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भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र 

चर्चा में क्यों

हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लुंबिनी की एक दिवसीय यात्रा के दौरान ‘भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र (India International Centre for Buddhist Culture and Heritage)' के निर्माण का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस केंद्र का संचालन अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा किया जाएगा, जो भारत के संस्कृति मंत्रालय के तहत एक 'अनुदान निकाय' (Grantee Body) है। उल्लेखनीय है कि यह विरासत केंद्र नेपाल में पहला 'शुद्ध शून्य उत्सर्जन' भवन होगा। 
  • विदित है कि आई.बी.सी. को 2 नवंबर, 2012 में पंजीकृत किया गया था। इसका उद्देश्य दुनिया भर में और विशेष रूप से भारत के पड़ोसी देशों में बुद्ध की शिक्षाओं और विरासत का प्रचार एवं संरक्षण करना है।

बौद्ध सर्किट

  • बौद्ध सर्किट एक मार्ग है जो महात्मा बुद्ध के जीवन वृतांत पर आधारित है। भारत सरकार द्वारा इस परियोजना को स्वदेश दर्शन योजना के तहत वर्ष 2016 में शुरू किया गया। इसके अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के लिये 343 करोड़ रुपये स्वीकृत किये जा चुके हैं।
  • इस सर्किट के अंतर्गत पर्यटन मंत्रालय ने बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य के निम्नलिखित बौद्ध स्थलों- बोधगया, नालंदा, राजगीर, वैशाली, सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कौशाम्बी, संकिसा और कपिलवस्तु को शामिल करने और विकसित करने की योजना बनाई है।
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