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भारत द्वारा वियतनाम को चावल का निर्यात

संदर्भ

हाल ही में, विश्व के तीसरे सबसे बड़े चावल निर्यातक देश वियतनाम ने भारत से चावल की खरीद शुरू की है। अपने स्थानीय बाज़ारों में चावल की कीमतें अत्यधिक बढ़ जाने के कारण वियतनाम ने अपने प्रमुख प्रतिस्पर्धी देश भारत से चावल की यह खरीद शुरू की है।

प्रमुख बिंदु

  • वियतनाम द्वारा यह खरीद एशिया में चावल आपूर्ति को प्रभावित कर सकती है तथा इससे न सिर्फ चावल की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है बल्कि स्थानीय देशों द्वारा थाईलैंड और वियतनाम के स्थान पर अब भारत से चावल की खरीद को वरीयता दी जा सकती है।
  • भारतीय निर्यातकों ने 100% टूटे चावलों (Broken Rice) की 77 हज़ार टन की खेप का निर्यात करने का अनुबंध किया है तथा वियतनाम को पहली बार इस तरह का कोई निर्यात किया जा रहा है।
  • ध्यातव्य है कि, भारत सरकार द्वारा हाल ही में चावल निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिये चावल निर्यात संवर्धन मंच (Rice Export Promotion Forum - REPFकी स्थापना की गई है।
  • कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात संवर्धन विकास प्राधिकरण(Agricultural and Processed Foods Export Promotion Development Authority-एपीडा) के तत्त्वावधान में इस मंच की स्थापना  की गई है।
  • यह मंच वैश्विक बाज़ार में चावल के निर्यात को बढ़ाने के लिये निर्यात की संपूर्ण उत्पादन/आपूर्ति शृंखला से जुड़े हितधारकों की पहचान करने, दस्तावेज़ पहुँचाने और सहयोग स्थापित करने के लिये आवश्यक कदम उठाएगा।
  • इसके अलावा, यह उत्पादन और निर्यात से संबंधित घटनाक्रमों की उचित निगरानी, पहचान और पूर्वानुमान के साथ-साथ अन्य ज़रुरी नीतिगत उपायों को भी आगे बढ़ाएगा।
  • आर.ई.पी.एफ. मेंसामान्यतः चावल उद्योग के प्रतिनिधिएपीडा, निर्यातक, वाणिज्य मंत्रालय, कृषि मंत्रालय तथा प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना, हरियाणा, असम, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश के अधिकारी शामिल होंगे। 
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में भारत ने रिकॉर्ड 14 मिलियन टन चावल का निर्यात किया।
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