चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारत और जापान ने नई दिल्ली में भारत-जापान एक्ट ईस्ट फोरम की छठी संयुक्त बैठक का आयोजन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक में दोनों पक्षों ने जलविद्युत, संपर्क, वन प्रबंधन, कौशल विकास, जल आपूर्ति और सीवेज, तथा जापानी भाषा में शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और सहयोग के संभावित नए क्षेत्रों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
- भारत की 'एक्ट ईस्ट नीति' और जापान की 'फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक' विजन के तहत, यह फोरम भारत और जापान को उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सहयोग करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।
- इस फोरम की स्थापना के लिये वर्ष 2017 में भारत एवं जापान के मध्य एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- यह फोरम भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के आर्थिक आधुनिकीकरण के लिये विशिष्ट परियोजनाओं जैसे- कनेक्टिविटी, विकासात्मक बुनियादी ढाँचे, औद्योगिक संपर्क और पर्यटन, संस्कृति और खेल से संबंधित गतिविधियों की पहचान करता है।
एक्ट ईस्ट नीति:
- इस नीति को वर्ष 2014 में म्यांमार में आयोजित पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू किया गया था। यह नीति मुख्य रूप से दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है।
- आर्थिक और सुरक्षा एकीकरण पर ध्यान देने के उद्देश्य से शुरू यह नीति ‘लुक ईस्ट नीति’ का संशोधित एवं अग्र सक्रिय रूप माना जाता है।