संदर्भ
हाल ही में, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) और गंगा नदी बेसिन प्रबंधन और अध्ययन केंद्र (cGanga) के द्वारा 5 वें भारत जल प्रभाव शिखर सम्मेलन (India Water Impact Summit - IWIS) का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- भारत जल प्रभाव सम्मलेन 2020, एक पांच दिवसीय सम्मलेन था, जिसमें विश्व भर के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों द्वारा जल संरक्षण, जल सुरक्षा और गंगा नदी के कायाकल्प से सम्बंधित मुद्दों पर चर्चा की गई ।
- इस सम्मेलन का विषय ‘अर्थगंगा - नदी संरक्षण समन्वित विकास’ था।
- इस आयोजन के द्वौरान नार्वे इंस्टीट्यूट ऑफ बायोइकोनॉमी रिसर्च ने भारत में कीचड़ प्रबंधन ढाँचे (sludge management framework) के विकास के लिये cGanga के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (NGRBA) का क्रियान्वयन विंग है। यह पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 2011 से सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक सोसाइटी के रुप में पंजीकृत है।
- एन.एम.सी.जी. का कार्यक्षेत्र मुख्यतः गंगा नदी घाटी है, जिसमें वे राज्य शामिल हैं जहाँ से होकर गंगा नदी गुज़रती है तथा इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली भी सम्मिलित है।
- गंगा नदी बेसिन प्रबंधन और अध्ययन केंद्र (cGanga) की स्थापना वर्ष 2016 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IITK) में की गई थी।
- यह केंद्र, गंगा नदी बेसिन के सतत् विकास के लिये आँकड़ो के संग्रहण एवं सूचना प्रसार के लिये एक उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) है।