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भारत-रूस संबंध

(प्रारम्भिक परीक्षा, सामान्य अध्ययन 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध)

संदर्भ 

  • हाल ही में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस की दो दिवसीय यात्रा संपन्न की है। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली रूस यात्रा है।
  • इस यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत एवं रूस के बीच “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” तथा दोनों देशों के लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास में विशिष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल" से सम्मानित किया।
    • “ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल” सम्मान ज़ार पीटर द ग्रेट द्वारा वर्ष 1698 में यीशु के पहले दूत और रूस के संरक्षक संत सेंट एंड्रयू के सम्मान में स्थापित किया गया था। 

यात्रा से संबंधित प्रमुख तथ्य

  • रूस की सेना में शामिल 'गुमराह' किए गए भारतीयों की रिहाई पर सहमति।
  • 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य।
  • भारत द्वारा रूसी शहर कज़ान और येकातेरिनबर्ग में नए वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा।
  • रूस की सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटॉम द्वारा भारत में छः नई परमाणु ऊर्जा इकाइयों के निर्माण की संभावना पर चर्चा।
    • रोसाटॉम ने इससे पहले वर्ष 2022 और 2023 में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र को परमाणु ईंधन की आपूर्ति की थी।
  • विदित है कि, 
  • येकातेरिनबर्ग यह रूस का चौथा सबसे बड़ा शहर है जो एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र के रूप में उभरा है। 
    • इस शहर ने वर्ष 2018 में चार फीफा विश्व कप मैचों की मेजबानी की थी।
  • कज़ान : वोल्गा और कज़ानका नदियों के संगम पर स्थित, कज़ान एक सांस्कृतिक व शैक्षिक केंद्र तथा रूस में एक उभरता हुआ आर्थिक केंद्र है। 
    • अक्टूबर में कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन प्रस्तावित है।

भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों का इतिहास

  • राजनयिक संबंध की स्थापना :  भारत और सोवियत संघ के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध भारत की स्वतंत्रता से पूर्व अप्रैल 1947 में स्थापित हुए।
  • भारत-सोवियत मैत्री संधि : भारत-पाक युद्ध (1971) के दौरान रूस ने भारत का समर्थन किया, जबकि अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन किया था।
  • भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर घोषणा :  अक्टूबर 2000 में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान “भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी घोषणा” पर हस्ताक्षर किए गए।
  • विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी : वर्ष 2010 में रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच के रणनीतिक साझेदारी को “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” के स्तर तक बढ़ाया गया।
  • 2+2 वार्ता की शुरुआत :  दिसंबर 2021 में, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति पुतिन के बीच शिखर-स्तरीय वार्ता के साथ-साथ पहली 2+2 वार्ता (दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री) के साथ द्विपक्षीय सहयोग में एक नया आयाम जोड़ा गया।

भारत-रूस के मध्य सहयोग के क्षेत्र 

व्यापार एवं आर्थिक संबंध

  • द्विपक्षीय व्यापार : भारतीय वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 65.70 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। 
    • रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले से पहले दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को 30 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। 
    • इस अवधि के दौरान भारत का निर्यात $4.26 बिलियन और आयात #61.44 बिलियन था।
    • भारत से निर्यात की प्रमुख वस्तुओं में फार्मास्यूटिकल्स, कार्बनिक रसायन, विद्युत मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, लोहा और इस्पात शामिल हैं।
    • रूस से आयात की प्रमुख वस्तुओं में कच्चा तेल व पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, खनिज संसाधन, कीमती पत्थर व धातु, वनस्पति तेल शामिल हैं। 
  • द्विपक्षीय निवेश : दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश मजबूत बना हुआ है और वर्ष 2025 तक 50 बिलियन डॉलर का संशोधित लक्ष्य प्राप्त किया है।
  • ऊर्जा के क्षेत्र में :  रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद फरवरी 2022 और 2023 के बीच, रूस से भारत का तेल आयात भारत के सकल तेल आयात का 1 प्रतिशत (3.6 मिलियन टन) से बढ़कर 40 प्रतिशत (56 मिलियन टन) हो गया।

