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भारत - भूटान : अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर समझौता

संदर्भ

हाल ही में, केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भारत सरकार और भूटान सरकार (Royal Government of Bhutan) के बीच बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग के लिये समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) को स्वीकृति दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • इस समझौता ज्ञापन के द्वारा दोनों देशों के बीच पृथ्वी के दूरस्थ संवेदन, उपग्रह संचार, उपग्रह आधारित नौवहन, अंतरिक्ष विज्ञान, ग्रहों की खोज, अंतरिक्ष यान - अंतरिक्ष प्रणालियों तथा भू प्रणाली के उपयोग; और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना संभव हो सकेगा।
  • इस समझौता ज्ञापन के तहत अंतरिक्ष विभाग (Department of Space)/ इसरो और भूटान के सूचना एवं संचार मंत्रालय के सदस्यों के द्वारा एक संयुक्त कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा, जो कार्यान्वयन की समयसीमा और कार्ययोजना पर काम करेगा।

पृष्ठभूमि

  • पूर्व में भारत और भूटान के बीच औपचारिक अंतरिक्ष सहयोग के विषय पर कई बार विचार विमर्श हुआ है।
  • विदेश मंत्रालय ने नवंबर, 2017 में अंतरिक्ष सहयोग के लिये एक समझौता ज्ञापन के प्रस्ताव को भूटान के समक्ष रखा था।
  • फरवरी, 2020 में द्विपक्षीय बैठक के दौरान अन्य सहयोग प्रस्तावों के साथ ही अंतरिक्ष सहयोग के मसौदे पर भी विचार विमर्श किया गया था।
  • राजनयिक स्तर पर कुछ वार्ताओं के बाद दोनों पक्षों में समझौता ज्ञापन के व्यवहार्य मसौदे पर सहमति कायम हुई और उसे आंतरिक स्वीकृतियों के लिये आगे बढ़ाया गया।
  • आवश्यक स्वीकृतियाँ हासिल करने के बाद दोनों पक्षों ने 19 नवंबर, 2020 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे।
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