(प्रारंभिक परीक्षा सामान्य अध्ययन : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ) ( मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध : द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।) |
चर्चा में क्यों
हाल ही में भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते (Economic Cooperation and Trade Agreement: ECTA) के दो वर्ष पूर्ण हुए। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार इस समझौते के कार्यान्वयन ने दो वर्षों में व्यापार संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाया है।
महत्वपूर्ण आँकड़े
- इस समझौते पर वर्ष 2022 मे हस्ताक्षर किए गए थे। समझौते के बाद द्विपक्षीय व्यापार दोगुने से अधिक हो गया है।
- यह वर्ष 2020-21 में 12.2 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 26 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।
- दोनों देशों के बीच तरजीही आयात आंकड़ों (preferential import data) का आदान-प्रदान शुरू हो गया है, जो वर्ष 2023 में समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन को दर्शाता है।
- आँकड़ों के अनुसार कपड़ा, रसायन और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में वृद्धि देखी गई है, जबकि हीरे-जड़ित सोना और टर्बोजेट सहित नई लाइनों पर निर्यात समझौते सक्षम विविधीकरण को दर्शाते हैं।
- धातु अयस्कों, कपास और लकड़ी के उत्पादों जैसे आवश्यक कच्चे माल के आयात ने भारत के उद्योगों को बढ़ावा दिया है, जो साझेदारी की पारस्परिक रूप से लाभकारी प्रकृति को रेखांकित करता है।
- इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में विकास की संभावना है।
- समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया द्वारा भारत को कोयले के आयात पर 2.5 % की शुल्क रियायत दी गयी जिससे भारत को लाभ हुआ है।
- इसके अलावा दोनों देशों में एमएसएमई, व्यवसायों और रोजगार के लिए नए अवसर सृजित करने के साथ ही उनकी आर्थिक साझेदारी की नींव को मजबूत किया है।
- समझौते के तहत दोनों देश गहन आर्थिक एकीकरण को आगे बढ़ाने और वर्ष 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक व्यापार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वर्तमान स्थिति
- चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार में गिरावट आई है। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार अप्रैल से सितंबर 2024 तक छह महीनों के दौरान ऑस्ट्रेलिया को माल निर्यात कुल 3.99 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 4.89 बिलियन डॉलर से 18% कम है।
- इसी अवधि के दौरान आयात में भी 18% की गिरावट आई है, जो पिछले साल के 8.3 बिलियन डॉलर से घटकर इस साल 6.7 बिलियन डॉलर रह गया है। इसके परिणामस्वरूप व्यापार घाटा कम हुआ है।
इसे भी जानिए
भारत -ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंध
- हाल के वर्षों में भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंध विकसित करने के अपने प्रयासों के तहत, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने 2035 तक भारत आर्थिक रणनीति को लागू किया है।
- द्विपक्षीय व्यापार: भारत, ऑस्ट्रेलिया का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2021 में 22.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022 में 31.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 41% की वृद्धि दर्शाता है।
- भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को कुल निर्यात वर्ष 2021 में 6.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 38% बढ़कर 8.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
- इसी अवधि के दौरान ऑस्ट्रेलिया द्वारा भारत को निर्यात 15.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 42% बढ़कर 22.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
- भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को किए जाने वाले प्रमुख निर्यात :परिष्कृत पेट्रोलियम, औषधियाँ (पशु चिकित्सा सहित), मोती और रत्न, आभूषण, निर्मित वस्त्र वस्तुएँ शामिल हैं।
- प्रमुख आयात: कोयला, गोपनीय व्यापारिक वस्तुएँ, तांबा अयस्क और सांद्र, प्राकृतिक गैस, लौह-अलौह अपशिष्ट एवं स्क्रैप तथा शिक्षा संबंधी सेवाएँ शामिल हैं।
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