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भारत का पहला समुद्री मध्यस्थता केंद्र

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : संस्थाएँ और मंच)

संदर्भ

  • गुजरात मैरीटाइम यूनिवर्सिटी (गुजरात समुद्री विश्वविद्यालय) ने ‘गुजरात अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मध्यस्थता केंद्र’ (Gujarat International Maritime Arbitration Centre: GIMAC) को बढ़ावा देने के लिये 21 जून को गिफ्ट सिटी में ‘अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण’ के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
  • यह देश में अपनी तरह का पहला केंद्र होगा, जो समुद्री और शिपिंग क्षेत्र से संबंधित विवादों की मध्यस्थता और पंचाट कार्यवाही का प्रबंधन करेगा।

गुजरात अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मध्यस्थता केंद्र (GIMAC):

  • गुजरात अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मध्यस्थता केंद्र एक समुद्री क्लस्टर का हिस्सा होगा। इसे ‘गुजरात मैरीटाइम बोर्ड’ (GMB) गांधीनगर में गिफ्ट सिटी में स्थापित कर रहा है।
  • इसके लिये गुजरात मैरीटाइम बोर्ड ने गिफ्ट हाउस में भूमि किराए पर ली है, जो विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) का हिस्सा है।

आवश्यकता

  • भारत में 35 से अधिक मध्यस्थता केंद्र हैं।हालाँकि, इनमें से कोई भी विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र से संबंधित नहीं है।
  • भारतीय इकाईयों से जुड़े मध्यस्थता संबंधी मुद्दों की सुनवाई वर्तमान में सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में की जाती है।
  • समुद्री और शिपिंग संबंधी विवादों पर केंद्रित एक विश्व स्तरीय मध्यस्थता केंद्र बनाने का विचार है, जो भारत में परिचालन करने वाली संस्थाओं/इकाईयों के बीच वाणिज्यिक और वित्तीय विवादों को हल करने में मदद कर सकता है।
  • उल्लेखनीय है कि विश्व स्तर परलंदन समुद्री और शिपिंग क्षेत्र के लिये मध्यस्थता का पसंदीदा केंद्र है।
  • शिप लीजिंग और ब्रोकिंग सेवाओं से युक्त इस समुद्री क्लस्टर को दुबई और सिंगापुर जैसे अपतटीय क्षेत्रों में स्थित सभी समुद्री और शिपिंग व्यवसाय को आकर्षित करने के इरादे से स्थापित किया जा रहा है।
  • विदित है कि ‘मध्यस्थता’ एक अतिरिक्त समुद्री सेवा है, जिसे गुजरात मैरीटाइम क्लस्टर के अंदर प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा हैं। इसे गिफ्ट सिटी के भीतर निर्मित किया जा रहा है।
  • इसकी आवश्यकता को एक उदाहरण से समझा जा सकता है। उदाहरण के लिये, यदि किसी जहाज का मालिक एक अलग देश का है और जहाज को पट्टे पर देने वाला व्यक्ति दूसरे देश का है तो उनके बीच उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद को इस केंद्र के तहत हल किया जा सकता है।

परियोजना की वर्तमान स्थिति

  • इस मध्यस्थता केंद्र के लिये कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।अगले कुछ महीनों में मध्यस्थों का एक पैनल भी चुना जाएगा।
  • गुजरात अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मध्यस्थता केंद्र के लिये एक 10-सदस्यीय सलाहकार बोर्ड बनाया गया है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ और पेशेवर शामिल हैं। ये मध्यस्थता केंद्र के लिये नियम बनाने और मध्यस्थों को सूचीबद्ध करने में मदद करेंगे।
  • गुजरात समुद्री विश्वविद्यालय के निदेशक प्रोफेसर एस. शांताकुमार को इस मध्यस्थता केंद्र का निदेशक नियुक्त किया गया है।
  • गुजरात मैरीटाइम बोर्ड ने हांगकांग मैरीटाइम आर्बिट्रेशन ग्रुप सहित विभिन्न वैश्विक वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्रों से गुजरात अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मध्यस्थता केंद्र की स्थापना के लिये विदेशी सहयोग की माँग की है।हालाँकि, अभी तक कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है।
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