रक्षा एवं सुरक्षा 

  • ऐतिहासिक सहयोग : शीत युद्ध के दशकों के दौरान सोवियत संघ भारत के रक्षा उपकरणों का मुख्य आपूर्तिकर्ता था। भारत के 60-70% रक्षा उपकरण रूसी और सोवियत मूल के हैं।
  • संयोजक प्राधिकरण : रक्षा के क्षेत्र में सहयोग, भारत-रूस अंतरसरकारी आयोग और सैन्य एवं सैन्य-तकनीकी सहयोग (IRIGC-M&MTC) तंत्र द्वारा निर्देशित है, जिसकी अध्यक्षता दोनों देशों के रक्षा मंत्री करते हैं।
    • 20वीं IRIGC-M&MTC बैठक दिसंबर 2021 में आयोजित की गई थी।
  • सैन्य अभ्यास : दोनों देशों की सेनाओं के सभी अंग द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सैन्य अभ्यासों में भाग लेते हैं। 
    • द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास INDRA पिछली बार वर्ष 2021 में आयोजित किया गया था। 
    • वोस्तोक जैसे बहुपक्षीय अभ्यासों में भी दोनों देश भाग लेते हैं।
  • द्विपक्षीय परियोजनाएँ :  इसके अंतर्गत S-400 की आपूर्ति, T-90 टैंकों और Su-30 MKI का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन, MiG-29 और कामोव हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति, INS विक्रमादित्य (एडमिरल गोर्शकोव), भारत में Ak-203 राइफलों का उत्पादन और BrahMos मिसाइलें शामिल हैं। 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

  • भारत और रूस बुनियादी विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, गणित एवं भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (गगनयान), नैनो प्रौद्योगिकी व क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों पर मिलकर काम कर रहे हैं।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर द्विपक्षीय सहयोग वर्ष 2021 में नई दिल्ली में 21वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के लिए नए रोडमैप द्वारा निर्देशित है।
  • भारत का किसी दूसरे देश (रूस) के साथ स्थापित एकमात्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र तमिलनाडु में स्थित कुडनकुलम परमाणु संयंत्र है।

शैक्षणिक क्षेत्र 

  • भारतीय छात्र रूस में इंजीनियरिंग, अर्थशास्त्र, विज्ञान और अन्य विषयों जैसे विषयों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में नामांकित हैं। रूस में अध्ययन करने वाले भारतीय छात्रों में सबसे बड़ा समूह मेडिकल छात्रों का है।
  • हिंदी, संस्कृत और पाली जैसी भारतीय भाषाओं के अलावा कई रूसी विश्वविद्यालयों में इंडोलॉजी पढ़ाई जाती है। इंडोलॉजी से तात्पर्य भारत, इसके लोगों, संस्कृति, भाषाओं और साहित्य के अकादमिक अध्ययन से है।
  • दोनों देश स्मार्ट मोबिलिटी, एग्री-टेक, स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा जैसे विभिन्न फोकस क्षेत्रों में नवाचारों पर सहयोग कर रहे हैं।
  • इसी क्रम में, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने संयुक्त रूप से सोची, रूस के शैक्षणिक संस्थान (2018) और IIT दिल्ली (2019) का दौरा किया।

सांस्कृतिक सहयोग

  • भारत और रूस के बीच गहरे और ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंध हैं। 
    • प्रसिद्ध रूसी कलाकार और दार्शनिक निकोलस रोरिक अपने जीवन के अंतिम समय में हिमाचल प्रदेश में बस गए।
    • लियो टॉल्स्टॉय और अलेक्जेंडर पुश्किन जैसे लेखकों का भारतीय साहित्य व विचारों पर गहरा प्रभाव देखा जा सकता है।
  • मास्को स्थित जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र (JNCC) प्रमुख रूसी संस्थानों के साथ घनिष्ठ सांस्कृतिक सहयोग स्थापित करता है।
  • भारतीय सिनेमा और योग भी रूस में बेहद लोकप्रिय है।

