भारतीय सेना की 334 कर्मियों वाली टुकड़ी बटालियन स्तरीय संयुक्त सैन्य अभ्यास सूर्य किरण के 18 वें संस्करण में भाग लेने के लिए नेपाल के लिए रवाना हुई।
यह अभ्यास 31 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक नेपाल के सलझंडी में आयोजित किया जाएगा।
यह एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व 11वीं गोरखा राइफल्स की एक बटालियन द्वारा किया जाएगा।
नेपाली सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व श्रीजंग बटालियन द्वारा किया जाएगा।
अभ्यास सूर्य किरण
भारत-नेपाल सैन्य अभ्यास सूर्य किरण 2011 में आरंभ हुआ था और तब से यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं द्वारा रक्षा सहयोग और पारस्परिकता को बढ़ावा देने के लिए किया जाता रहा है।
सूर्य किरण अभ्यास का उद्देश्य जंगल में युद्ध, पहाड़ों में आतंकवाद विरोधी अभियानों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अंर्तगत मानवीय सहायता और आपदा राहत में अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है।
अभ्यास में परिचालन तैयारियों, विमानन पहलुओं, चिकित्सा प्रशिक्षण और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इन गतिविधियों के माध्यम से, सैनिक अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएंगे, अपने युद्ध कौशल को निखारेंगे और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में एक साथ काम करने के लिए अपने समन्वय को मजबूत करेंगे।
अभ्यास सूर्य किरण का यह संस्करण नेपाल के सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की सफल यात्राओं और नेपाली सेना के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल की भारत यात्रा के बाद आयोजित किया जा रहा है ।
यह अभ्यास भारत और नेपाल के सैनिकों को विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करने, सर्वोत्तम व्यवस्थाओं को साझा करने और एक-दूसरे की परिचालन प्रक्रियाओं की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
अभ्यास सूर्य किरण भारत और नेपाल के बीच मौजूद मित्रता, विश्वास और साझा सांस्कृतिक संबंधों के मजबूत बंधन को दर्शाता है।
यह एक सृजनात्मक और पेशेवर जुड़ाव के लिए मंच तैयार करता है जो व्यापक रक्षा सहयोग के प्रति दोनों देशों की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह अभ्यास साझा सुरक्षा उद्देश्यों को भी प्राप्त करेगा और दो मित्रवत पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगा।
प्रश्न - सैन्य अभ्यास सूर्य किरण का आयोजन किन देशों के मध्य किया जाता है?