New
Open Seminar - IAS Foundation Course (Pre. + Mains): Delhi, 9 Dec. 11:30 AM | Call: 9555124124

भारत की ‘ब्लू इकोनॉमी’ पॉलिसी

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र : 3, भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय) 

संदर्भ

  • भविष्य में जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये जमीनी संसाधन पर्याप्त नहीं होंगे। अतः अधिकतर तटीय देश महासागरों में विकास के नए संसाधनों की तलाश में जुटे हुए हैं।
  • भविष्य की ज़रूरतों एवं भारतीय अर्थव्यवस्था में  समुद्री संसाधनों की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य से भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने ‘ब्लू इकोनॉमी’ पॉलिसीका ड्राफ्ट (नीली अर्थव्यवस्था नीति का मसौदा) तैयार किया है।
  • हाल ही में , मंत्रालय ने मसौदे को हितधारकों एवं आम लोगों से सुझाव आमंत्रित करने हेतु सार्वजनिक कर दिया है। 

ब्लू इकोनॉमीपॉलिसी

  • ‘ब्लू इकोनॉमी’ पॉलिसी का यह मसौदा देश में उपलब्ध समुद्री संसाधनों के उपयोग के लिये भारत सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीति को रेखांकित करता है।
  • इसका उद्देश्य भारत की जी.डी.पी. में ‘ब्लू इकॉनमी’ के योगदान को बढ़ावा देना, तटीय समुदायों के जीवन में सुधार करना, समुद्री जैव विविधता का संरक्षण करना और समुद्री क्षेत्रों एवं संसाधनों की राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है।
  • इस मसौदा नीति की परिकल्पना भारत की उस रणनीति को रेखांकित करती है, जिसके द्वारा देश में उपलब्ध समुद्री संसाधनों के संधारणीय उपयोग द्वारा विकास को लक्षित किया जा सकता है।
  • यह मसौदा, भारत सरकार के ‘विज़न ऑफ न्यू इंडिया 2030’ के अनुरूप तैयार किया गया है।
  • मसौदे में राष्ट्रीय विकास के दस प्रमुख आयामों में से एक के रूप में अर्थव्यवस्था को परिभाषित किया गया है।
  • नीति की रूपरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था के समग्र विकास को प्राप्त करने के लिये कई प्रमुख क्षेत्रोंसे जुड़ी नीतियों पर ज़ोर देती है, जिसमें नेशनल अकाउटिंग फ्रेमवर्क फॉर द ब्लू इकॉनमी, इकोनॉमी ऐंड ओशियन गवर्नेंस, कस्टम मरीन स्पेशल प्लानिंग एंड टूरिज्म, मरीन फिशरीज़, एक्वाकल्चर एंड  फिश प्रोसेसिंग आदि शामिल हैं।

भारत की नीली अर्थव्यवस्था में क्या शामिल है?

  • नीली अर्थव्यवस्था को भारतकी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के उपसमूह के रूप में देखा जाता है।
  • इसमें देश के कानूनी अधिकार क्षेत्र के भीतर की सम्पूर्ण महासागरीय संसाधन प्रणाली और तटवर्ती समुद्री क्षेत्रों में स्थित सभी मानव-निर्मित आर्थिक बुनियादी ढाँचे शामिल हैं।
  • यह नीति उन सभी वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन को प्रभावित करेगी,जो आर्थिक विकास, पर्यावरणीय स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आवश्यक हैं।
  • नीली अर्थव्यवस्था भारत जैसे तटीय देशों के लियेअपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु महासागरीय संसाधनों के संधारणीय उपयोग सुनिश्चित करने का एकबड़ा अवसर है। 

इस नीति की आवश्यकता क्यों?

  • भारतीय समुद्र तट की कुल लम्बाई 7516.6 किलोमीटर है, जिसमें भारतीय मुख्य भूमि का तटीय विस्तार 6300 किलोमीटर है,इसके अलावा द्वीपीय क्षेत्र अंडमान निकोबार एवं लक्षद्वीप का संयुक्त तटीय विस्तार 1,216.6 किलोमीटर है।
  • भारत के कुल 28 राज्यों में से 9 राज्य ऐसे है जिनकी सीमा समुद्र से लगती है इसके अलावा लगभग 1,382 द्वीप भी भारत की सीमा में अवस्थित हैं।
  • भारत में 13 प्रमुख बंदरगाह और लगभग 200 से अधिक छोटे बंदरगाह अधिसूचित हैं, जहाँ हर वर्ष लगभग 1,400 मिलियन टन का व्यापार जहाज़ों द्वारा होता है।
  • इसके अलावा, लगभग 2 मिलियन वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थित हैं, जहाँ से कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस जैसे महत्त्वपूर्ण संसाधन प्राप्त होते हैं।
  • भारत की तटीय अर्थव्यवस्था लगभग 4 मिलियन से अधिक मछुआरों के लिये रोज़गार का साधन है। 

प्रमुख क्षेत्र

नीति निम्नलिखित सात विषयगत क्षेत्रों पर केन्द्रित है :

  1. नीली अर्थव्यवस्था और महासागरीय प्रशासन के लिये राष्ट्रीय लेखा ढाँचा।
  2. तटीय समुद्री स्थानिक योजना और पर्यटन।
  3. समुद्री मत्स्य पालन, जलीय कृषि और मछली प्रसंस्करण।
  4. विनिर्माण, उभरते उद्योग, व्यापार, प्रौद्योगिकी, सेवाएं और कौशल विकास।
  5. ट्रांस-शिपमेंट सहित लॉजिस्टिक्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिपिंग।
  6. तटीय और गहरे समुद्र में खनन और अपतटीय ऊर्जा।
  7. सुरक्षा के रणनीतिक आयाम और अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव। 

आगे की राह

  • भारत सहित संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों में से 14 देश सतत विकास के लिये महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और निरंतर उपयोग करने के लिए प्रयासरत हैं।
  • कई देशों ने अपनी ब्लू इकोनॉमी का दोहन करने के लिये पहल की है, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, यूनाइटेड किंगडम आदि प्रमुख हैं।
  • अब भारत भी अपने ब्लू इकोनॉमी नीति के मसौदे के साथ सागर-संसाधनों की विशाल क्षमता का उपयोग करने के लिये तैयार है।
  • भारत, तीन तरफ से समुद्र से घिरा एक विशाल प्रायद्वीप है तथा महासागरों में विकास से जुड़ी अपार संभावनाएँ निहित हैं। अतः भारत को इस दिशा में बेहतर प्रयास करने चाहियें ताकि भविष्य में यह भारत के लिये उत्तरोत्तर प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सके।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X