(प्रारम्भिक परीक्षा, सामान्य अध्ययन 2: भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।)
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संदर्भ
हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत की आधिकारिक यात्रा की। इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की “पड़ोसी पहले” की नीति और “विजन सागर” के तहत मालदीव के साथ संबंधों के महत्व को रेखांकित किया।
दोनों देशों के मध्य द्वि-पक्षीय वार्ता की प्रमुख बातें
- भारत ने मालदीव के साथ 750 मिलियन डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किया, जिससे द्वीपीय देश को वर्तमान विदेशी मुद्रा संकट से निपटने में मदद मिलेगी।
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Cooperation : SAARC) मुद्रा स्वैप फ्रेमवर्क 2024-27 के तहत मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण के साथ मुद्रा स्वैप समझौता किया है।
- इसके अनुसार, भारत अमेरिकी डॉलर/यूरो स्वैप विंडो के तहत द्वीपीय राष्ट्र को 400 मिलियन डॉलर तथा भारतीय रुपये स्वैप विंडो के तहत 357 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है।
- यह मुद्रा विनिमय समझौता 18 जून, 2027 तक वैध रहेगा।
इसे भी जानिए
सार्क मुद्रा विनिमय ढाँचा 15 नवंबर, 2012 को लागू हुआ था, जिसका उद्देश्य अल्पकालिक विदेशी मुद्रा तरलता आवश्यकताओं या अल्पकालिक भुगतान संतुलन भार के लिए वित्तपोषण की व्यवस्था को दीर्घकालिक व्यवस्था होने तक बनाए रखना था।
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- मालदीव में RuPay कार्ड की शुरुआत की गई है, जो मालदीव आने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए भुगतान को आसान बनाएगा।
- बेंगलुरु में मालदीव और अड्डू शहर में भारत का एक वाणिज्य दूतावास स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
- भारत की सहायता से निर्मित 700 घरों को मालदीव को सौंपा जाएगा।
- मालदीव राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) की पीठ स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
- केंद्रीय जाँच ब्यूरो एवं मालदीव के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग के मध्य और पुलिस संस्थानों व न्यायिक प्रशिक्षण संस्थानों के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- इस दौरान खेल एवं युवा मामलों में सहयोग के लिए भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
आर्थिक संकट से जूझता मालदीव
- वर्तमान में मालदीव का ऋण उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 110% होने का अनुमान है और यह स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है।
- फिच रेटिंग्स का अनुमान है कि देश का कुल बाह्य ऋण दायित्व वर्ष 2025 में बढ़कर 557 मिलियन डॉलर और वर्ष 2026 तक 1 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगा।
- एजेंसी के अनुसार, अगस्त 2024 के अंत तक मालदीव का विदेशी भंडार केवल 437 मिलियन डॉलर था जो केवल डेढ़ महीने के आयात को पूरा करने के लिए पर्याप्त था।
- वर्ष 2023 के अंत में मालदीव पर भारतीय निर्यात-आयात बैंक (Exim Bank) का लगभग 400 मिलियन डॉलर तथा चीन के निर्यात-आयात बैंक का लगभग 530 मिलियन डॉलर बकाया था।
- विश्व बैंक के अनुसार वर्ष 2022 में GDP वृद्धि दर 13.9 % तक पहुँच गई थी, लेकिन वर्ष 2023 में यह गिरकर केवल 4% रह गई।
- इसका प्रमुख कारण मालदीव के पर्यटन क्षेत्र में भारी गिरावट थी।
- मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति मुइज़्ज़ु के चुनाव के दौरान ‘इंडिया आउट’ अभियान ने भारत-मालदीव संबंध को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया था।
भारत- मालदीव द्विपक्षीय संबंध
राजनयिक संबंध
- भारत और मालदीव प्राचीन काल से ही जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक और वाणिज्यिक संबंध साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच संबंध घनिष्ठ, सौहार्दपूर्ण और बहुआयामी रहे हैं।
