(प्रारंभिक परीक्षा : अंतर्राष्ट्रीय संबंध) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार) |
संदर्भ
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 से 12 फरवरी, 2025 के मध्य फ़्रांस की राजकीय यात्रा की और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ पेरिस में आयोजित एआई एक्शन शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण की सह-अध्यक्षता की।
भारत-फ्रांस द्विपक्षीय संबंध के बारे में
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- भारत एवं फ्रांस के मध्य राजनयिक संबंध वर्ष 1947 में फ्रांस द्वारा भारत को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने के पश्चात स्थापित हुए थे।
- 26 जनवरी, 1998 को भारत एवं फ्रांस के राजनयिक संबंधो को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया गया।
- रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभ : रक्षा एवं सुरक्षा, असैन्य परमाणु मामले, अंतरिक्ष और मजबूत हिंद-प्रशांत क्षेत्र।
- अन्य सहयोग क्षेत्र : समुद्री सुरक्षा, डिजिटलीकरण, साइबर सुरक्षा एवं उन्नत कंप्यूटिंग, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय व सतत विकास
राजनयिक संबंध
- वर्ष 2023 में भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में जुलाई 2023 में फ्रांस की आधिकारिक यात्रा की थी।
- इस दौरान दोनों देशों ने अगले 25 वर्षों के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित करते हुए ‘क्षितिज 2047’ का रोडमैप अपनाया।
- यह रोडमैप भारत की स्वतंत्रता और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शताब्दी का प्रतीक होगा।
- फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने 25-26 जनवरी, 2024 को भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में भारत की राजकीय यात्रा की थी।
- भारत एवं फ्रांस द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा के लिए नियमित रूप से विदेश सचिव स्तर पर वार्ता होती हैं।
आर्थिक सहयोग
- यूरोपीय संघ में नीदरलैंड, बेल्जियम, इटली एवं जर्मनी के बाद फ्रांस, भारत का पाँचवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार फ्रांस है।
- वर्ष 2024 में विभिन्न उच्च-स्तरीय यात्राओं के दौरान व्यापार, तकनीकी प्रगति, ऊर्जा सुरक्षा एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर चर्चाएँ हुईं, जो पारस्परिक आर्थिक विकास और वैश्विक नेतृत्व के लिए संबंधों को गहरा करने की प्रतिबद्धता दर्शाती हैं।
- कई भारतीय कंपनियों ने संयुक्त प्रौद्योगिकी विकास के लिए फ्रांस में अपने नवाचार केंद्र खोले हैं।
- विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, टिकाऊ विनिर्माण एवं शहरी बुनियादी ढाँचे के विकास में फ्रांसीसी प्रौद्योगिकियों को भारत में एकीकृत किया जा रहा है।
- वर्ष 2024 में आर्थिक कूटनीति के लिए निर्धारित पाँच प्रमुख प्राथमिकता क्षेत्र :
- डिजिटल प्रौद्योगिकी और नवाचार को आगे बढ़ाना
- स्वच्छ ऊर्जा सहयोग
- अनुसंधान एवं विकास, स्मार्ट विनिर्माण और रक्षा सहित महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां
- फ्रांस में भारतीय निर्यात को बढ़ावा देना
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पुनर्वास पहल
व्यापारिक संबंध
- अप्रैल 2024 से अक्तूबर 2024 तक फ्रांस में भारतीय निर्यात $4.69 बिलियन था।
- भारत व फ्रांस के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले दशक में दोगुना से अधिक बढ़कर वर्ष 2023-24 में $15.11 बिलियन हो गया है जो वर्ष 2009-10 में $6.4 बिलियन था।
- उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के अनुसार, अप्रैल 2000 से मार्च 2024 तक $10.94 बिलियन के संचयी निवेश के साथ फ्रांस, भारत में 11वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है।
- शीर्ष 5 एफ.डी.आई. इक्विटी प्रवाह क्षेत्र : सेवा क्षेत्र (17.87%), सीमेंट एवं जिप्सम उत्पाद, हवाई परिवहन (हवाई माल ढुलाई सहित), विविध उद्योग और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस
रक्षा सहयोग
- भारत एवं फ्रांस के बीच एक मजबूत रक्षा साझेदारी है जिसमें ‘आत्मनिर्भरता’ का तत्व बढ़ रहा है।
- दोनों पक्षों के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा वार्षिक रक्षा वार्ता (रक्षा मंत्री स्तर) और रक्षा सहयोग पर उच्च समिति (सचिव स्तर) के तहत की जाती है।
- वर्तमान प्रमुख रक्षा-संबंधी परियोजनाओं में राफेल विमानों की खरीद और पी-75 स्कॉर्पियन परियोजना शामिल है।
- सहयोग के अन्य संभावित नए क्षेत्रों में लड़ाकू विमानों (जैसे- राफेल) के लिए अगली पीढ़ी के इंजनों का सह-विकास शामिल है।
