई निर्यातकों को प्रतिवर्ष लगभग 2 बिलियन डॉलर टैरिफ की बचत होगी।
- दोनों देशों के बीच कुशल तकनीकी कर्मचारियों के आसान आवाजाही को सुगम बनाया जा सकेगा।
- यह समझौता अगले पाँच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान के 27.5 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़ाकर 45-50 बिलियन अमरीकी डॉलर तक ले जाने में सहायक होगा।
भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधो की पृष्ठभूमि
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंध हैं। वर्ष 2021-22 में भारत से ऑस्ट्रेलिया को वस्तु निर्यात 8.3 बिलियन अमरीकी डॉलर जबकि ऑस्ट्रेलिया से वस्तु आयात 16.75 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
- भारत एवं ऑस्ट्रेलिया जापान के साथ त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पहल (Supply Chain Resilience Initiative : SCRI) व्यवस्था में भी भागीदार हैं, जो भारत-प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाने का प्रयास करता है।
- इसके अतिरिक्त, ये दोनों देश अमेरिका और जापान के साथ क्वाड के भी सदस्य हैं, जिसका उद्देश्य समान चिंताओं के कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना और साझेदारी विकसित करना है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, ए.आई.- ई.सी.टी.ए. एक संतुलित और न्यायसंगत व्यापार समझौता है, जो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूती प्रदान करेगा। यह समझौता वस्तुओं एवं सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के साथ ही नए रोज़गार के अवसरों का भी सृजन करेगा।