प्रारंभिक परीक्षा – भुगतान संतुलन, पूंजी खाता, चालू खाता मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्धयन प्रश्नपत्र 3 - आर्थिक विकास |
सन्दर्भ
- हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-2023 की तीसरी तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा 18.2 अरब डॉलर हो गया है, जो सकल घरेलु उत्पाद(GDP) का 2.2 प्रतिशत है।
- वित्तीय वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में चालू खाता घाटा (CAD) 30.9 अरब डॉलर (GDP का 3.7 प्रतिशत) था
- चालू खाता घाटा में कमी मुख्य रूप से व्यापार घाटा कम होने के कारण हुई है।
- व्यापार घाटा, वित्तीय वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही के 78.3 अरब डॉलर से घटकर, वित्तीय वर्ष 2022-2023 की तीसरी तिमाही में 72.7 अरब डॉलर हो गया है।
भुगतान संतुलन
- यह एक निश्चित अवधि के दौरान किसी देश के निवासियों और अन्य देशों के बीच किये गए सभी आर्थिक लेनदेन का रिकॉर्ड होता है।
- भुगतान संतुलन को दो भागों में विभाजित किया जाता है - चालू खाता तथा पूंजी खाता
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चालू खाता
- इसमें दो प्रकार की मदें शामिल होती हैं।
- दृश्य मदें – इसमें वस्तुओं के आयात-निर्यात को शामिल किया जाता है।
- अदृश्य मदें – इसमें सेवाओं के व्यापार तथा आय एवं भुगतानों के अंतरण को शामिल किया जाता है।
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पूंजी खाता
- इसमें निम्नलिखित मदों को शामिल किया जाता है-
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेश
- विदेशों से लिया गया ऋण
- अनिवासी भारतीय जमा
- बाह्य वाणिज्यिक उधार
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चालू खाता घाटा (Current Account Deficit)
- चालू खाता घाटा तब होता है, जब किसी देश द्वारा आयात की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य उसके द्वारा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं के कुल मूल्य से अधिक हो जाता है।
भारत के चालू खाता घाटे के कारण
- भारत अपनी तेल की आवश्यकताओं का लगभग 85% आयात के माध्यम से पूरा करता है।
- वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में प्रति बैरल 10 डॉलर की वृद्धि से व्यापार घाटा 12 अरब डॉलर बढ़ जाता है।
- सोने का अधिक मात्रा में आयात करने के कारण भारत का आयात बढ़ जाता है तथा विदेशी मुद्रा भण्डार में कमी आती है।
- चालू खाता घाटा बढ़ने के कारण देश की मुद्रा के मूल्य में कमी आती है।
चालू खाता घाटे को कम करना
- चालू खाता घाटा कम करने के लिए आम तौर पर निर्यात में वृद्धि या आयात में कमी की जाती है।
- यह आम तौर पर आयात प्रतिबंध, कोटा, शुल्क या निर्यात पर छूट देकर हासिल किया जाता है।
- विदेशी खरीदारों के लिए निर्यात को सस्ता बनाने के लिए विनिमय दर को प्रभावित करने से परोक्ष रूप से भुगतान संतुलन में वृद्धि होती है।
- यह मुख्य रूप से घरेलू मुद्रा के अवमूल्यन से किया जाता है।
- चालू खाता घाटा कम करने के लिए कम स्पष्ट पर अधिक प्रभावी पद्धतियों में शामिल उपाय है - राष्ट्रीय सरकार द्वारा उधार में कमी, घरेलू बचत में वृद्धि।