चर्चा में क्यों
सूरत में ‘संसाधित स्टील स्लैग’ (औद्योगिक अपशिष्ट) से सड़क का निर्माण किया गया है। ऐसा करने वाला यह देश का पहला शहर बन गया है। यह सार्वजनिक सड़क मार्ग हजीरा उद्योग क्षेत्र में स्थित है।
प्रमुख बिंदु
- इस सड़क का निर्माण नीति आयोग, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (CSIR), केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI), केंद्रीय इस्पात मंत्रालय एवं हजीरा स्थित आर्सेलरमित्तल-निप्पॉन स्टील (AM/NS) के एक संयुक्त उद्यम परियोजना के हिस्से के रूप में किया जा रहा है।
- इस परियोजना की शुरुआत ‘वेस्ट टू वेल्थ’ और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पहल के तहत की गई है।
लाभ
- संसाधित स्टील स्लैग से सड़क के निर्माण की लागत प्राकृतिक रूप से निर्मित सड़कों की तुलना में 30% कम होती है। इस सड़क की मोटाई भी सामान्य की तुलना में 30% कम होती है।
- इसके निर्माण में किसी प्रकार की ब्लास्टिंग, ड्रिलिंग या क्रशिंग की आवश्यकता नहीं होती है।
- साथ ही, इससे वायु एवं भूमिगत जल को प्रदूषित करने वाले स्लैग के टीलों से भी छुटकारा मिलेगा। स्टील उद्योग से 20 मिलियन टन वार्षिक स्टील स्लैग निकलता है। वर्ष 2030 तक देश में 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य है, जिससे 45 मिलियन टन वार्षिक स्टील स्लैग निकलेगा।
- इस प्रक्रिया से सड़क निर्माण गतिविधि में हरित गृह गैस उत्सर्जन और कार्बन पदचिह्न के कम होने की उम्मीद है। साथ ही, यह समावेशी एवं टिकाऊ औद्योगीकरण तथा हरित प्रौद्योगिकियों के माध्यम से लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिये सतत विकास लक्ष्य-9 के लिये भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
- स्टील स्लैग से निर्मित सड़कों के निर्माण का खर्च सीमेंट या कंक्रीट और बिटुमिन से निर्मित सड़कों की तुलना में कम होता है। हालाँकि, सीमेंट या कंक्रीट की सड़क का जीवनकाल 30 वर्ष से अधिक होता है, जबकि स्टील स्लैग से निर्मित सड़क का जीवनकाल लगभग 15 वर्ष होता है।
निर्माण प्रक्रिया
- स्टील अपशिष्ट कचरे के टीले को स्टील स्लैग एग्रीगेट (Steel Slag Aggregate) में परिवर्तित करके इसका निर्माण प्रारंभ हुआ था। यह स्लैग (पिघली हुई सामग्री) लगभग 1,500-1,600 डिग्री सेंटीग्रेड पर जलने वाली स्टील भट्टी से उत्पन्न होता है।
- इस पिघली हुई सामग्री को ठंडा करने के लिये स्लैग गड्ढों में डाला जाता है और फिर स्थाई स्टील स्लैग एग्रीगेट विकसित करने के लिये संसाधित किया जाता है।
- इससे निर्मित सड़क की ऊपरी सतह का तापमान दोपहर में नियमित सड़कों की तुलना में लगभग 1-2 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक होगा। सड़क की ऊपरी सतह के तापमान को बनाए रखने के लिए थर्मोकपल का प्रयोग किया गया है।