प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-1 |
चर्चा में क्यों-
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी शुरुआती जड़ें रखने वाला लंदन का इंडिया क्लब, एक लंबी लड़ाई हारने के बाद इसे अगले महीने बंद करने की घोषणा की गई है।
प्रमुख बिंदु-
- यह इंडिया क्लब (इंडिया हाउस) लंदन के बीचो-बीच स्ट्रैंड में भारतीय उच्चायोग के पास स्थित है।
- इंडिया हाउस की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा ने सन 1905 में की थी।
- विक्टोरिया शैली का, लाल ईंटों वाला यह क्लब 1946 से एक भारतीय रेस्तरां के रूप में कार्य कर रहा है।
- आखिरी दिन 17 सितंबर को जनता के लिए खुला रहेगा।
- भारत की स्वतंत्रता के बाद से ही यह इंडिया क्लब भारतीय प्रवासियों का दूसरा घर रहा है।
- इंडिया क्लब की जड़ें इंडिया लीग में हैं, जिसने भारतीय स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाया था।
- इसके संस्थापक सदस्यों में कृष्ण मेनन भी शामिल थे, जो यूके में पहले भारतीय उच्चायुक्त बने।
- मेनन का इरादा इंडिया क्लब को एक ऐसी जगह बनाने का था, जहां गरीबी रेखा पर रहने वाले युवा भारतीय पेशेवर खाना खा सकें, राजनीति पर चर्चा कर सकें और अपने भविष्य की योजना बना सकें।
- कहा जाता है कि यहीं पर गांधी जी और सावरकर की पहली मुलाक़ात हुई थी।
- यह क्लब भारतीय स्वतंत्रता और विभाजन के बाद तेजी से बढ़ते ब्रिटिश दक्षिण एशियाई समुदाय के केंद्र में बदल गया।
- गुजरात के कच्छ में इंडिया हाउस का एक प्रतिरुप रखा है जो सन 2010 में बनवाया गया था।
प्रश्न:- ‘इंडिया क्लब’ के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- लंदन के बीचो-बीच स्ट्रैंड में भारतीय उच्चायोग के पास स्थित है।
- इसकी स्थापना स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा ने 1905 में की थी।
- यह भारतीय प्रवासियों का दूसरा घर कहा जाता रहा है।
उपर्युक्त में से कितना/कितनें कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर - (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न- भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में इंडिया हाउस की भूमिका पर प्रकाश डालें।
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