- पिछले कुछ वर्षों में भारत-फ्रांस संयुक्त रक्षा अभ्यासों का दायरा बढ़ा है।
- जैसे- वरुण नौसेना अभ्यास, बहुपक्षीय अभ्यास तरंग शक्ति, बहुपक्षीय अभ्यास मिलन, एस्टरएक्स अभ्यास इत्यादि।
त्रिपक्षीय सहयोग
- भारत व फ्रांस का तीसरे देशों के साथ मजबूत सहयोग चल रहा है, जिसमें क्रमशः ऑस्ट्रेलिया एवं संयुक्त अरब अमीरात के साथ त्रिपक्षीय संस्थागत आदान-प्रदान शामिल है।
- तीसरी भारत-फ्रांस-ऑस्ट्रेलिया त्रिपक्षीय फोकल प्वाइंट बैठक और दूसरी भारत-फ्रांस-यू.ए.ई. त्रिपक्षीय फोकल प्वाइंट बैठक 2024 में संपन्न हुई।
अंतरिक्ष सहयोग
- भारत एवं फ्रांस का अंतरिक्ष के क्षेत्र में इसरो और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी ‘सेंटर नेशनल डी'एट्यूड्स स्पैटियल्स’ (CNES) के बीच साठ वर्षों से सहयोग रहा है।
- फ्रांस भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए घटकों एवं उपकरणों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।
- वर्तमान सहयोग गतिविधियों में संयुक्त उपग्रह मिशन तृष्णा, समुद्री डोमेन जागरूकता प्रणाली, पेलोड सुविधा, ग्राउंड स्टेशन समर्थन, मानव अंतरिक्ष उड़ान एवं पेशेवर आदान-प्रदान शामिल हैं।
- इसरो वाणिज्यिक आधार पर अपने भारी संचार उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए एरियनस्पेस की लॉन्च सेवाओं का उपयोग कर रहा है।
साइबर सहयोग
साइबर सहयोग और संबंधित मामलों पर चर्चा करने के लिए भारत-फ्रांस साइबर संवाद तंत्र विद्यमान है। जनवरी 2024 को पेरिस में साइबर सुरक्षा मामलों पर एक संवाद आयोजित किया गया।
आतंकवाद से निपटने में सहयोग
भारत एवं फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र मंचों सहित सभी स्वरूपों में आतंकवाद से निपटने से संबंधित विषयों पर मजबूत सहयोग किया है। आतंकवाद से निपटने पर संयुक्त कार्य समूह की 16वीं बैठक जनवरी 2024 में पेरिस में आयोजित की गई थी।
नागरिक परमाणु सहयोग
- भारत और फ्रांस ने परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर सहयोग किया है, विशेष रूप से जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना के संबंध में।
- भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता के ढांचे में परमाणु ऊर्जा पर विशेष कार्यबल की पहली बैठक जनवरी 2025 में आयोजित की गई थी।
- दोनों पक्ष निम्न एवं मध्यम शक्ति मॉड्यूलर रिएक्टर, छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर और उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टर पर साझेदारी स्थापित करने पर काम कर रहे हैं।
डिजिटल सहयोग
- जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और फ्रांस के लाइरा कलेक्ट ने फ्रांस एवं यूरोप में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को लागू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- 26 जनवरी, 2024 को राष्ट्रपति मैक्रो की भारत यात्रा के दौरान एफिल टॉवर पर UPI भुगतान तंत्र लाइव हो गया था।
- खुले, मुक्त, लोकतांत्रिक एवं समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं के विकास के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) क्षेत्र में बहु-हितधारक आदान-प्रदान को आगे बढ़ाया गया है।
नीली अर्थव्यवस्था एवं पर्यावरण में सहयोग
- नीली अर्थव्यवस्था और महासागर शासन पर भारत-फ्रांस के मध्य वार्ता फरवरी 2024 में नई दिल्ली में आयोजित की गई।
- दोनों पक्षों ने तटीय पारिस्थितिकी तंत्र व सेवाओं, समुद्री एवं तटीय नियोजन और तटीय पारिस्थितिकी तथा पर्यावरण के क्षेत्रों में ब्लू इकोनॉमी डायलॉग के तहत काम करने पर सहमति व्यक्त की है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के विषय
- ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, ऊर्जा संरक्षण और भंडारण
- जलवायु परिवर्तन और टिकाऊ शहर
- डिजिटल प्रौद्योगिकियां
- क्वांटम प्रौद्योगिकी
- स्वास्थ्य
- महासागर
- व्यावहारिक गणित
प्रवासी समुदाय
- मुख्य भूमि फ्रांस में अनुमानित 1,19,000 भारतीय समुदाय हैं।
- ये समुदाय पुडुचेरी, कराईकल, यनम, माहे एवं चंद्रनगर (चंदननगर) जैसे पूर्ववर्ती फ्रांसीसी उपनिवेशों और तमिलनाडु, गुजरात एवं पंजाब राज्यों से हैं।
- फ्रांसीसी विदेशी क्षेत्रों में भारतीय मूल की आबादी मुख्यतः रीयूनियन द्वीप, ग्वाडेलोप, मार्टीनिक और सेंट मार्टिन पर निवास करती है।
- ग्वाडेलोप एवं मार्टीनिक में भारतीय मूल के समुदायों को भारत के विदेशी नागरिक योजना के तहत पंजीकरण के लिए गृह मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024 में मंजूरी दी गई थी।
वीर सावरकर एवं मार्सिले का ऐतिहासिक महत्त्व
- प्रधानमंत्री मोदी ने मार्सिले (फ्रांस) पहुंचने पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इस शहर के ऐतिहासिक महत्व का स्मरण किया।
