(मुख्य परीक्षा ; सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : अंतर्राष्ट्रीय संबंध ; क्षेत्रीय और वैश्विक समूह, भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार, भारत के हितों पर विकसित देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान- उनकी संरचना, अधिदेश)
संदर्भ
भारतीय प्रधानमंत्री और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद् (TTC) की स्थापना पर सहमति व्यक्त की है।
संयुक्त वक्तव्य के अन्य प्रमुख विषय
व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद् की स्थापना के निहितार्थ
व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद् की पृष्ठभूमि
यूरोपीय संघ वर्तमान सदस्य संख्या : 27 देश मुख्यालय : ब्रुसेल्स, बेल्जियम वर्तमान प्रमुख : उर्सुला वॉन डेर लेयेन वर्तमान सदस्य: ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन और स्वीडन। यूनाइटेड किंगडम, जो यूरोपीय संघ का संस्थापक सदस्य था, ने वर्ष 2020 में संगठन छोड़ दिया। स्थापना (मास्ट्रिच संधि द्वारा) : 1 नवंबर, 1993 इस संधि को अधिकार, आप्रवास, शरण, और न्यायिक मामलों के क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाकर एकल मुद्रा (यूरो), एकीकृत विदेश और सुरक्षा नीति, और सामान्य नागरिकता के माध्यम से यूरोप में राजनीतिक और आर्थिक एकीकरण को बढ़ाव देने हेतु डिज़ाइन किया गया था। प्रमुख बिंदु
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भारत-ई.यू. टी.टी.सी. की आवश्यकता
टी.टी.सी. के भू-राजनीतिक निहितार्थ
निष्कर्ष
भारत-ई.यू. टी.टी.सी. की स्थापना अनिश्चित वैश्विक रणनीतिक माहौल में भारत के बढ़ते भू-राजनीतिक मूल्य की मान्यता है, परंतु भारत के लिये चुनौती इस मूल्य को आर्थिक दृष्टि से भुनाने की होगी।
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