- वर्ष 1965 में मालदीव की स्वतंत्रता के बाद भारत उसको मान्यता देने के साथ ही राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।
- वर्ष 1988 के तख्तापलट के प्रयास के दौरान भारत की त्वरित सहायता से मालदीव के साथ विश्वास और दीर्घकालिक एवं मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का विकास हुआ।
आर्थिक एवं व्यापारिक संबंध
- भारत और मालदीव ने वर्ष 1981 में आवश्यक वस्तुओं के निर्यात से संबंधित एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किया।
- वर्ष 2021 में भारत-मालदीव द्विपक्षीय व्यापार 300 मिलियन अमरीकी डॉलर तथा वर्ष 2022 में यह 500 मिलियन अमरीकी डॉलर के आंकड़े को भी पार कर गया।
- द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि के कारकों में सितंबर 2020 में दोनों देशों के बीच मालवाहक पोत सेवा के शुभारंभ और फरवरी 2021 से विभिन्न ऋण सहायता परियोजनाओं की शुरुआत शामिल है।
- मालदीव सरकार ने व्यापारिक उद्देश्यों के लिए मालदीव आने वाले भारतीयों के लिए फरवरी 2022 में वीजा-मुक्त प्रवेश प्रदान किया है।
- वर्ष 2023 में भारत मालदीव का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार बनकर उभरा है।
- मालदीव से भारत को प्रमुख आयात:भारत द्वारा मालदीव से आयात में मुख्य रूप से स्क्रैप धातुएं शामिल हैं।
- भारत द्वारा मालदीव को किए जाने वाले मुख्य निर्यात : भारत द्वारा मालदीव को निर्यात की प्रमुख मदों में विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग एवं औद्योगिक उत्पाद जैसे दवाएं और फार्मास्यूटिकल्स, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर, एग्रीगेट्स, सीमेंट और कृषि उत्पाद जैसे चावल, मसाले, फल, सब्जियां और पोल्ट्री उत्पाद आदि शामिल हैं।
- अगस्त, 2022 में राष्ट्रपति सोलिह की भारत की यात्रा के दौरान मालदीव से भारत को शुल्क मुक्त टूना निर्यात की सुविधा की घोषणा की गई थी।
- 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन्स ऑफ़ क्रेडिट :
- भारतीय वित्त मंत्रालय, मालदीव सरकार और एक्ज़िम बैंक ऑफ़ इंडिया के बीच 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर के लाइन्स ऑफ़ क्रेडिट समझौते पर मार्च 2019 में हस्ताक्षर किए गए थे।
- अक्टूबर 2022 में 100 अमेरिकी डॉलर के पूरक लाइन्स ऑफ़ क्रेडिट पर हस्ताक्षर किए गए थे।
पर्यटन
- मालदीव की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन क्षेत्र पर आधारित है जो विदेशी मुद्रा आय और सरकारी राजस्व का प्रमुख स्रोत है।
- वर्ष 2020 में कोविड महामारी के दौरान भारत, मालदीव के लिए सबसे बड़ा स्रोत बाजार था।
- वर्ष 2021 से 2023 तक मालदीव के पर्यटन बाज़ार में भारतीय पर्यटकों की शीर्ष हिस्सेदारी थी।
- मार्च 2022 में, भारत और मालदीव ने एक खुले आसमान की व्यवस्था (open skies arrangement) के लिए सहमति व्यक्त की, जो दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क को और बेहतर बनाती है।
रक्षा सहयोग
- रक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए अप्रैल 2016 में दोनों देशों के मध्य एक व्यापक कार्य योजना पर भी हस्ताक्षर किए गए।
- भारत ने रक्षा प्रशिक्षण एवं उपकरणों की मालदीव की आवश्यकताओं को पूरा करने में बहुत लचीला एवं समायोजनकारी दृष्टिकोण अपनाया है।
- भारत और मालदीव के बीच 5वीं रक्षा सहयोग वार्ता 06 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की गयी।
- यह वार्ता जुलाई 2016 में शुरू की गई थी।
- वर्तमान में भारत और मालदीव के बीच 3 प्रमुख संयुक्त अभ्यास आयोजित किए जाते हैं:
- द्विपक्षीय अभ्यास: ‘एकुवेरिन’ और ‘एकथा’
- त्रिपक्षीय अभ्यास : ‘दोस्ती’
- दोस्ती सैन्य अभ्यास में भारत और मालदीव के अलावा श्रीलंका भी शामिल है।
- एकुवेरिन के 12वें संस्करण का आयोजन 11 से 24 जून 2023 तक चौबटिया, उत्तराखंड में किया गया।
- फरवरी 2024 में, माले में आयोजित त्रिपक्षीय अभ्यास ‘दोस्ती’ में बांग्लादेश पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुआ था।
- भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संयुक्त अभ्यास, समुद्री क्षेत्र जागरूकता तथा बुनियादी ढाँचे के विकास तक विस्तृत है।
- रक्षा क्षेत्र में प्रमुख परियोजनाओं में मालदीवियन नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) के लिए समग्र प्रशिक्षण केंद्र, तटीय रडार प्रणाली, रक्षा मंत्रालय के नए मुख्यालय का निर्माण और ‘एकथा’ बंदरगाह का निर्माण शामिल है।
- भारत MNDF के लिए सबसे अधिक संख्या में प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करता है, जो उनकी रक्षा प्रशिक्षण आवश्यकताओं का लगभग 70% पूरा करता है।
- MNDF के कई डॉक्टरों को सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय, पुणे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन
- MNDF भारत द्वारा आयोजित नियमित रूप से मानवीय सहायता और आपदा राहत, खोज एवं बचाव, प्रदूषण नियंत्रण एवं अन्य अभ्यासों में भाग लेता है।
- भारत MNDF के लिए अग्नि और बचाव सेवा प्रशिक्षण भी चला रहा है।
- अगस्त, 2022 में भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और मालदीव गणराज्य के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बीच समझौता एक समझौता पर हस्ताक्षर किया गया।
- इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में तैयारी, प्रतिक्रिया और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों को मजबूत करना है।
- वर्ष 2004 की सुनामी के दौरान भारत मालदीव की सहायता करने वाला पहला देश था और लगभग यही भूमिका दिसंबर 2014 में माले में जल संकट के दौरान भी देखी गई।
भारत द्वारा निष्पादित विकास सहायता परियोजनाएँ
- इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल (IGMH) :
- इसका निर्माण वर्ष 1995 में भारतीय अनुदान सहायता से किया गया था।
- भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित IGMH का नवीनीकरण जून 2017 में 52 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ।
- दिवंगत विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने मार्च 2019 में IGMH के जीर्णोद्धार को मालदीव के लोगों को समर्पित किया था।
- मालदीव तकनीकी शिक्षा संस्थान (जिसे अब मालदीव पॉलिटेक्निक कहा जाता है):
- मालदीव तकनीकी शिक्षा संस्थान की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर मार्च 1992 में हस्ताक्षर किए गए थे।
- भारत द्वारा 12 करोड़ रुपये की लागत से इसे पूरा करके सितंबर 1996 में मालदीव सरकार को सौंप दिया गया।
- भारत-मालदीव आतिथ्य और पर्यटन अध्ययन संकाय :
- इस संकाय की आधारशिला पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मालदीव के राष्ट्रपति गयूम ने सितंबर 2002 में रखी थी।
- 64.5 करोड़ रुपये की भारतीय अनुदान सहायता से निर्मित संकाय को आधिकारिक तौर पर फरवरी 2014 में मालदीव सरकार को सौंप दिया गया था।
- मालदीव में शिक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी अपनाने का कार्यक्रम :
- मालदीव के शिक्षकों एवं युवाओं को आईसीटी प्रशिक्षण और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित यह परियोजना जून 2011 में शुरू की गई थी।
- यह परियोजना दिसंबर 2013 में समाप्त हुई थी।
- नेशनल कॉलेज फॉर पुलिस एंड लॉ एनफोर्समेंट :
- यह मालदीव में भारत द्वारा निष्पादित सबसे बड़ी अनुदान (222.98 करोड़ रुपये) परियोजना है।
- इस परियोजना का उद्घाटन विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मार्च 2022 में किया था।
- हुकुरु मिस्की का जीर्णोद्धार :
- भारत सरकार 8.95 करोड़ रुपये के भारतीय अनुदान के तहत माले में हुकुरु मिस्की (शुक्रवार मस्जिद) के जीर्णोद्धार का भी समर्थन कर रही है।
- इसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने जून 2019 में की थी।
- ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट
- इस परियोजना का उद्देश्य पुलों, पुलों और सड़कों की एक श्रृंखला के माध्यम से माले को विलिंगिली, गुलहिफाल्हू और थिलाफ़ुशी द्वीपों से जोड़ना है।
