प्रारंभिक परीक्षा:संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA)। मुख्य परीक्षा:सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र1-जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे। |
संदर्भ
- संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की वार्षिक विश्व जनसंख्या स्थिति रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसंख्या 2023 के मध्य तक चीन को पीछे छोड़ते हुए विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा।
विश्व एवं भारत की जनसंख्या स्थिति
- चीन की 142.57 करोड़ के मुकाबले भारत की आबादी 142.86 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
- इससे पता चलता है कि भारत में अपने एशियाई पड़ोसी की तुलना में 29 लाख अधिक लोग होंगे।
- नवंबर 2022 में दुनिया की आबादी 800 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई।
- 34 करोड़ की अनुमानित आबादी के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका तीसरे स्थान पर है।
- वर्ष 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि का आधा हिस्सा सिर्फ आठ देशों का होगा –
- कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य,
- मिस्र
- इथियोपिया
- भारत
- नाइजीरिया
- पाकिस्तान
- फिलीपींस
- संयुक्त गणराज्य तंजानिया
- रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई कि विश्व के सभी राष्ट्र लैंगिक समानता और अधिकारों को ध्यान में रखते हुए नीतियों को लागू करें।
- जैसे कार्यस्थल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाली नीतियां और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों तक सार्वभौमिक पहुंच आदि।
- भारत में दो-बच्चे के मानदंड को लागू करने की मांग बढ़ रही है और असम जैसे कुछ राज्यों ने 2021 में सरकारी नौकरियों से दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को रोकने के लिए एक आदेश जारी किया है।
जनसंख्या वृद्धि के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
- जन्म दर में वृद्धि।
- गरीबी।
- महिला शिक्षा का अभाव।
- बाल विवाह।
- परिवार नियोजन का अभाव।
- पुत्र प्राप्ति की चाह।
जनसंख्या वृद्धि के कारण निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं -
- जनसंख्या वृद्धि के कारण प्रति व्यक्ति आय में कमी हो जाती है।
- जीवन स्तर में गिरावट।
- बेरोजगारी में वृद्धि।
- कृषि भूमि पर अत्यधिक दबाव।
- प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक दबाव।
- पर्यावरण प्रदूषण।
जनसंख्या प्रबंधन
- 25 वर्ष से कम आयु की लगभग 50% आबादी होने के कारण भारत के पास जनसांख्यिकीय लाभांश से लाभ उठाने का एक समयबद्ध अवसर है।
- इसे "स्वास्थ्य, शिक्षा और गुणवत्ता में अतिरिक्त निवेश के माध्यम से आर्थिक लाभ" में परिवर्तित करना चाहिए।
जनसंख्या नियन्त्रण की कुछ प्रमुख विधियाँ-
- गर्भनिरोधक (Contraception) का इस्तेमाल करके जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है।
- सरकार को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराके शिशु मृत्युदर को कम करना चाहिए।
- एकल शिशु नीति/द्वि शिशु नीति को बढ़ावा देने पर बल दिया जाना चाहिए।
- सामाजिक स्तर पर छोटे परिवार को आदर्श के रूप में स्वीकारना जनसंख्या नियन्त्रण की कारगर विधि हो सकती है।
जनसंख्या नियंत्रण सिद्धांत
- माल्थस के सिद्धांत के अनुसार, जनसंख्या दोगुनी रफ्तार (1, 2, 4, 8, 16, 32) से बढ़ती है, जबकि संसाधनों में सामान्य गति (1, 2, 3, 4, 5) से ही वृद्धि होती है।
जनसंख्या नियंत्रण के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदम
- वर्ष 1952 में जनसंख्या नीति समिति की स्थापना की गई।
- वर्ष 1956 में केंद्रीय परिवार नियोजन बोर्ड की स्थापना की गई।
- वर्ष 1976 में भारत सरकार द्वारा पहली राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की घोषणा की गई।
- स्थिर जनसंख्या प्राप्ति को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 की परिकल्पना की गई ।
- इस नीति का लक्ष्य वर्ष 2045 तक स्थिर जनसंख्या के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA)
- यह संयुक्त राष्ट्र की यौन और प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी है, जो मुख्य रूप से स्वास्थ्य संबंधी सतत् विकास लक्ष्य, शिक्षा संबंधी लक्ष्य और लिंग समानता संबंधी लक्ष्य के संबंध में कार्य करती है।
- इसका गठन वर्ष 1967 में किया गया था।
- यूएनएफपीए का मुख्यालय न्यूयार्क में है
- इसके द्वारा, विश्व जनसंख्या रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है।
- यूएनएफपीए के लिए फंड, संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट से संबद्ध नहीं है, बजट के लिए यह सरकारों, विभिन्न फाउंडेशन और व्यक्तियों तथा अंतर सरकारी संगठनों द्वारा दिए गए स्वैच्छिक योगदान पर निर्भर है।
- संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष का जनादेश, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) द्वारा स्थापित किया गया है।