नागरिक संबंध 

  • दोनों देशों द्वारा ई-वीजा की सुविधा ने लोगों के बीच आपसी संबंध मजबूत करने में मदद की है।
  • रूस-भारत के राजनीतिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाने में योगदान देने वाले प्रमुख भारतीयों को रूसी राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • वर्ष 2024 के यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार "द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल" से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार की घोषणा वर्ष 2019 में की गई थी।

भारत- रूस संबंध : प्रमुख चुनौतियाँ

  • रूस- चीन संबंध :  रूस और चीन अपने सैन्य सहयोग को बढ़ा रहे हैं, संयुक्त आर्थिक गतिविधियों में भाग ले रहे हैं एवं कूटनीतिक मोर्चों पर एकजुट हो रहे हैं। यह स्थिति पारंपरिक भारत- रूस संबंधों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
  • पाकिस्तान के साथ बढ़ती नज़दीकी :  हाल के वर्षों में रूस ने पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश की है, जो भारत-अमेरिका संबंधों के बीच बढ़ती नजदीकी की प्रतिक्रिया हो सकती है।
  • भारत के लिए कूटनीतिक दुविधा : भारत ने पिछले दो दशकों में अमेरिका से 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर के हथियार खरीदे हैं।
    • भारत के समक्ष अमेरिका के साथ “व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी” एवं रूस के साथ “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी” के बीच चयन करने की दुविधा है। 
    • रक्षा आपूर्ति के लिए भारत की रूस से परे, फ्रांस और इज़राइल के साथ भी नजदीकी बढ़ी है।
  • रूस- यूक्रेन संघर्ष : विभिन्न मंचों पर भारत ने रूस के विरोध से परहेज किया है। दूसरी ओर रूस के साथ भारत के बढ़ते ऊर्जा और आर्थिक सहयोग को पश्चिमी देशों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
  • भारतीय विदेश नीति पर रूस की चिंता : रूसी अधिकारियों द्वारा समय-समय पर इंडो-पैसिफिक और क्वाड के विचार की आलोचना की गई है।

आगे की राह 

  • विभिन्न मंचों के माध्यम से भारत-रूस संबंधों में जुड़ाव : द्विपक्षीय तालमेल के अलावा, दोनों देश BRICS, रूस-भारत-चीन समूह (RIC), G20, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और SCO सहित विभिन्न बहुपक्षीय संगठनों के सदस्य हैं, जहाँ परस्पर महत्व के मुद्दों पर सहयोग के अवसर मौजूद हैं।
  • सुरक्षा परिषद में सहयोग : रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सदस्य है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर सहित विभिन्न मुद्दों पर भारत का समर्थक रहा है। तो वर्तमान यूक्रेन संकट की स्थिति में भारत भी समय- समय पर प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रूस का पक्ष लेता रहा है, जो भारत- रूस संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • संबंधों के लिए नए आयामों की खोज : भारत और रूस के रिश्ते केवल रक्षा एवं ऐतिहासिक संबंधों के आधार पर कायम नहीं रह सकते हैं। 
    • अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में चल रहे प्रणालीगत बदलावों के साथ, एक मजबूत आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी बनाने के लिए सहयोग के नए आयाम खोजने की जरूरत है। 
    • वस्तुतः दोनों देश आतंकवाद निरोध, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं।

निष्कर्ष 

भारत-रूस साझेदारी समकालीन युग में दुनिया के सबसे स्थिर रिश्तों में से एक रही है, जिसमें बहुध्रुवीय दुनिया के लिए साझा प्रतिबद्धता है और यह सैन्य, परमाणु एवं अंतरिक्ष सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों से आगे भी बढ़ रही है। कई कनेक्टिविटी पहलें भी द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारा। इसके अलावा, दोनों देश रूसी सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास में सहयोग को मजबूत करने और आर्कटिक क्षेत्र में अनुसंधान, रसद व प्रशिक्षण में एक साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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