चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ। इसमें दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की समीक्षा के साथ क्षेत्रीय एवं वैश्विक विकास के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
प्राचीन कलाकृतियों को वापस करने की पहल
- सम्मलेन के तहत 29 प्राचीन कलाकृतियों को भारत को वापस करने की विशेष पहल की गई। इन कलाकृतियों में सदियों पुरानी मूर्तियाँ, चित्रकला एवं तस्वीरें शामिल हैं, जिनमें से कई 9वीं-10वीं सदी की हैं और उनका संबंध भारत के विभिन्न हिस्सों से है।
- इन कलाकृतियों में 12वीं सदी के चोल कांस्य, राजस्थान की 11वीं-12वीं सदी की जैन मूर्तियाँ, गुजरात की 12वीं-13वीं सदी की बलुआ पत्थर से निर्मित देवी महिषासुरमर्दिनी, 18वीं-19वीं सदी की चित्रकारी और शुरुआती दौर की जिलेटिन चांदी की तस्वीरें शामिल हैं।
संबंधों के विकसित होते नए आयाम
- दोनों देशों ने साझे मूल्यों और समान हितों वाले सहयोगी लोकतंत्र के रूप में बढ़ते परस्पर रणनीतिक जुड़ाव की भी सराहना की, जिसमें एक स्वतंत्र, समावेशी और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र भी शामिल है।
- संबंधों के इस बढ़ते हुए दायरे में व्यापार एवं निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा, शिक्षा एवं नवाचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, महत्त्वपूर्ण खनिजों, जल प्रबंधन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी तथा कोविड-19 से संबंधित अनुसंधान आदि जैसे विविध क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
- विदित है कि दोनों देशों ने जून 2020 में पहले वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था।