प्रारंभिक परीक्षा
(समसामयिक घटनाक्रम,अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध)
मुख्यपरीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2; द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)
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संदर्भ
1 अक्टूबर, 2024 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता आयोजित की गई।
पृष्ठभूमि
- भारत - फ़्रांस के मध्य राजनयिक संबंधों की स्थापना वर्ष 1947 में हुई थी।
- ‘भारत-फ्राँस रणनीतिक साझेदारी’ (India-France strategic partnership) की शुरुआत वर्ष 1998 में हस्ताक्षरित समझौते के द्वारा हुई थी।
- INS तबर ने 2-4 सितंबर 2024 तक भूमध्य सागर में आयोजित भारत-फ्रांस द्विपक्षीय अभ्यास के 22वें संस्करण में भाग लिया था।
भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता 2024 के बारे में
- नेतृत्व: भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोने ने पेरिस में इस रणनीतिक वार्ता का नेतृत्व किया।
- उद्देश्य : द्विपक्षीय रक्षा एवं अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाना तथा उभरते अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक परिदृश्य पर अंतर्दृष्टि साझा करना।
- महत्त्व : जनवरी 2024 में गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों के भारत आने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली महत्वपूर्ण वार्ता है।
- चर्चा के विषय:
- राफेल समुद्री लड़ाकू विमान की खरीदारी।
- स्कॉर्पीन पनडुब्बी की खरीद।
- अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर दृष्टिकोण (विशेष रूप से यूक्रेन में)।
- होराइजन 2047 के प्रति प्रतिबद्धता: अजीत डोभाल ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात के दौरान फ्रांस के साथ "होराइजन 2047 रोडमैप" को लागू करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई है।
- शांति पहल की सराहना : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शांति को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “शांति पहल” की सराहना की।
होराइजन 2047 (Horizon 2047) के बारे में
- क्या है : होराइजन 2047 रोडमैप वर्ष 2047 तक भारत और फ्रांस की द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक दीर्घकालिक रणनीतिक योजना है।
- वर्ष 2047 का महत्व: इस वर्ष भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होंगे, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 100 वर्ष पूरे होंगे और भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के 50 वर्ष पूरे होंगे।
- शुरूआत : भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ पर वर्ष 2023 में।
- सहयोग के प्रमुख क्षेत्र: रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु, नवीकरणीय ऊर्जा, साइबरस्पेस, डिजिटल प्रौद्योगिकी, आतंकवाद-रोधी, समुद्री सुरक्षा, नियमित रक्षा अभ्यास और नीली अर्थव्यवस्था।
होराइजन 2047रोडमैप के प्रमुख विषय
I – सुरक्षा और संप्रभुता के लिए साझेदारी(Partnership for security and sovereignty)
- संयुक्त रूप से संप्रभु रक्षा क्षमताओं का निर्माण करना।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्थिरता एवं सतत विकास का क्षेत्र बनाने के लिए मजबूत समाधान प्रदान करना।
- द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को केंद्र में रखना।
- नागरिकों को आतंकवादियों से उभरते खतरों से बेहतर ढंग से बचाने के लिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को नए खतरों के अनुरूप ढालना।
- नवीकृत और प्रभावी बहुपक्षवाद को बढ़ावा देना।
- दोनों देशों के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ-साथ शैक्षिक मामलों में नए विचार और नवाचार का आदान-प्रदान।
II – गृह के लिए साझेदारी (Partnership for the planet)
- वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना।
- जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि और प्रदूषण की चुनौतियों का संयुक्त रूप से समाधान करना।
- भारत में शहरी एवं पर्यावरणीय परिवर्तनों के साथ-साथ सामाजिक समावेशन का समर्थन करना।
- सतत विकास, कम कार्बन ऊर्जा में परिवर्तन की दृष्टि से दोनों देशों के बीच व्यापार को मजबूत करने के साथ ही निवेश को सुविधाजनक बनाना।
III - लोगों के लिए भागीदारी (Partnership for the people)
- विशेषकर युवाओं के लाभ के लिए आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
- दोनों देशों के मध्य संस्कृतियों के बीच नियमित संचार को प्रोत्साहित करना।