भारत एवं जापान के मध्य 15 नवंबर, 2024 को टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास में नौसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
भारत-जापान यूनिकॉर्न मस्तूल समझौते के बारे में
- इस समझौते के तहत भारतीय नौसेना के जहाजों पर प्रयोग के लिए ‘यूनिकॉर्न मस्तूल’ के सह-विकास के लिए दोनों देशों के मध्य कार्यान्वयन ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- इस समझौते का क्रियान्वयन भारत एवं जापान के बीच रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन का पहला अवसर होगा।
- इन यूनिकॉर्न मस्तूल को भारत में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा जापान के सहयोग से विकसित किया जाएगा।
- जापान की तीन कंपनियों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ये यूनिकॉर्न एंटीना वर्तमान में जापान समुद्री सेल्फ डिफेंस फोर्स के मोगामी श्रेणी के फ्रिगेट (युद्धपोत) पर लगे हैं।
- इस आधुनिक प्रणाली को भारतीय नौसेना अपने जहाजों पर लगाने का प्रयास कर रही है जिससे भारतीय नौसेना जहाजों की स्टील्थ क्षमता में वृद्धि होगी।
क्या होता है यूनिकॉर्न मस्तूल प्रणाली
- यूनिकॉर्न प्रणाली : यूनिफाइड कॉम्प्लेक्स रेडियो एंटीना (यूनिकॉर्न) मस्तूल अगली पीढ़ी की नौसैनिक मस्तूल प्रणाली है, जो एकाधिक संचार प्रणालियों को एकीकृत करती है तथा एंटीना के रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) को कम करके नौसैनिक प्लेटफार्मों की गुप्त विशेषताओं (Stealth Capabilites) को बढ़ाती है।
- पारंपरिक मस्तूलों के विपरीत यूनिकॉर्न विभिन्न एंटेना को एक मस्तूल पर कई बिंदुओं पर एक सिंगल सपोर्टेड पिलर में जोड़ता है ताकि इसके ‘रडार सिग्नेचर’ को कम किया जा सके।
- मस्तूल (Mast) : पानी के जहाजों में मस्तूल स्थिरता से खड़े हुए लम्बे खम्बे को कहते हैं। विशेषकर नौकाओं में उन खम्बों को जिन पर पाल (Sail) लगाया जाता है, मस्तूल कहा जाता है।
- इन्हें सहारा देने के लिये गाई तारों (Guy Wires) का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर मस्तूल लकड़ी या धातु के बने हुए होते हैं।