- भारतीय स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को नासिक षड्यंत्र मामले में वर्ष 1910 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था।
- नासिक षड्यंत्र मामले में 21 दिसंबर, 1909 को नासिक के विजयानंद थिएटर में अनंत लक्ष्मण कन्हेरे ने नासिक के कलेक्टर ए.एम.टी. जैक्सन की हत्या कर दी थी। इस मामले में अभिनव भारत संगठन के वीर सावरकर सहित 27 कार्यकर्ताओं को सजा सुनाई गई थी।
- उन्हें जब मुकदमे के लिए जहाज से भारत ले जाया जा रहा था, तो मार्सिले के पास सावरकर समुद्र में कूद गए और जहाज से होने वाली गोलीबारी का सामना करते हुए तैरकर फ्रांसीसी तट पर पहुंच गए। उन्हें ब्रिटिश पुलिस ने मार्सिले में गिरफ्तार कर लिया।
- फ्रांसीसी सरकार ने फ्रांसीसी धरती पर इस गिरफ्तारी के खिलाफ हेग अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में विरोध दर्ज कराया था, हालाँकि निर्णय अंग्रेजों के पक्ष में रहा था।
- इससे वीर सावरकर एवं अन्य भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को पूरी दुनिया में प्रसिद्धि मिली।
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प्रधानमंत्री मोदी की हालिया फ्रांस यात्रा के प्रमुख परिणाम
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर भारत-फ्रांस घोषणा : दोनों राष्ट्र नैतिक व जिम्मेदार ए.आई. विकास पर जोर देते हुए ए.आई. अनुसंधान एवं अनुप्रयोगों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- नवाचार एवं वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष 2026 के लोगो का लोकार्पण किया गया।
- भारत-फ्रांसीसी डिजिटल विज्ञान केंद्र : भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और फ्रांस के इंस्टीट्यूट नेशनल डी रिसर्च एन इंफॉर्मेटिक एट एन ऑटोमेटिक के बीच डिजिटल विज्ञान के लिए एक समर्पित केंद्र स्थापित करने, अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
- भारतीय स्टार्टअप के लिए समर्थन : उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध फ्रांसीसी स्टार्टअप इनक्यूबेटर, स्टेशन एफ में 10 भारतीय स्टार्टअप की मेजबानी के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- उन्नत मॉड्यूलर एवं लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों पर साझेदारी : अगली पीढ़ी के परमाणु रिएक्टर प्रौद्योगिकियों पर सहयोग बढ़ाने के लिए एक आशय घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए।
- परमाणु ऊर्जा सहयोग पर समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण : भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग और फ्रांस के कमिसारिएट ए आईएनर्जी एटॉमिक एट ऑक्स एनर्जीज अल्टरनेटिव्स के बीच समझौते का नवीनीकरण किया गया, जिससे परमाणु ऊर्जा साझेदारी मजबूत हुई है।
- परमाणु अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग : भारत के वैश्विक परमाणु ऊर्जा भागीदारी केंद्र और फ्रांस के परमाणु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक नए कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- त्रिकोणीय विकास सहयोग : भारत एवं फ्रांस ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में विकास परियोजनाओं पर सहयोग करने के लिए एक संयुक्त घोषणापत्र जारी किया, जिसमें संधारणीयता व आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- मार्सिले में भारत का वाणिज्य दूतावास : प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांसीसी अधिकारियों ने संयुक्त रूप से मार्सिले में भारत के नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया।
- पर्यावरणीय साझेदारी: जैव विविधता संरक्षण, जलवायु कार्रवाई एवं सतत विकास में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और फ्रांस के पारिस्थितिकी संक्रमण मंत्रालय के बीच एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
फ्रांस : देशनामा
- अवस्थिति : यह उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग; पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली; दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर; दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर-पश्चिम में इंग्लिश चैनल से घिरा है।
- कुल क्षेत्रफल : क्षेत्रफल की दृष्टि से यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश
- अर्थव्यवस्था : जी.डी.पी. में दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता (PPP) में नौवें स्थान पर
- जलवायु : समशीतोष्ण जलवायु
- आधिकारिक भाषा : फ्रेंच
- आधिकारिक मुद्रा : यूरो
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