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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

भारत का पहला स्लेंडर लोरिस अभयारण्य

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - स्लेंडर लोरिस, कडावुर फारेस्ट रिज़र्व, तमिलनाडु में अन्य संरक्षित क्षेत्र)

चर्चा में क्यों 

  • तमिलनाडु सरकार ने कडावुर फारेस्ट रिज़र्व में भारत की पहली स्लेंडर लोरिस सेंचुरी को अधिसूचित किया।

स्लेंडर लोरिस

  • स्लेंडर लोरिस भारत, श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व एशिया में मिलने वाले लोरिनाए (Lorinae) कुल के प्राणी होते हैं।
  • इनकी दो प्रजातियां होती हैं- श्रीलंका में पाए जाने वाले रेड स्लेंडर लोरिस और भारत में पाया जाना वाल ग्रे स्लेंडर लोरिस। 
  • स्लेंडर लोरिस एक छोटे निशाचर स्तनपायी हैं, जो वनों में रहते हैं और धीमी गति से पेड़ों पर चलते हैं। तथा अपने जीवन का अधिकांश समय पेड़ों पर ही बिताते हैं।
  • भारत में स्लेंडर लोरिस को अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नाम से जाना  जाता है -
    • इसे तेलुगू में देवांगा पिल्ली या आरावी पापा,तुलू में काडा नारामणि और मराठी में वानर मनुष्य कहते हैं। 
  • ये उष्णकटिबंधीय वर्षावनों, झाड़ियों वाले जंगल, अर्द्ध पर्णपाती वन में और दलदली इलाकों के आसपास मिलते हैं। 
  • ये आमतौर पर कीड़े, सरीसृप तथा पौधों के नए तने और फलों को खाते हैं।
  • यह कृषि फसलों में कीटों के जैविक शिकारी के रूप में कार्य करते है, और किसानों को लाभ पहुंचाते है।

स्लेंडर लोरिस के समक्ष संकट

  • चिकित्सकीय प्रयोग होने के कारण इनका शिकार होना।
  • विद्युत तारों से टकराव।
  • सड़क दुर्घटनाएं।
  • उष्णकटिबंधीय वर्षा वन आवास का विनाश।
  • स्लेंडर लोरिस IUCN की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल है। 
  • ये वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की  अनुसूची- I में शामिल है। 
  • तथा CITES के परिशिष्ट- II के अंतर्गत आते है। 

कडावुर फारेस्ट रिज़र्व

  • यह अभयारण्य तमिलनाडु के करूर और डिंडीगुल जिलों में 11,806 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है।
  • 2016-17 के दौरान की गई वन्यजीव जनगणना ने कडावुर रिजर्व फॉरेस्ट में स्लेंडर लोरिस लकी संख्या 3,500 थी। 
  • इस फोरेस्ट रिज़र्व  में भारतीय बाइसन, चित्तीदार हिरण, स्लेंडर लॉरिज, काला खरगोश, मॉनिटर छिपकली, पैंगोलिन आदि पाए जाते हैं।

तमिलनाडु  द्वारा हाल ही में किये गए वन्यजीव संरक्षण के अन्य प्रयास

  • पाल्क खाड़ी में भारत का पहला डुगोंग संरक्षण रिजर्व।
  • विल्लुपुरम में काजुवेली पक्षी अभयारण्य।
  • तिरुपुर में नांजरायन टैंक पक्षी अभयारण्य।
  • तिरुनेलवेली में अगस्त्यमलाई में राज्य का पांचवां हाथी रिजर्व।
  • इसके अतिरिक्त 13 वेटलैंड को रामसर स्थल घोषित किया गया।

तमिलनाडु में अन्य संरक्षित क्षेत्र 

  • कालक्काड़ मुंडनतुराई वन्यजीव अभयारण्य।
  • गुइंडी राष्ट्रीय उद्यान।
  • मन्नार मरीन नेशनल पार्क।
  • अन्नामलाई टाइगर रिजर्व।
  • अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व।
  • मदुमलाई नेशनल पार्क।
  • मुकुर्थी नेशनल पार्क।
  • वेदांथंगल पक्षी अभयारण्य।
  • कारिकिली पक्षी अभयारण्य।
  • मन्नार बायोस्फीयर रिजर्व की खाड़ी।
  • नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व। 
  • अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व।
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