संदर्भ
हाल ही में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (National Security Strategy : NSS) के निर्माण के बारे में चर्चा की।
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति
- राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति दस्तावेज़ में देश के सुरक्षा उद्देश्यों और इन्हें प्राप्त करने के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों का विवरण होता है।
- इसमें पारंपरिक, गैर-पारंपरिक खतरों और अवसरों को परिभाषित करने के साथ ही ऐसी जिम्मेदारियों के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी एजेंसियों की जवाबदेही भी तय की जाती है।
- इसे समय-समय पर अपडेट किया जाता है।
- संक्षेप में राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सैन्य के साथ-साथ महत्वपूर्ण रक्षा एवं सुरक्षा सुधारों को रणनीतिक निहितार्थों के साथ निर्देशित करती है।
- यह समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा, खतरों और उनसे निपटने के लिए रोडमैप का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है।
- वर्ष 2018 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में एक शीर्ष स्तरीय रक्षा योजना समिति का गठन किया गया था।
- जिसका उद्देश्य एन.एस.एस. और राष्ट्रीय रक्षा रणनीति तैयार करना था। हालाँकि इस बहुप्रचारित रणनीति के रूपरेखा के संबंध में स्पष्ट जानकारी का अभाव है।
- इसमें भारत के सामने आने वाली नई चुनौतियों और आधुनिक खतरों की पूरी श्रृंखला के साथ ही गैर-पारंपरिक चुनौतियां भी शामिल होंगी।जैसे :
- वित्तीय एवं आर्थिक सुरक्षा
- खाद्य व ऊर्जा सुरक्ष
- सूचना युद्ध (Information Warfare)
- संवेदनशील सूचना अवसंरचना में कमी
- आपूर्ति श्रृंखलाओं और पर्यावरण से जुड़ी कमजोरियाँ
विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति
- अधिकांश विकसित देशों के पास उन्नत सैन्य एवं सुरक्षा बुनियादी ढाँचा के साथ ही समय-समय पर अपडेट की जाने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति है।
- अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति प्रकाशित की है।
- चीन के पास भी ऐसी ही रणनीति है, जिसे व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा कहा जाता है। यह उसके शासन ढांचे से बहुत करीब से जुड़ी हुई है।
- पाकिस्तान ने भी अपने राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को रेखांकित करते हुए एक राष्ट्रीय सुरक्षा नीति 2022-2026 पेश की है।
- चीन सहित अधिकांश राष्ट्र एन.एस.एस. लागू करने के साथ ही समय-समय पर श्वेत पत्र भी प्रकाशित करते हैं।
भारत को एक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की आवश्यकता
- विभिन्न पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों की जटिल प्रकृति को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का मसौदा तैयार करने की तत्काल आवश्यकता है।
- भारत की रक्षा नियोजन की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है और संक्रमण में है क्योंकि :
- 5 वर्षीय रक्षा योजनाएं और 15 वर्षीय दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य योजनाएं बंद कर दी गई हैं।
- 10 वर्षीय एकीकृत क्षमता योजना और 5 वर्षीय रक्षा क्षमता अधिग्रहण योजना के नए प्रारूप अभी तक पूर्ण रूप से तैयार नहीं हुए हैं।
- संसदीय स्थायी समिति और महालेखा परीक्षक द्वारा समीक्षा की वर्तमान प्रणाली अपने लक्ष्यों के अनुरूप नहीं है।
- ऐसे में आवधिक लेखापरीक्षाओं और पूर्वानुमानित एवं गतिशील लक्ष्य निर्धारण के लिए इनका नेट-मूल्यांकन और सांख्यिकीय उपकरणों के साथ समर्थन किया जाना चाहिए।
- पूर्व सेना प्रमुख जनरल एनसी विज के अनुसार सशस्त्र बलों के लिए मौजूदा राजनीतिक दिशा-निर्देश रक्षा मंत्री के वर्ष 2009 के परिचालन निर्देश हैं जिन्हें संशोधित करने की आवश्यकता है।
- कुछ विशेषज्ञों ने यह भी रेखांकित किया है कि प्रमुख सैन्य सुधारों को आदर्श रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के अनुसार होना चाहिए।
सुरक्षा रणनीति के लाभ
- एक अच्छी तरह से तैयार किया गया एन.एस.एस. "पूरे राष्ट्र" के दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा और व्यापक राष्ट्रीय शक्ति (Comprehensive National Power : CNP) के दोहन के लिए समन्वय स्थापित करेगा।
- यह आधुनिकीकरण, बुनियादी ढांचे और आत्मनिर्भर मिशन के लिए क्षमता निर्माण स्थापित करने में भी सक्षम होगा।
- अत्याधुनिक स्तर पर एन.एस.एस. पहल, नवाचार और सुधार को बढ़ावा देगा।
- थिएटर कमांड के संचालन एवं परिवर्तन के लिए एन.एस.एस. एक पूर्व शर्त है।
- एक स्पष्ट रूप से परिभाषित एन.एस.एस. निश्चित रूप से फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, लेफ्टिनेंट जनरल हरबख्श सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह जैसे साहसी कमांडरों को जन्म देगा।
- प्रत्येक एन.एस.एस. में एक वर्गीकृत प्रभाग होता है और वह निश्चित रूप से गोपनीयता का ध्यान रख सकता है।