(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ; मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विषय- बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा)
संदर्भ
हाल ही में, नीति आयोग द्वारा इंडिया एनर्जी मॉडलिंग फोरम की संचालक संरचना (Governing Structure) की घोषणा की गई है।
पृष्ठभूमि
2 जुलाई, 2020 को अमेरिका-भारत रणनीतिक उर्जा साझेदारी के तहत नीति आयोग तथा यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यू.एस.ए.आई.डी.) द्वारा सस्टेनेबल ग्रोथ पिलर (Sustainable Growth Pillar) की बैठक के दौरान सयुंक्त रूप से इंडिया एनर्जी मॉडलिंग फोरम (IEMF) का गठन किया गया था।
संरचना
इसकी संरचना में एक अंतर-मंत्रालयी समिति (Inter-ministerial Committee) और एक संचालन समिति (steering Committee) शामिल होगी।
- अंतर-मंत्रालयी समिति की बैठक नीति आयोग द्वारा बुलाई जाएगी तथा इसकी अध्यक्षता नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (वर्तमान में अमिताभ कांत) द्वारा की जाएगी। इस समिति में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, उर्जा मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति अध्ययन तथा मॉडलिंग गतिविधियों की समीक्षा करेगी।
- संचालन समिति में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय, सांख्यिकी मंत्रालय, तकनीकी सूचना पूर्वानुमान एवं मूल्यांकन परिषद्, पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण कोष्ठ, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, नीति आयोग, उद्योग संगठन, नीतिगत शोध, थिंक टैंक और वित्तीय एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- संचालन समिति के संयोजक का चुनाव दो वर्ष के लिये रोटेशन के आधार पर किया जाएगा, जो अंतर-मंत्रालयी समिति और संचालन समिति के मध्य इंटरफेस के रूप में कार्य करेगा।
- संचालन समिति द्वारा अध्ययन हेतु नीतिगत मुद्दों का निर्धारण किया जाएगा।
एनर्जी मॉडलिंग क्या है?
एनर्जी मॉडलिंग के अंतर्गत ऊर्जा प्रणालियों के विश्लेषण हेतु कम्प्यूटर मॉडल तैयार किये जाते हैं। ये मॉडल ऊर्जा प्रणाली की व्यवहार्यता (Feasibility), हरित गैस उत्सर्जन, वित्तीय लागत, प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग और ऊर्जा दक्षता की जाँच तथा विश्लेषण कर आउटपुट प्रदान करते हैं।
इंडिया एनर्जी मॉडलिंग फोरम के उद्देश्य
- ऊर्जा तथा पर्यावरण से सम्बंधित मुद्दों की जाँच तथा विश्लेषण करने हेतु एक मंच प्रदान करना।
- मॉडलिंग टीमों, सरकार, ज्ञान-भागीदारों और वित्तपोषकों के मध्य विचारों के आदान-प्रदान को सुगम बनाना तथा आपसी सहयोग को प्रोत्साहन देना।