चर्चा में क्यों
भारतीय रिज़र्व बैंक के हाल में जारी आँकड़ों अनुसार भारत का वर्तमान विदेशी मुद्रा भंडार 555.12 अरब डॉलर के स्तर पर पहुँच गया है, यह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का अब तक का सबसे उच्च स्तर है।
प्रमुख बिंदु
वृद्धि के कारण :
- कुल भंडार में वृद्धि विदेशी मुद्रा आस्तियों (Foreign Currency Assets- FCAs) में तेज़ वृद्धि के कारण हुई, जो समग्र भंडार का एक प्रमुख घटक है। वर्तमान में विदेशी मुद्रा आस्तियाँ 512.322 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गईं हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार :
- विदेशी मुद्रा भंडार मुख्यतः केंद्रीय बैंक द्वारा आरक्षित रखी गई सम्पत्ति है , जिसमें बॉण्ड, ट्रेज़री बिल और अन्य सरकारी प्रतिभूतियाँ भी शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि अधिकांश विदेशी मुद्रा भंडार अमेरिकी डॉलर के रूप में रखे जाते हैं।
- यद्यपि ये परिसम्पत्तियाँ कई उद्देश्यों की पूर्ति हेतु महत्त्वपूर्ण होती हैं लेकिन इनका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय मुद्रा के तीव्र अवमूल्यन या दिवालिया हो जाने की स्थिति में केंद्रीय बैंक के पास बैकअप फंड्स मौजूद रहें।
- भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में शामिल हैं:
- विदेशी परिसम्पत्तियाँ (विदेशी कम्पनियों के शेयर, डिबेंचर, बॉण्ड इत्यादि विदेशी मुद्रा के रूप में)
- स्वर्ण भंडार
- आई.एम.एफ. के पास रिज़र्व ट्रेंच (Reserve Trench)
- विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights-SDR)