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भारत-वियतनाम रक्षा समझौता

चर्चा में क्यों

हाल ही में, भारत और वियतनाम ने लॉजिस्टिक्स समर्थन पर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये। दोनों ने वर्ष 2030 की दिशा में रक्षा साझेदारी पर ‘संयुक्त विजन स्टेटमेंट’ पर हस्ताक्षर किये जो मौजूदा रक्षा सहयोग के दायरे और पैमाने को विस्तृत बनाएगा। 

प्रमुख बिंदु 

  • यह पहला ऐसा बड़ा समझौता है जिस पर वियतनाम ने किसी भी देश के साथ हस्ताक्षर किया है। 
  • भारत द्वारा वियतनाम को दी गई 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रक्षा ऋण सहायता को शीघ्र अंतिम रूप देने पर दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की। 
  • भारत ने वियतनामी सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण के लिए ‘वायु सेना अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल’ में भाषा और आई.टी. लैब की स्थापना के लिये दो सिमुलेटर और मौद्रिक अनुदान देने की घोषणा की। 
  • भारत और वियतनाम 2016 से एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं और रक्षा सहयोग इस साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है। 

क्या होता है लॉजिस्टिक समझौता

  • यह एक प्रशासनिक व्यवस्था हैं जो ईंधन के आदान-प्रदान के लिये सैन्य सुविधाओं तक पहुंच की सुविधा और आपसी समझौते पर प्रावधान तथा लॉजिस्टिक्स समर्थन को सरल बनाता है।
  • भारत ने वर्ष 2016 में अमेरिका के साथ लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) के साथ शुरुआत करते हुए सभी क्वाड देशों एवं फ्रांस, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया सहित कई देशों के साथ लॉजिस्टिक्स समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं। 

रणनीतिक महत्व

  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिये एक महत्वपूर्ण।
  • वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक विजन में एक महत्वपूर्ण भागीदार। 
  • दोनों देश 2000 वर्षों की सभ्यता और सांस्कृतिक संबंधों का समृद्ध इतिहास साझा करते हैं।
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