- इसका वित्तपोषण भारत से प्राप्त 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता तथा 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान से किया जा रहा है।
सांस्कृतिक संबंध
- शिक्षा एवं क्षमता निर्माण
- भारत ने पारंपरिक रूप से मालदीव के युवाओं को वर्ष 2023-24 के लिए 34 से ज्यादा ICCR छात्रवृत्तियाँ प्रदान की है।
- मालदीव कई वर्षों से भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम का भागीदार रहा है।
- भारत एवं मालदीव संस्थागत संबंधों को मज़बूत करने का प्रयास कर रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप पिछले लगभग 5 वर्षों में दोनों पक्षों के समकक्ष संगठनों के बीच संस्थागत संबंधों में वृद्धि हुई है।
- मानव संसाधन के क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- वर्ष 2019 से, विभिन्न व्यक्तिगत प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए भारत आने वाले मालदीव के छात्रों की कुल संख्या 3100 है।
- भारतीय प्रवासी समुदाय :
- मालदीव में भारतीय प्रवासी समुदाय की संख्या लगभग 27,000 है।
- मालदीव में बड़ी संख्या में डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और फार्मासिस्ट भारतीय नागरिक हैं।
- कई भारतीय नागरिक तकनीशियन, इंजीनियर, प्रबंधक, एकाउंटेंट और आतिथ्य एवं पर्यटन क्षेत्र में विभिन्न द्वीपों/रिसॉर्ट्स में काम कर रहे हैं।
- भारतीय अकुशल श्रमिकों में से ज्यादातर निर्माण क्षेत्र में संलग्न हैं।
- मालदीव में अधिकांश प्रवासी शिक्षक भारतीय नागरिक हैं।
- वर्ष 2022 में, 140,000 से अधिक मालदीववासी विभिन्न चिकित्सा, व्यवसाय, पर्यटन और शिक्षा के उद्देश्यों के लिए भारत आए थे।
आगे की राह
- सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना : भारत समुद्री सुरक्षा सहयोग को और मजबूत कर सकता है, जिसमें समुद्री डकैती एवं तस्करी से निपटने के लिए संयुक्त गश्त और निगरानी पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
- इस संदार्ब में तटीय निगरानी रडार प्रणाली की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है।
- आर्थिक एवं विकासात्मक सहायता : भारत द्वारा मालदीव को वित्तीय सहायता और विकास परियोजनाएँ प्रदान करना जारी रखना चाहिए।
- सांस्कृतिक एवं शैक्षिक आदान-प्रदान : छात्रवृत्ति एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देना द्विपक्षीय संबंधों को गहरा कर सकता है।
- शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए भारत-मालदीव मैत्री समझौते जैसी पहलों का विस्तार किया जा सकता है।
- आपदा प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन सहयोग : भारत आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण और जलवायु लचीलापन पहलों में मालदीव की सहायता कर सकता है।
- ऐसे में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं पर सहयोग करना एक व्यावहारिक कदम हो सकता है।
- व्यापार संबंधों को बढ़ाना : व्यापार समझौतों का विस्तार करना और प्रमुख वस्तुओं पर टैरिफ कम करना दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुँचा सकता है।
- उदाहरण के लिए, मत्स्य पालन और पर्यटन क्षेत्र इस संदर्भ में व्यापक अवसर प्रदान करता है।
मालदीव: देशनामा
- अवस्थिति : उत्तर-मध्य हिंद महासागर में स्थित द्वीपीय देश।
- 8 डिग्री चैनल मालदीव को भारत के मिनिकॉय द्वीप से अलग करता है।
- संरचना :
- लगभग 1,200 छोटे प्रवाल द्वीप और रेत के टीले से निर्मित जिनमें से लगभग 200 पर जनसंख्या निवास करती है।
- ये क्लस्टरों या एटोल में समूहीकृत हैं।
- स्वतंत्रता : वर्ष 1965 में ब्रिटिश शासन से।
- राजधानी : माले
- भाषाएँ
- आधिकारिक भाषा : धिवेही (मालदीवियन)
- अन्य भाषाएँ : अरबी, हिंदी और अंग्रेज़ी
- जनसंख्या : 528,293
- राजकीय धर्म : इस्लाम
- मुद्रा : मालदीवियन रूफिया।
- मुख्य उद्योग : पर्यटन
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