प्रारंभिक परीक्षा
(समसामयिक घटनाक्रम)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)
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संदर्भ
भारत एवं जाम्बिया के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने जाम्बिया की द्विपक्षीय यात्रा की और भारत-जाम्बिया संयुक्त स्थायी आयोग के छठें सत्र में भाग लिया।
जाम्बिया-भारत संयुक्त स्थायी आयोग का छठां सत्र
- सह-अध्यक्षता : जाम्बिया के विदेश मंत्री मुलम्बो हैम्बे और विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह द्वारा
- आयोजन : 6 नवंबर, 2024 को लुसाका, जाम्बिया में।
- आयोग का 5वां सत्र वर्ष 2005 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
- चर्चा के विषय : कृषि, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, संस्कृति, शहरी विकास, वित्त, विकास भागीदारी, क्षमता निर्माण, रक्षा, खनिज संसाधन, परिवहन व संचार, स्वच्छता, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा और सहकारिता इत्यादि
संयुक्त स्थायी आयोग सत्र के प्रमुख निष्कर्ष
- कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में सहयोग : भारत द्वारा जाम्बिया को 100 सौर ऊर्जा सिंचाई पंप उपहार में देने के साथ-साथ निजी क्षेत्र की पहल के माध्यम से लघु सिंचाई क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया।
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यक्रम : दोनों पक्षों ने भारत-जाम्बिया प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यक्रम को शीघ्र शुरू करने पर चर्चा की।
- जाम्बिया में 400 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर चर्चा की।
- किफायती आवास निर्माण के क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग पर भी चर्चा की।
- खनिज क्षेत्र : भारतीय पक्ष ने प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर सहायता की पेशकश और खनन क्षेत्र में विशिष्ट निवेश प्रस्तावों की मांग की।
- रक्षा सहयोग : दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की भी समीक्षा की और इस क्षेत्र में संरचित सहयोग प्रदान करने के लिए संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (JDCC) के शीघ्र गठन की आवश्यकता पर बल दिया।
- स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र : जाम्बिया को किफायती मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ प्रदान करने के लिए भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता देने के प्रस्ताव को शीघ्र पूरा करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
- मानवीय सहायता : भारतीय पक्ष ने जाम्बिया में चल रहे सूखे की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और 2500 मीट्रिक टन मक्का के रूप में जाम्बिया को सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
- क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम : नए क्षेत्रों में क्षमता निर्माण का विस्तार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
- व्यापार क्षेत्र : वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 448.39 मिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है और भारत ने जाम्बिया में 5 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश का वचन दिया है।
- बहुपक्षीय सहयोग : भारत ने जाम्बिया को अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस, आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
भारत-जाम्बिया संबंध
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
डॉ. केनेथ कौंडा जैसे ज़ाम्बियन स्वतंत्रता संग्राम नेताओं ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नेता महात्मा गांधी से प्रेरणा ली। विगत कई दशकों में जाम्बिया के लिए भारत एक विश्वसनीय भागीदार व मित्र के रूप में उभरा है। ज़ाम्बियन नेताओं ने इसे ‘हर मौसम और समय की कसौटी पर खरा उतरने वाला मित्र’ बताया है।
राजनायिक संबंध
भारत और ज़ाम्बिया के बीच द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना वर्ष 1964 में जाम्बिया के ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता के पश्चात हुई थी। भारत ने लुसाका में एक भारतीय उच्चायोग जबकि ज़ाम्बिया ने नई दिल्ली में अपना उच्चायोग स्थापित किया है।
द्विपक्षीय सहयोग
- दोनों देशों के संबंध आपसी सम्मान से प्रेरित है और आपसी लाभ के लिए साझेदारी की भावना पर आधारित है।
- जाम्बिया ने जम्मू एवं कश्मीर, आतंकवाद और वर्ष 1998 में भारत के परमाणु परीक्षणों के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का समर्थन किया है।
- जाम्बिया ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे का भी समर्थन किया है।
- भारत तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के माध्यम से जाम्बिया के रक्षा व नागरिक कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए तकनीकी सहयोग प्रदान करता है।
- जाम्बिया के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षित करने में मदद करने के लिए भारतीय सशस्त्र बल कर्मियों को भी जाम्बिया में तैनात किया गया है।
- भारत द्वारा जाम्बिया में सुधार कार्यों हेतु ऋण सहायता भी उपलब्ध की जा रही है।
भारतीय प्रवासी
- जाम्बिया में लगभग 25,000 भारतीय मूल के व्यक्ति रहते हैं, जो कई दशकों पहले जाम्बिया में बस गए थे। वर्तमान में लगभग 5000 भारतीय प्रवासी जाम्बिया में कार्यरत हैं।
- भारतीय मूल के लोगों ने जाम्बिया की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों, यथा- व्यापार, उद्योग, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य तेल, आतिथ्य व परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- भारतीय समुदाय कीमती एवं अर्ध-कीमती पत्थरों के खनन, कृषि, बागवानी व रसायनों में भी अधिक संलंग्न है।
जाम्बिया के बारे में
- अवस्थिति : अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी भाग में स्थित एक स्थलरुद्ध देश
- राजधानी : लुसाका
- सीमा साझा : उत्तर में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, उत्तर-पूर्व में जिम्बाब्वे एवं बोत्सवाना, दक्षिण में नामीबिया और पश्चिम में अंगोला से
- पूर्व नाम : जाम्बिया का क्षेत्र वर्ष 1911 से वर्ष 1964 तक उत्तरी रोडेशिया के नाम से जाना जाता था।
- नामकरण : अक्तूबर 1964 में ब्रिटिश शासन से आज़ाद होने पर इसका नाम ज़ाम्बेजी नदी के आधार पर जाम्बिया कर दिया गया।
- देश की 55% जनसंख्या 2 डालर प्रतिदिन से कम में जीवनयापन करती है।
- यहाँ की वयस्क आबादी का 10% भाग एड्स रोग की चपेट में है।
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